जिन्होंने जेम्स बॉन्ड पर बनी फ़िल्में देखी हैं, उन्हें नाओमी हैरिस के बारे में पता होगा। जेम्स बॉन्ड की हालिया फिल्मों ‘स्काईफॉल (2012)’ और ‘स्पेक्टर (2015)’ में उन्होंने ‘मिस ईव मनीपैनी’ का किरदार निभाया है। इस साल रिलीज हुई जेम्स बॉन्ड की फिल्म ‘नो टाइम टू डाई’ में भी वो इसी भूमिका में दिखाई दी थीं। अब नाओमी हैरिस ने मनोरंजन इंडस्ट्री में यौन शोषण को लेकर खुलासा किया है। उन्होंने अपना कड़वा अनुभव साझा करते हुए उदाहरण भी दिया है।
‘बॉन्ड गर्ल’ नाओमी हैरिस ने बताया कि कैसे एक ऑडिशन के दौरान एक बड़े अभिनेता ने उन्हें दबोच लिया था। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा व्यथित करने वाली बात ये थी कि इस दौरान फिल्म के निर्माता बस देखते रहे और उन्होंने उस बड़े अभिनेता को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। 45 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि वो खुद को ‘काफी सौभाग्यशाली’ समझती हैं कि उन्हें एक ही ऐसी घटना का सामना करना पड़ा। उन्होंने मनोरंजन इंडस्ट्री में यौन शोषण के स्तर को देखते हुए ये बात कही।
अभिनेत्री ने बताया कि जब वो अपने हिस्से के डायलॉग्स पढ़ रही थीं, तभी उसे बड़े अभिनेता ने अपने हाथ उनके स्कर्ट के ऊपर रख दिया। उन्होंने बताया कि चूँकि वो एक काफी बड़ा स्टार था, इसीलिए वहाँ मौजूद कास्टिंग डायरेक्टर और फिल्म निर्देशक ने भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने हॉलीवुड में इसे सामान्य घटना बताते हुए कहा कि उनके जीवन का एक एकमात्र ‘Me Too’ वाला क्षण है। उन्होंने बताया कि बाद में उस अभिनेता को उस प्रोजेक्ट से निकाल दिया गया था।
#NaomieHarris says she feels “very lucky” to have experienced only one #MeToo incident in her career https://t.co/z5KMtq4whM
— ET Canada (@ETCanada) December 12, 2021
नाओमी हैरिस को हाल ही में ‘Venom: Let There Be Carnage’ फिल्म में भी देखा गया है। उन्होंने 1987 में ही BBC के कार्यक्रम ‘Simon and the Witch’ से बतौर बाल अभिनेत्री मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा था। 2002 में ’28 Days Later’ फिल्म से उन्हें लोकप्रियता मिली। इसके बाद ‘Pirates of the Caribbean’ की दो फिल्मों ‘Dead Man’s Chest (2006) और ‘At World’s End’ ने उन्हें हॉलीवुड में एक स्थापित नाम बना दिया। 2016 में ऑस्कर विजेता फिल्म ‘मूनलाइट’ के लिए उन्हें सहायक अभिनेत्री के कई पुरस्कार व नॉमिनेशन मिले।