चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस के पूरी दुनिया में फैलने पर शुरुआत में अपना मत स्पष्ट न करने की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन सबके निशाने पर है। अभी तक सामने आए आरोपों के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन पर कोरोना वायरस को लेकर चीन की सरकार के प्रति नर्म रवैया रखने का भी आरोप लग रहा है।
दुनिया के तमाम देशों में फैली महामारी का असर भारत पर भी खूब हुआ है, खासकर महाराष्ट्र में। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीज़ होने के बावजूद राज्य सरकार की कार्यप्रणाली की प्रशंसा की है।
डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेद्रोस एधनोम (Tedros Adhanom) ने एक वर्चुअल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इस बारे में कई अहम बातें बताईं। हालाँकि उन्हें खुद कोरोना वायरस के मुद्दे पर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे तमाम देश हैं, जहाँ इस महामारी का असर बहुत ज़्यादा हुआ है।
.@WHO appreciated the efforts taken by Govt Of Maharashtra for focusing on community engagement & the basics of testing, tracing & treating in #Dharavi to control spread of #CoronaVirus@CMOMaharashtra@MahaDGIPR pic.twitter.com/UJX95hvx3g
— MAHA INFO CENTRE (@micnewdelhi) July 11, 2020
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रयासों की सराहना की है। विशेष रूप से दुनिया की सबसे बड़ी बस्ती ‘धारावी’ जहाँ संक्रमण फैलने का ख़तरा सबसे ज़्यादा था, वहाँ की तारीफ की गई है। आश्चर्यजनक यह है कि मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या चरम पर है, फिर भी इसकी तारीफ!
डब्ल्यूएचओ के निदेशक ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा,
“इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया दुनिया के कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने महामारी को रोकने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं। उसमें भी मुंबई स्थित दुनिया की सबसे बड़ी बस्ती ‘धारावी’ जहाँ हालात काफी नियंत्रण में है।”
यह बात उल्लेखनीय है कि मुंबई स्थित धारावी दुनिया की सबसे बड़ी बस्तियों में एक है। केवल 2.5 स्क्वायर किलोमीटर की जगह में फैली इस बस्ती में 6,50,000 लोग रहते हैं। महामारी की शुरुआत में इस जगह को महाराष्ट्र के भीतर कोरोना वायरस का केंद्र माना जा रहा था, जिसकी वजह से पूरा मुंबई क्षेत्र प्रभावित हुआ था।
फिलहाल धारावी में कोरोना वायरस के 291 सक्रिय मामले हैं और 1815 लोग ठीक होकर वापस घर जा चुके हैं। अभी तक धारावी में कोरोना वायरस के कुल 2400 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं मुंबई में कुल 91500 प्रभावित मामले सामने आ चुके हैं और 5241 लोगों की मौत हो चुकी है।
भले धारावी में हालात बेहतर हो रहे हों लेकिन महाराष्ट्र के अन्य शहरों में स्थिति अच्छी नहीं है। महाराष्ट्र की वजह से देश के औसत कोरोना वायरस प्रभावित मरीज़ों की संख्या भी बढ़ रही है। वर्तमान राज्य सरकार को इस मामले पर काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है, सिर्फ महाराष्ट्र में ही कोरोना वायरस के 2.4 लाख मरीज मौजूद हैं।
महाराष्ट्र में पूरे देश के लगभग एक तिहाई संक्रमित लोग हैं। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था दर्शाता हुआ एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक अस्पताल के भीतर मरीज़ बेड साझा करने के लिए मजबूर थे। मुंबई के सियोन अस्पताल में बेड की कमी के चलते दो मरीज़ों को एक ही बेड साझा करना पड़ रहा था।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर मुंबई के अस्पताल का एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें हालात कुछ ऐसे बने हुए थे कि मरीज़ एक के ऊपर एक लेटे हुए थे। कुछ स्ट्रेचर पर लेटे हुए थे तो वहीं कुछ को ज़मीन पर ही लेटाया गया था।
सियोन अस्पताल का हैरान कर देने वाला एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें मरीज़ों के पास लाशें रखी हुई थीं। बीएमसी द्वारा संचालित जोगेश्वरी अस्पताल का मामला भी सामने आया था, जिसमें अधिकारियों की अनदेखी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हुई।
अंततः इस लापरवाही के चलते दो हफ्ते के भीतर 12 लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र 246600 मरीज़ों से साथ देश में सबसे ज़्यादा कोरोना प्रभावित मरीज़ों का राज्य बना हुआ है। इसके अलावा राज्य में 8993 मौतें भी हो चुकी हैं। केवल मुंबई में ही रिकॉर्ड 91547 मरीज़ मिल चुके हैं, जिसमें से 5241 की मौत हो चुकी है।