कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी का एक वीडियो तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वो नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी के साथ पार्टी करते हुए दिख रहे हैं। होउ यांकी वही है, जिस पर हनीट्रैपिंग का सहारा लेकर अपने देश का हित साधने के आरोप लगते रहे हैं। राहुल गाँधी जिस कार्यक्रम में दिख रहे हैं, वो सुमनिमा उदास का आयोजन था। सुमनिमा उदास उनकी दोस्त हैं, जिनके निमंत्रण पर राहुल गाँधी नेपाल पहुँचे।
राहुल गाँधी सोमवार (2 मई, 2022) को नेपाल पहुँचे। शाम के 4:40 बजे ‘विस्तारा एयरलाइन्स’ की एक फ्लाइट से उन्होंने वहाँ लैंड किया। एयरपोर्ट पर उनके साथ तीन अन्य लोग भी थे। राहुल गाँधी पिछले कई दिनों से भारत में नहीं हैं। काठमांडू के नक्सल में स्थित मैरियट होटल में राहुल गाँधी और उनके दोस्त ठहरे हुए थे। सुमनिमा उदास की शादी में वो वहाँ शरीक होने गए थे। सुमनिमा के पिता भीम उदास ने इसकी पुष्टि की कि उन्होंने राहुल गाँधी को इस विवाह कार्यक्रम में आने के लिए निमंत्रण भेजा था।
भीम उदास म्यांमार में नेपाल के राजदूत रहे हैं। जहाँ तक सुमनिमा उदास का सवाल है, वो अक्सर भारत विरोधी एजेंडे के कारण सुर्ख़ियों में रहती हैं। जब नेपाल और भारत के बीच नक़्शे को लेकर तनाव चल रहा था, तब भी उन्होंने उस दौरान भड़काऊ बातें की थीं। दरअसल, नेपाल ने मई 2020 में एक नया नक्शा जारी कर के भारत के कुछ हिस्सों को अपना करार दिया था। तब सुमनिमा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ये काम तो दशकों पहले हो जाना चाहिए था।
Nepal issues a new map… should have been done decades ago. Thank you for the write-up @SugamCNN https://t.co/2ImKrmXUVU
— Sumnima Udas (@sumnima_udas) May 22, 2020
सुमनिमा उदास मीडिया संस्थान CNN में बतौर ‘इंटरनेशनल कॉरेस्पोंडेंट’ काम कर चुकी हैं। उन्होंने नेपाल में एक ‘लुम्बिनी म्यूजियम’ की स्थापना की है। बता दें कि लुम्बिनी भगवान बुद्ध की जन्मस्थली भी है। सुमनिमा उदास ने कोरोना महामारी के दौरान भी वैक्सीन को लेकर भारत सरकार के खिलाफ अफवाह फैलाया था। जबकि सच्चाई ये है कि अब तक कोरोना वैक्सीन की 180 करोड़ डोज दे दी है, जबकि 86 करोड़ लोग दोनों डोज ले चुके हैं।
इतना ही नहीं, कोरोना की तीसरी प्रीकॉशनरी डोज भी पौने 3 करोड़ लोगों को दी जा चुकी है। जबकि सुमनिमा उदास ने उस आर्टिकल को आगे बढ़ाया था, जिसमें दावा किया गया था कि पीएम मोदी सही समय पर वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में खरीद में नाकामयाब रहे और यही कई देशों में वैक्सीन की कमी की जड़ समस्या है। जबकि सच्चाई ये है कि भारत ने खुद अपनी स्वदेशी वैक्सीन बनाई और 90 से भी अधिक देशों को वैक्सीन देकर मानवता की मिसाल कायम की।
“The vaccine crisis that stares at the world’s most vulnerable countries today is rooted in Indian Prime Minister Narendra Modi’s mind-boggling reluctance to buy enough vaccines in time,” writes @ Planet_deb https://t.co/KJFuEa3hdd
— Sumnima Udas (@sumnima_udas) May 30, 2021
सुमनिमा उदास को उनकी ‘पत्रकारिता’ के लिए अमेरिका में ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ का सम्मान दिया गया था। अमेरिका के ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म और ऑक्सफ़ोर्ड से मास्टर की डिग्री लेने वाली सुमनिमा उदास को ‘सिने गोल्डन ईगल अवॉर्ड’ भी मिल चुका है। उन्होंने 2001 में CNN में काम करना शुरू किया था। सुमनिमा ने कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट को रीट्वीट किया था। उन्होंने ‘द वायर’ के उस लेख को शेयर किया था, जिसमें लिखा था कि पीएम मोदी वास्तविकता से दूर हैं और उन्होंने सभी संस्थाओं को ख़त्म कर दिया है।
Sad day for a country I adored 💔 #India https://t.co/n0VdQwmEJY
— Sumnima Udas (@sumnima_udas) December 16, 2019
उन्होंने भारत विरोधी वामपंथन अरुंधति रॉय के उस लेख को भी शेयर किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘खतरनाक’ बताते हुए कहा गया था कि भारत सरकार लोगों को महामारी से बाहर निकालने में असफल रही है। जब केंद्रीय विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने गौतम बुद्ध को भारत के महान व्यक्तित्वों में गिना था, तब सुमनिमा उदास ने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने जामिया के उपद्रवियों का भी समर्थन किया था। साथ ही वो भारत में महिलाओं के साथ भेदभाव का दावा करने वाले आर्टिकल को भी आगे बढ़ा चुकी हैं।