अमेरिकी आर्मी समेत दुनिया भर के नेताओं और सरकारों पर तमाम खुलासे करने के वाले विकिलीक्स के मुखिया जूलियन असांजे जेल से छूट गए हैं। असांजे ने अमेरिकी कोर्ट के साथ एक डील कर ली है, इसके बाद उन्हें छोड़ा गया है। जूलियन असांजे इंग्लैंड की जेल में पाँच साल पहले ही काट चुके हैं।
जूलियन असांजे के बारे में उनकी पत्नी स्टेला असांजे ने एक्स (पहले ट्विटर) पर जानकारी देते हुए लिखा, “जूलियन अब आज़ाद हैं, हम शब्दों में आपके प्रति अपनी कृतज्ञता नहीं बता सकते। आपने ही इस सपने को साकार करने के लिए वर्षों तक काम किया है। धन्यवाद।”
Julian is free!!!!
— Stella Assange #FreeAssangeNOW (@Stella_Assange) June 25, 2024
Words cannot express our immense gratitude to YOU- yes YOU, who have all mobilised for years and years to make this come true. THANK YOU. tHANK YOU. THANK YOU.
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जूलियन असांजे के मुक्त होने को लेकर उनकी कम्पनी विकीलीक्स ने लिखा, “जूलियन असांजे रिहा हो गए हैं। बेलमार्श जेल में 1901 दिन बिताने के बाद 24 जून की सुबह वह जेल से बाहर आ गए। लंदन के हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है और दोपहर में स्टैनस्टेड एयरपोर्ट पर उन्हें रिहा कर दिया गया, जहाँ से वह विमान से ब्रिटेन से रवाना हो गए।”
JULIAN ASSANGE IS FREE
— WikiLeaks (@wikileaks) June 24, 2024
Julian Assange is free. He left Belmarsh maximum security prison on the morning of 24 June, after having spent 1901 days there. He was granted bail by the High Court in London and was released at Stansted airport during the afternoon, where he boarded a…
विकीलीक्स ने बताया, ”2×3 मीटर की कोठरी में पाँच साल से अधिक समय तक, दिन में 23 घंटे अलग-थलग रहने के बाद, वह जल्द ही अपनी पत्नी स्टेला असांजे और अपने बच्चों से फिर से मिलेंगे, उनके बच्चे अपने पिता को केवल जेल में बंद जानते हैं। विकीलीक्स ने सरकार के भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन की अभूतपूर्व कहानियाँ प्रकाशित कीं, जिसमें बड़े और ताकतवर लोगों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाया गया। चीफ एडिटर के रूप में, जूलियन ने इन सिद्धांतों और लोगों के जानने के अधिकार के लिए बड़ी कीमत चुकाई।”
कौन हैं जूलियन असांजे?
52 वर्षीय जूलियन असांजे एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार हैं। उन्होंने 2006 में विकीलीक्स नाम की एक संस्था बनाई थी। विकीलीक्स का काम उन लोगों की आवाज को जनता तक पहुँचाना था जो सरकार या बड़ी कम्पनियों के भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहते थे। विकीलीक्स ने इसके लिए इन्टरनेट का जरिया चुना था। वर्ष 2010 में असांजे ने विकिलीक्स के माध्यम से लाखों कागजों को सार्वजनिक कर दिया। इन कागजों से अमेरिकी फ़ौज के ईराक और अफगानिस्तान में ऑपरेशन पर भी काफी जानकारियाँ थी।
इन कागजों में बताया गया था कि कैसे यहाँ अमेरिकी फ़ौज स्थानीय जनता पर अत्याचार कर रही है और साथ ही पकड़े गए लोगों को यातनाएँ दे रही है। इसमें अमेरिका के गुआंतानामो बे में रखे गए कैदियों के साथ हुए पाशविक व्यवहार की जानकारी भी दी गई थी। इसके बाद अमेरिका के खिलाफ दुनिया भर में माहौल बन गया था और उस पर सेना वापस बुलाने का दबाव बनने लगा था। विकिलीक्स ने 2007 में अमेरिकी फ़ौज के एक हेलिकॉप्टर द्वारा किए गए हमले की जानकारी भी दी थी, इसमें 12 निर्दोष मारे गए थे, इनमें से दो पत्रकार थे।
जूलियन असांजे इन लीक्स के बाद लंदन में मौजूद थे, उनके खिलाफ एक महिला ने स्वीडन में यौन शोषण का मुकदमा भी दर्ज करवा दिया था। असांजे के खिलाफ इसके लिए गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया गया था। अमेरिका भी उनके प्रत्यर्पण की माँग कर रहा था। उन्होंने 2012 में लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास से शरण माँगी थी और यहीं रहने लगे थे। उन्होंने शंका जताई थी कि अमेरिका में उनके साथ कुछ भी किया जा सकता है।
जूलियन असांजे को दी गई शरण 2019 में वापस ले ली गई थी। इसके बाद उन्हें लंदन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। वह यहाँ जेल में बंद कर दिए गए थे। उनके प्रत्यर्पण को लेकर अमेरिका ने कई बार इंग्लैंड से अपील की थी लेकिन इंग्लैंड के कोर्ट ने उनका प्रत्यर्पण रोक दिया था।
अमेरिका से क्या डील हुई?
जूलियन असांजे पर अमेरिका में कई मुकदमे चल रहे थे। अमेरिका उन्हें 18 मामलों का सामना करना पड़ रहा था, इन मामलों में दोषी पाए जाने पर अमेरिकी कोर्ट उन्हें 175 साल तक की सजा सुना सकते थे। इसी दौरान असांजे की अमेरिकी न्याय विभाग से बातचीत भी चल रही थी। अब यह जानकारी सामने आई है कि असांजे और अमेरिका के बीच डील हो गई है।
इसके अंतर्गत असांजे अमेरिका में अपने ऊपर लगाए गए एक आरोप में खुद को दोषी मान लेंगे, जिसके तहत उन्हें पाँच वर्ष की सजा दी जाएगी। यह पाँच वर्ष की सजा वह लंदन में पहले ही काट चुके हैं, ऐसे में उन्हें अब जेल नहीं जाना होगा। इस डील के बारे में और जानकारियाँ आगे साफ़ होंगी।