ब्रिटेन में अब एक नया नियम आया है कि महिला संदिग्धों की कपड़े उतार कर तलाशी ऐसे पुलिस अधिकारी भी ले सकते हैं, जिनका जन्म तो पुरुष के रूप में हुआ था लेकिन वो खुद को महिला मानते हैं। अगर महिलाओं ने इस पर आपत्ति जताई तो उन्हें ‘हेट क्राइम’ का दोषी माना जाएगा। इसके तहत नए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत अब ट्रांसजेंडरों को उसी लिंग का माना जाएगा, जिसके तहत वो खुद की पहचान बताते हैं।
अपने शरीर और मन में बदलाव की अवधि के बाद एक ट्रांसजेंडर पुलिसकर्मी उस लिंग के व्यक्तियों को नंगा कर के तलाशी ले सकता है, जिस लिंग के तहत वो खुद की पहचान वर्तमान समय में बताता है। ‘नेशनल पुलिस चीफ्स काउंसिल (NPCC)’ ने ये विवादित सलाह जारी की है। अगर कोई व्यक्ति तलाशी से आपत्ति जताता है तो उसे हटाने की सला तो दी गई है, लेकिन ‘भेदभाव वाले विचार’ के तहत तलाशी से इनकार करने पर ‘हेट क्राइम’ का मामला चलाया जाएगा।
पहले इसे घृणा की घटना के रूप में दर्ज किया जाएगा, लेकिन जरूरत पड़ने पर अपराध की श्रेणी में भी लाया जा सकता है। एक महिला ने इस सम्बन्ध में पुलिस प्रशासन को स्पष्ट करने को कहा था कि महिलाओं की तलाशी किस लिंग के पुलिसकर्मी करेंगे, इसे लेकर उनके पास कोई विकल्प है या नहीं? अब उस महिला ने इस पर हैरानी जताई है। ‘ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों’ की चर्चा हाल में ख़बरों की सुर्खियाँ बनी हुई हैं।
Police officers born male but who now identify as female can search womenhttps://t.co/LCpkq2NP3O
— LBC (@LBC) April 10, 2022
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि बायोलॉजिकल रूप से पुरुष के रूप में जन्मे व्यक्तियों को खेल प्रतियोगिताओं में महिलाओं के साथ हिस्सा नहीं लेना चाहिए। नए दिशानिर्देशों को महिलाओं के ‘सिंगल स्पेस अधिकारों’ का हनन माना जा रहा है। जिस महिला ने इस सम्बन्ध में याचिका दायर की थी, वो रेप की पीड़िता है। फायरएआरएम कर्मचारियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। उनका कहना है कि इस फैसले से महिलाओं को काफी दबाव महसूस होगा।