भारत में कोरोना फैलाने की साजिश रचने वाला व हथियारों का तस्कर जालिम मुखिया को पुलिस ने रविवार (अप्रैल 11, 2020) को गिरफ्तार कर लिया। मुखिया पर आरोप है कि उसने न केवल सीमा पार करके भागे 24 जमातियों को छिपाने का काम किया बल्कि भारत में कोरोना फैलाने की साजिश भी रची और इसके लिए उसने करीब 300 लोगों को मस्जिद में इकट्ठा किया था।
नेपाली मीडिया के अनुसार 1 अप्रैल को रक्सौल बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों ने जमातियों को रोकने का प्रयास किया था, मगर सभी जमाती जबरन नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए थे। यह सभी जमाती पाकिस्तान, इण्डानेशिया व भारत के थे। जिन्हें सीमा पार के बाद जालिम मुखिया ने शरण दी और उन्हें 10 बाइकों की व्यवस्था करके ले गया।
जानकारी के मुताबिक, सीमा पार करने के बाद जालिम मुखिया ने भारतीय व विदेशी सहित 24 तबलीगी जमातियों को छपकैया वार्ड नंबर 2 की मस्जिद व यतीमखाना की मस्जिद में रखा था। जिनकी सूचना मिलते ही नेपाली पुलिस ने इनकी जाँच की। बाद में वहाँ 3 कोरोना संक्रमित पाए गए। संक्रमितों को नारायणी अस्पताल वीरगंज के आइसोलेशन में रखा गया। जहाँ जमातियों ने अस्पताल में कर्मचारियों व पुलिस से दुर्व्यवहार भी किया। वहीं 21 लोगों को स्थानीय सिद्धार्थ स्कूल में क्वारंटाइन किया गया।
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नेपाल के प्रदेश नंबर 2 आंतरिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार नेपाली जिला रौतहट, सप्तरी व सिराहा सहित कुल 349 जमाती थे। नेपाल के सुरक्षाकर्मी इन लोगों को खोज रहे हैं। नेपाली सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नेपाली जिला सुनसरी व मोरंग में गए हैं।
बता दें कि जालीम मुखिया एक हथियार तस्कर है। वह नेपाल बॉर्डर के रास्ते हथियारों की स्मगलिंग करता है। वह नेपाल के जिला पारसा के सेरवा थाना अंतर्गत जग्रनाथपुर गाँव का रहने वाला है। वह परसा जिले के जगन्नाथपुर का मेयर भी है। साथ ही जालिम मुखिया नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी का सक्रिय सदस्य है। इसके अलावा वह माओवादी ग्रुप का भी सदस्य रह चुका है।
गौरतलब है कि जालिम मुखिया की भूमिका के संबंध में एसएसबी की 47वीं वाहिनी के कमाण्डेन्ट ने 3 अप्रैल को पश्चिम चंपारण, बेतिया के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर अलर्ट किया था कि जालिम मुखिया भारत में कोरोना महामारी फैलाने की योजना बना रहा है।
रामगढ़वा में तैनात एसएसबी के कमाण्डेन्ट ने डीएम और एसपी को लिखे अपने पत्र में आगाह करते हुए कहा था कि विभिन्न इस्लामी मुल्कों काम करने वाले करीब 200 भारतीय और 5-6 पाकिस्तानी काठमांडू के जरिए नेपाल पहुँच चुके हैं। जोकि नेपाल के चंदनबसरा तथा खैरवा की मस्जिद और मदरसे में रुके हुए हैं। 3 अप्रैल को लिखे गए इस पत्र में उस दिन भी समुदाय विशेष के 40-50 और भारतीयों के यहाँ पहुँचने की बात कही गई थी।