राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने दावा किया है कि उन्हें पुलवामा आत्मघाती हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के पुख़्ता सबूत मिले हैं। NIA द्वारा जुटाए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और एक स्थानीय हैंडलर सहित चार से पाँच जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आतंकवादी पुलवामा हमले की योजना बनाने से लेकर उसे अंजाम देने तक में शामिल थे।
इस हमले से जुड़ा एक और सच सामने आया है कि जिस लाल मारुति ईको का इस्तेमाल हमले के लिए किया गया था, वो पाकिस्तानी सेना की थी। इसी ईको में भारी मात्रा में RDX जैसा ख़तरनाक विस्फोटक था। जाँच अधिकारियों ने यह भी बताया कि यह मारुति ईको लगभग आठ साल पहले कश्मीर में पंजीकृत की गई थी, इसका मालिक अभी भी लापता है।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के एक अधिकारी ने OneIndia के साथ बातचीत में खुलासा किया कि हमले से पहले RDX को सीमा पार से कश्मीर में स्थानांतरित कर दिया गया था। RDX को जैश-ए-मोहम्मद के तस्करों द्वारा भारत में लाया गया था। इसके अलावा अधिकारी ने बताया कि चूंकि यह RDX भारी मात्रा में था, इसलिए इसे गुप्त रूप से स्थानांतरित किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों को RDX की आपूर्ति की गई थी, क्योंकि वे आतंकवादियों को ऐसे विस्फोटकों की आपूर्ति पहले से करते आए हैं।
NIA के जाँच अधिकारी ने कहा कि उनके पास हमले में इस्तेमाल किए गए वाहन की पूरी जानकारी है, जिसे कई स्तरों पर जाँचा गया है।
इस मामले की जाँच कर रहे अधिकारियों ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि ऐसी संभावना न के बराबर है कि उस कार में बम फट गया हो और विस्फोट के लिए दूर से ट्रिगर दबाया गया हो। इस हमले को अंजाम देने के लिए अहमद डार ने ही आत्मघाती हमलावर बनकर विस्फोटक को ट्रिगर किया था।
बता दें कि एक कार बम को वाहन-जनित तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (VBIED) के रूप में भी जाना जाता है। तालिबानियों और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों द्वारा इस तरह के कार बम का इस्तेमाल करना आम बात है। इस तरह के तरीके का इस्तेमाल, हमला करने के सबसे घातक तरीकों में से एक है, क्योंकि इससे बड़ी तबाही फैलाई जा सकती है।
पुलवामा हमले से पहले कश्मीर में अब तक कार बम का इस्तेमाल नहीं किया गया था। NIA की जाँच से यह पता चला है कि चूँकि मास्टरमाइंड, मोहम्मद उमैर को अफ़गानिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था, उसने अपने प्रशिक्षण का लाभ उठाते हुए उसका प्रयोग पुलवामा हमले के रूप में किया।
इतने ख़ुलासे के बाद भी पाकिस्तान हमेशा से आतंकवादी गतिविधियों में ख़ुद के शामिल होने को नकारता रहा है, जबकि पुख़्ता तौर पर की गई जाँचों से यह स्पष्ट हो चुका है कि पुलवामा हमला पाकिस्तान के इशारे पर ही हुआ था।