झारखंड में बीजेपी सरकार के रहते आदिवासियों का जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून लाया गया था। लेकिन, राज्य में झामुमो, कॉन्ग्रेस और राजद गठबंधन के सत्तासीन होते ही धर्मांतरण ने जोर पकड़ लिया है। यह दावा विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने किया है।
विहिप के झारखंड-बिहार के क्षेत्रीय संगठन मंत्री केशव राजू और क्षेत्रीय मंत्री वीरेंद्र विमल ने रविवार को रॉंची में पत्रकारों से बात करते हुए इसका खुलासा किया। इनके मुताबिक सत्संग के नाम पर आदिवासियों का जबरन धर्मांतरण हो रहा है। चर्च के एजेंट गॉंवों में हिंदू धर्म के खिलाफ जहर उगल कर इन्हें भड़काते हैं। विहिप ने कहा है कि वह इन एजेंटों की सूची तैयार कर रहा है।
विहिप के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख और राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने ट्वीट कर कहा है, “कोरोना संकट के समय जारी लॉकडाउन में जहॉं समाज का एक बड़ा वर्ग जरूरतमंदों की मदद में लगा रहा, वहीं ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण के खेल में लगी थीं। इस दौरान गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग जिलों में खूब धर्मांतरण कराया गया। यही है मिशनरियों का असली रूप।”
कोरोना संकट के समय जारी लॉकडाउन में जहां समाज का एक बड़ा वर्ग जरूरतमंदों की मदद में लगा रहा, वहीं ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण के खेल में लगी थीं। इस दौरान गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग जिलों में खूब धर्मांतरण कराया गया।यही हैं मिशनरियों का असली रूप।
— Vijay Shankar Tiwari (@VijayVst0502) June 15, 2020
पत्रकारों से बात करते हुए विहिप के पदाधिकारियों ने कहा कि वे धर्मांतरण कराने वाले एजेंटों की सूची जल्द ही प्रशासन को सौंपेंगे। वीरेंद्र विमल ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने जबरन धर्मांतरण पर जान-बूझकर आँख मूॅंद रखा है। इसमें चर्चों की संलिप्तता की ओर इशारा करते हुए उन्हेंने कहा, “लॉकडाउन के दौरान जबरन धर्मांतरण की कई रिपोर्ट हमें मिली है। हम हर मामले में साक्ष्य जुटा रहे हैं। धर्मांतरण ने इस सरकार (महागठबंधन) के सत्ता में आने (दिसंबर 2019 के अंत में) के बाद जोर पकड़ा है।”
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक झारखंड के गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग आदि जिलों में बड़े पैमाने पर ईसाई मिशनरियाँ धर्मांतरण कराने में जुटी हुई हैं। विहिप के पदाधिकारियों की मानें तो झारखंड में जगह-जगह धर्मांतरण कराने के लिए चर्च के एजेंट, पास्टर और नन प्रमुख रूप से लगे हुए हैं।
पदाधिकारियों का कहना है कि लगातार सामने आती घटनाओं को देखकर ऐसा लगता है कि 2017 में धर्मांतरण विरोधी कानून बनने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी प्रलोभन देकर कराए जा रहे धर्मांतरण पर रोक लगाने में नाकाम हैं। झारखंड में लगातार बढ़ती धर्मांतरण की घटनाओं को देखते हुए विहिप ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है और कहा है कि यदि सरकार धर्मांतरण के खेल में लगे लोगों पर कार्रवाई नहीं करती है तो VHP और जनजातीय समाज के लोग राज्य में बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
विहिप के झारखंड-बिहार के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू ने बताया कि कोडरमा के डोमचाच, चंदवारा, जयनगर व गिरिडीह के तीसरी व पीरटांड प्रखंड व लातेहार के गाँवों में चर्च के एजेंट सत्संग के नाम पर हिंदुओं को इकट्ठा करते हैं। इकट्ठा किए गए लोगों को हिंदू धर्म के प्रति भड़काया जाता है।
फिर प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण करवा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पैसे के लोभ में आकर कुछ हिंदू भी ईसाई मिशनरियों के साथ काम करते हैं और धर्मांतरण कराने में ईसाइयों का साथ देते हैं।
राजू ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान इस काम का कोई विरोध करने वाला नहीं था। इसी का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर लोगों का धर्मांतरण कराया गया। उन्होंने दावा किया है कि गिरिडीह में तीसरी प्रखंड के मनोज टुडू व सामेल मुर्मू व पीरटांड़ प्रखंड में पोल टुडू और बेंजामिन सोरेन धर्मांतरण के कार्य में लगे हुए हैं। कुछ इसी तरह लातेहार में विनोद उरांव स्वयं ईसाई बनने के बाद इस काम में आर्थिक सहयोग मिशनरियों को कर रहे हैं।
केशव राजू ने बताया कि अभी हम राज्य के सभी जिलों में धर्मांतरण के काम में लगे लोगों और प्रलोभन में आकर धर्म बदलने वाले लोगों का डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। कार्य को पूरा होते ही इस सूची को प्रशासन को सौंपा जाएगा और प्रशासन पर इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए भी दबाव बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि झारखंड लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में कुल 14 पंचायतें हैं, जिनके अंतर्गत 106 गाँव आते हैं। ये सभी गाँव आज ईसाई बहुल्य हो चुके हैं। अब इसी गति से पलामू के रजहरा, नवाबाजार, चान्या, सुकबेरा, करमा, केराई आदि गाँवों में लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है।
वहीं धर्म जागरण की के सौम्या मिश्रा के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान झारखंड गुमला के करौंदी, करमटोली, वृंदा, जोराग, डीबडीह व लोहरदगा के घाघरा, ताबील, जिलिंगसिरा, अरगी, टोटांबी, नवडीहा आदि गाँवों में धर्मांतरण का खेल फिलहाल जारी है। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि धर्मांतरण के बाद यहाँ के लोगों ने चर्च जाना भी शुरू कर दिया है।