NDTV के तथाकथित धुरंधर एंकर-पत्रकार एक-एक कर के इस चैनल को छोड़ते जा रहे हैं। इस कड़ी में अब नया नाम प्रोपेगेंडा फैलानी वाली पत्रकार निधि राजदान का भी जुड़ गया है। ये वही निधि राजदान हैं जिन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University ) में पत्रकारिता पढ़ाने के लिए ऑफर मिलने की बात कही थी, जो बाद में फर्जी निकला था। हार्वर्ड में पढ़ाने के लिए वह इतनी व्याकुल थीं कि उन्होंने उस वक्त NDTV में अपने 21 साल के करियर को अलविदा कह दिया था।
अब एक नए ट्वीट में उन्होंने फिर से NDTV छोड़ने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “22 से अधिक वर्षों के बाद, यह एनडीटीवी से आगे बढ़ने का समय है। यह एक अद्भुत, रोलर कोस्टर की सवारी रही है, लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि इससे कब उतरना है। अगले कुछ हफ़्ते मेरे लिए NDTV में मेरे लिए आखिरी हैं। इन सभी वर्षों के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।”
After more than 22 years, it is time to move on from NDTV. It has been a wonderful, roller coaster ride but you have to know when to get off. The next couple of weeks are my last. Thank you for the love and support all these years.
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 31, 2023
उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी, 2021 उन्होंने ट्वीट कर अपने साथ हुए कथित ‘गंभीर ऑनलाइन फर्जीवाड़े’ का खुलासा किया था तब प्रोपेगेंडा फ़ैलाने की उनकी आदत की वजह से सोशल मीडिया में कई लोगों ने उनकी मंशा पर शक जाहिर किया था। उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि हार्वर्ड से पत्रकारिता पढ़ाने के लिए उन्हें मिला ऑफर फेक था।
राजदान के अनुसार, उन्हें पता चला था कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता पढ़ाने का जो ऑफर दिया गया था, वह फर्जी है। निधि ने फरवरी 2018 में भी ऑनलाइन फर्जीवाड़े को लेकर एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने बताया कि उनका इनकम टैक्स डिटेल हैक कर लिया गया और उनके सारे डिटेल्स को भारत सरकार के पोर्टल पर बदल दिया गया। उनका कहना था कि उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी इसका कोई अलर्ट का मैसेज नहीं आया। उस समय उन्होंने सरकार से सवाल किया था, “हमें कैसे विश्वास करना चाहिए कि हमारा डाटा सुरक्षित है?”
राजदान ने पाकिस्तान समर्थित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगला था। वह लंदन में ‘The Cost to Britain of the Kashmir Crisis: Is There a Solution?’ नामक एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं । जिओ टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान में ब्रिटेन की भूमिका को तलाशना है। उन्होंने कहा था कि इस कार्यक्रम में इस पर चर्चा की जाएगी कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों का विवाद सुलझाने ब्रिटेन क्या किरदार अदा कर सकता है?
वहीं इससे पहले आत्मविमुग्ध पत्रकार और लोगों को टीवी न देखने और अपना यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करने के लिए कहने वाले रवीश कुमार ने भी NDTV से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद वह खुद को बेचारा साबित करते नज़र आए थे। कुछ दिन पहले श्रीनिवास जैन ने भी चैनल से इस्तीफा दे दिया था। उल्लेखनीय है कि NDTV पर अपने एक शो के दौरान, श्रीनिवासन जैन ने अपने मोदी विरोधी नैरेटिव को फैलाने के लिए एक आतंकवादी हमले को कम दिखाने कोशिश की थी।