Sunday, December 22, 2024
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‘हिन्दुओं ने 3 मुस्लिमों को पीटा, जबरन पिलाई शराब’: अफजल गुरु समर्थक पत्रकार अहमद खबीर ने फैलाई झूठ, फॉलोवर्स बढ़ाने के लिए खुद को दिखाता था महिला

इसके अलावा अहमद खबीर आतंकवादी अफजल गुरु का भी समर्थक है। उसने दावा किया था कि भारत के हिंदुओं को खुश करने के लिए अफजल गुरु को फाँसी दी गई।

तथाकथित पत्रकार अहमद खबीर ने ट्वीट ने कर दावा किया था कि तेलंगाना में हिंदुओं ने तीन मुस्लिमों को पीटा और शराब पीने के मजबूर किया। हालाँकि, खबीर का यह दावा पूरी तरह झूठा निकला। दरअसल, तेलंगाना पुलिस ने इस घटना में किसी भी प्रकार से सांप्रदायिक एंगल होने की बात से इनकार किया है।

प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘जामिया टाइम्स’ के संपादक के रूप में काम करने वाला खबीर हिंदुओं को लेकर गलत खबरें फैलाता रहा है। सोशल मीडिया पर कई बार आलोचना झेलने के बाद भी हिंदुओं के प्रति घृणा के चलते वह लगातार झूठी बातें करता रहता है।

प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज को लेकर लगातार ट्वीट करन वाले ट्विटर हैंडल ‘डी-इंटेंट डेटा’ ने शनिवार (8 अप्रैल, 2023) को अहमद खबीर के इतिहास को लेकर ‘खुलासा’ किया। ‘डी-इंटेंट डेटा’ के अनुसार, अहमद खबीर का ट्विटर अकांउट पहले लड़की के नाम से था। इस अकाउंट में वह खुद को लड़की बताते हुए लड़कियों की फोटो ट्वीट करता था। ऐसा माना जा रहा है कि खबीर ने यह सब ट्विटर पर फ़ॉलोअर्स बढ़ाने के लिए किया होगा। सोशल मीडिया में खुद को एक महिला या किसी और व्यक्ति के रूप में दिखाने को ‘कैटफिशिंग’ कहा जाता है। मतलब यह है कि खबीर ‘कैटफिशिंग’ कर रहा था।

खबीर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र है। साल 2019 में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान वह पुलिस से भिड़ गए था। यही नहीं वह फेसबुक पर दिल्ली दंगों के आरोपित शाहरुख पठान का महिमामंडन भी कर रहा था।

‘डी-इंटेंट डेटा’ के अनुसार, अहमद खबीर कई विपक्षी नेताओं से मिलता रहा है। उसकी फोटोज भी सामने आईं हैं। उसे राहुल गाँधी की राजनीतिक यात्रा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समर्थन करते भी देखा गया था।

यही नहीं, अहमद खबीर इससे पहले ‘TwoCircles.Net’ में भी काम कर चुका है। प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘टू सर्किल’ हाल ही में तब चर्चा में आया था जब इसके संपादक इरफान मेहराज को 20 मार्च 2023 को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

‘डी-इंटेंट डेटा’ ने एक ट्वीट में कहा है कि खबीर न केवल फर्जी खबरें फैलाता है बल्कि युवाओं का आतंकवादी संगठनों में शामिल होना भी उसे सही लगता है। खबीर यह भी दावा करता है कि सेना ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। इसलिए कश्मीर से सभी सुरक्षा बलों की वापसी होनी चाहिए। यही नहीं, सेना की गोलियों से मारे गए आतंकियों को सामान्य नागरिक बताकर एक झूठा नरेटिव गढ़ने की कोशिश करता रहा है।

इसके अलावा अहमद खबीर आतंकवादी अफजल गुरु का भी समर्थक है। उसने दावा किया था कि भारत के हिंदुओं को खुश करने के लिए अफजल गुरु को फाँसी दी गई। खबीर ने हाल ही में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के अकाउंट से भारत की निंदा करने वाले एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। साथ ही वह फेक न्यूज फैलाने वाले मीर फैसल और मकतूब मीडिया का भी समर्थन करता है।

अहमद खबीर लगातार यह दिखाने की कोशिश करता है कि भारत में मुस्लिम बहुत अधिक पीड़ित हैं। कश्मीर, दलित समेत अन्य मुद्दों पर भी वह फर्जी ख़बरें फैलाता रहा है। इन्हीं सब चीजों के चलते उसका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड किया जा चुका है। यही नहीं वह अपने फर्जी प्रोपेगेंडा को फैलाने के लिए अपने फ़ॉलोअर्स से चंदा माँगता हुआ भी देखा गया था।

चूँकि प्रोपेगेंडा पोर्टल चलाने वाला अहमद खबीर अक्सर हिंदू विरोधी फर्जी खबरें फैलाता रहा है। ऐसे में यह स्वाभाविक सी बात है कि ट्विटर पर उसे ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह, अलीशान जाफरी, लीसेस्टर हिंसा के दौरान फर्जी नरेटिव फैलाने वाली ‘द गार्डियन’ की पूर्व पत्रकार आइना खान, राजद नेता तेजस्वी यादव, टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले, दिल्ली दंगों का आरोपित अतीक इकबाल तन्हा समेत उसकी जैसी विचारधारा वाले कई लोग उसे फॉलो करते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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