तथाकथित पत्रकार अहमद खबीर ने ट्वीट ने कर दावा किया था कि तेलंगाना में हिंदुओं ने तीन मुस्लिमों को पीटा और शराब पीने के मजबूर किया। हालाँकि, खबीर का यह दावा पूरी तरह झूठा निकला। दरअसल, तेलंगाना पुलिस ने इस घटना में किसी भी प्रकार से सांप्रदायिक एंगल होने की बात से इनकार किया है।
Ahmed Khabeer posted fake news that 3 Muslim youths allegedly beaten by Hindutva groups, forced to drink alcohol in Telangana.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 4, 2023
Fact: Telangana Police denied any communal angle in the assault case and said that the incident was not hate crime but a dispute over fruit prices. pic.twitter.com/w7m2c30k7Y
प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘जामिया टाइम्स’ के संपादक के रूप में काम करने वाला खबीर हिंदुओं को लेकर गलत खबरें फैलाता रहा है। सोशल मीडिया पर कई बार आलोचना झेलने के बाद भी हिंदुओं के प्रति घृणा के चलते वह लगातार झूठी बातें करता रहता है।
Now a self-proclaimed journalist Ahmed Khabeer, once upon a time only used his social media accounts to flirt only. Let’s see how an amature young journalist used to socialize!(3/12) pic.twitter.com/u3Ex2lRBUu
— D-Intent Data (@dintentdata) April 8, 2023
प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज को लेकर लगातार ट्वीट करन वाले ट्विटर हैंडल ‘डी-इंटेंट डेटा’ ने शनिवार (8 अप्रैल, 2023) को अहमद खबीर के इतिहास को लेकर ‘खुलासा’ किया। ‘डी-इंटेंट डेटा’ के अनुसार, अहमद खबीर का ट्विटर अकांउट पहले लड़की के नाम से था। इस अकाउंट में वह खुद को लड़की बताते हुए लड़कियों की फोटो ट्वीट करता था। ऐसा माना जा रहा है कि खबीर ने यह सब ट्विटर पर फ़ॉलोअर्स बढ़ाने के लिए किया होगा। सोशल मीडिया में खुद को एक महिला या किसी और व्यक्ति के रूप में दिखाने को ‘कैटफिशिंग’ कहा जाता है। मतलब यह है कि खबीर ‘कैटफिशिंग’ कर रहा था।
खबीर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र है। साल 2019 में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान वह पुलिस से भिड़ गए था। यही नहीं वह फेसबुक पर दिल्ली दंगों के आरोपित शाहरुख पठान का महिमामंडन भी कर रहा था।
‘डी-इंटेंट डेटा’ के अनुसार, अहमद खबीर कई विपक्षी नेताओं से मिलता रहा है। उसकी फोटोज भी सामने आईं हैं। उसे राहुल गाँधी की राजनीतिक यात्रा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समर्थन करते भी देखा गया था।
There are several photos available in which he can be seen with many oppositions’ politicians. Where that is OK to have personal preferences, but when a so called “Journalist” openly post about that in social media, it is heavily destabilize his creditability.(5/12) pic.twitter.com/LphEFYNW2z
— D-Intent Data (@dintentdata) April 8, 2023
यही नहीं, अहमद खबीर इससे पहले ‘TwoCircles.Net’ में भी काम कर चुका है। प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘टू सर्किल’ हाल ही में तब चर्चा में आया था जब इसके संपादक इरफान मेहराज को 20 मार्च 2023 को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।
‘डी-इंटेंट डेटा’ ने एक ट्वीट में कहा है कि खबीर न केवल फर्जी खबरें फैलाता है बल्कि युवाओं का आतंकवादी संगठनों में शामिल होना भी उसे सही लगता है। खबीर यह भी दावा करता है कि सेना ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। इसलिए कश्मीर से सभी सुरक्षा बलों की वापसी होनी चाहिए। यही नहीं, सेना की गोलियों से मारे गए आतंकियों को सामान्य नागरिक बताकर एक झूठा नरेटिव गढ़ने की कोशिश करता रहा है।
Ahmed not only spread fake news but also justified youths joining terrorist outfits. He claimed army has occupied #Kashmir,raised voice for the withdrawal of all security forces from Kashmir & above all showcased fake narrative about Injuries-death of militants as civilian(8/12) pic.twitter.com/0hLJnVfpJX
— D-Intent Data (@dintentdata) April 8, 2023
इसके अलावा अहमद खबीर आतंकवादी अफजल गुरु का भी समर्थक है। उसने दावा किया था कि भारत के हिंदुओं को खुश करने के लिए अफजल गुरु को फाँसी दी गई। खबीर ने हाल ही में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के अकाउंट से भारत की निंदा करने वाले एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। साथ ही वह फेक न्यूज फैलाने वाले मीर फैसल और मकतूब मीडिया का भी समर्थन करता है।
He retweeted recent tweet from Organisation of Islamic Cooperation (OIC), Gulf accounts condemning India. Also shown support for another fake propaganda spreader Meer Faisal and #Muktoob media.(10/12) pic.twitter.com/60UHL8lMAx
— D-Intent Data (@dintentdata) April 8, 2023
अहमद खबीर लगातार यह दिखाने की कोशिश करता है कि भारत में मुस्लिम बहुत अधिक पीड़ित हैं। कश्मीर, दलित समेत अन्य मुद्दों पर भी वह फर्जी ख़बरें फैलाता रहा है। इन्हीं सब चीजों के चलते उसका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड किया जा चुका है। यही नहीं वह अपने फर्जी प्रोपेगेंडा को फैलाने के लिए अपने फ़ॉलोअर्स से चंदा माँगता हुआ भी देखा गया था।
Because of spreading hate and fake news once his twitter account got suspended too, which restored after an online campaign by anti-national ecosystem.
— D-Intent Data (@dintentdata) April 8, 2023
He asks followers to donate for covering CAA&NRC protest, farmers protest, campaign to release political prisoners .(12/12) pic.twitter.com/MbRzEXk4fZ
चूँकि प्रोपेगेंडा पोर्टल चलाने वाला अहमद खबीर अक्सर हिंदू विरोधी फर्जी खबरें फैलाता रहा है। ऐसे में यह स्वाभाविक सी बात है कि ट्विटर पर उसे ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह, अलीशान जाफरी, लीसेस्टर हिंसा के दौरान फर्जी नरेटिव फैलाने वाली ‘द गार्डियन’ की पूर्व पत्रकार आइना खान, राजद नेता तेजस्वी यादव, टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले, दिल्ली दंगों का आरोपित अतीक इकबाल तन्हा समेत उसकी जैसी विचारधारा वाले कई लोग उसे फॉलो करते हैं।