Sunday, November 17, 2024
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‘एक गलती कमलेश तिवारी ने भी की थी…’ – अमीश देवगन की गलती पर कट्टरपंथियों की धमकी

"एक गुस्ताखी कमलेश तिवारी ने की थी। इसे वो याद आ गई, कमलेश तिवारी का हाल याद आ गया क्या? जो इतनी जल्दी माफी माँग लिया तू।"

न्यूज18 के एंकर अमीश देवगन की एक गलती पर अब उन्हें कट्टरपंथियों की धमकी मिल रही है। उन्होंने 16 जून को अपने शो में ख्वाजा गरीब नवाज के लिए अनजाने में ‘आक्रांता’ शब्द का प्रयोग कर दिया था। इसके बाद उन्हें हिंदूवादी नेता का हश्र याद दिलाकर बताया जा रहा है कि पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ बोलकर एक गलती कमलेश तिवारी ने भी की थी।

सोशल मीडिया पर अमीश देवगन ने अपनी इस गलती के लिए सार्वजनिक तौर से माफी भी माँग ली है। उन्होंने लिखा, “मेरे एक डिबेट में मैंने अनजाने में खिलजी को चिश्ती कह दिया। इस गलती के लिए मैं तहेदिल से माफी माँगता हुए। इससे सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती, जिनका मैं सम्मान करता हूँ, उनके अनुयायियों को दुख हो सकता है। मैंने इस दरगाह पर दुआएँ माँगी हैं। मुझे अपनी गलती पर खेद है। “

हालाँकि, अमीश देवगन की माफी के बाद कट्टरपंथी शांत नजर नहीं आ रहे। उन्होंने अमीश देवगन पर एफआईआर करवा दी है। उनके ख़िलाफ़ पुलिस एक्शन की माँग कर रहे हैं और साथ ही उनसे कह रहे हैं कि क्या कमलेश तिवारी का हाल याद आ गया, जो इतनी जल्दी माफी माँग ली।

सोशल मीडिया पर इस समय अमीश देवगन के लिए बहुत कमेंट हैं। कुछ लोग उनके सपोर्ट में हैं। तो कुछ उन्हें धमका रहे हैं। अब्दुल कादेर नाम का यूजर अमीश के ट्वीट के नीचे रजा अकादमी द्वारा दायर की गई शिकायत को डालता है और कहता है- “अमीश देवगन तुझे कल सुबह पता चलेगा कि तूने क्या किया। बस इंतजार कर और देख। तुझे नफरत फैलाने के अलावा कुछ आता है क्या?”

इसी प्रकार जमीर अंसारी ऑनलाइन कंपलेंट की कॉपी को डालता है। वह लिखता है, “मैंने ख्वाजा गरीब नवाज पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अमीश देवगन के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है। मैं अनुरोध करता हूँ सबसे, इस कुत्ते के ख़िलाफ़ कानूनी एक्शन लें।”

फिर मोहम्मद दाउद अशरफ नाम का यूजर अमीश देवगन के ट्वीट पर लिखता है, “कमलेश तिवारी का हाल याद आ गया क्या जो इतनी जल्दी माफी माँग लिया तू।”

इसके बाद यही दाउद अशरफ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखता है- “एक गुस्ताखी कमलेश तिवारी ने की थी। इसे वो याद आ गई शायद जो माफी निकलने लगी।”

क्या हुआ था कमलेश तिवारी के साथ

यहाँ याद दिला दें कि पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ बोलने पर हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी को इसी तरह की धमकियाँ मिली थीं और पिछले साल उनकी हत्या को बहुत ही सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था।

गुजरात से उत्तर प्रदेश और नेपाल तक इस मामले में कट्टरपंथियों के तार एक दूसरे से जुड़े पाए गए थे। इस घटना को अंजाम देने के लिए करीब 72 कट्टरपंथियों का ग्रुप बनाया गया था और एक हत्यारे से पूछा गया था कि क्या तुमसे हो पाएगा?

बता दें कि अब उन्हीं हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या की याद अमीश देवगन के मामले में ताजा की गई है। कट्टरपंथियों की इन धमकियों का क्या इशारा है, इसे पूरा कमलेश तिवारी हत्याकांड का घटनाक्रम याद करके समझा जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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