पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की जीत सुनिश्चित होने के बाद से ही वहाँ से हिंसा की खबरें आ रहीं हैं। पूरे राज्य से हिंसा की कई घटनाएँ सामने आई हैं। टीएमसी के गुंडों पर विपक्षी पार्टी खासकर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमले करने, उनके घर में घुसकर उत्पात मचाने और दफ्तरों में तोड़फोड़ का आरोप है।
सोशल मीडिया पर इन घटनाओं के तमाम वीडियो मौजूद हैं। लोग इन्हें शेयर कर कर देश का ध्यान बंगाल की स्थिति पर दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। टीएमसी को लेकर सवाल पूछा जा रहा है कि वह बंगाल में अपने विपक्ष के लिए इतनी हिंसक क्यों हो रही है।
इनमें कुछ वीडियो ऐसे भी हैं जो इतना शेयर नहीं हुई, लेकिन ऑल्ट न्यूज ( Alt News) और बूम लाइव (BoomLive) जैसे ‘फैक्टचेक’र TMC के बचाव के लिए तुरंत फैक्टचेक करने लगे। चंद वीडियोज को लेकर बता दिया गया कि पुराने वीडियो शेयर कर राज्य को बदनाम करने का प्रयास हो रहा है।
पुरानी वीडियो से बंगाल में हिंसा को छिपाने का प्रयास
हाल में ऑल्ट न्यूज ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया। इसमें कहा गया कि एक ओ़डिशा की वीडियो है जहाँ भीड़ ने पुलिस पर हमला किया था, अब इस वीडियो को नतीजों के बाद हुई हिंसा के तौर पर शेयर किया जा रहा है। लेख में बताया गया कि ये वीडियो फर्जी जानकारी देने के लिए फैलाया गया और साथ ही आग में घी डालने के लिए।
अब ये कहने की जरूरत नहीं है कि ऑल्ट न्यूज के लेख में पुरानी वीडियो का हवाला देकर लोगों को ये बताने की कोशिश की गई कि बंगाल में कोई हिंसा नहीं हो रही, बस रिपोर्ट्स में ये सब दिखाया जा रहा है। इस पुराने वीडियो के फैक्टचेक से लोगों के मन में संदेह उत्पन्न करने का प्रयास हुआ। साथ ही बंगाल की बदतर स्थिति को भी प्रोपेगेंडा दिखाने की कोशिश हुई।
दिलचस्प बात यह है कि एक ओर जहाँ ऑल्ट न्यूज ने टीएमसी के गुंडों को बचाने के लिए पुराने वीडियो का फैक्टचेक किया, वहीं जो यूजर्स इनकी हरकतों से अच्छे से वाकिफ थे उन्होंने फैक्टचेक की मंशा पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। कुछ यूजर्स तो ऐसे थे जो बंगाल हिंसा के मद्देनजर पहले ही ये बता चुके थे कि अगर ऑल्ट न्यूज किसी प्रकार का फैक्टचेक लेकर आया तो उन्हें हैरानी नहीं होगी।
Won’t be surprised if Faultnews comes up with this “fact-check” to cover up for the ongoing violence in Bengal – “Two-year old video from Bangladesh passed off as violence in Bengal”
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) May 3, 2021
Hey @AltNews have u planted a couple of fake videos as #BengalViolence videos that you can then prove fake and declare all videos fake?
— Princess Woke Liberal 🏳️🌈 (@workingboxwala) May 3, 2021
Guys at @AltNews must be searching for old violence to post from their fake profiles claiming to be from WB today which they will fact check and declare that there is no violence. https://t.co/V1O33FGfpD
— Raju Das | ৰাজু দাস (@rajudasonline) May 3, 2021
दरअसल, ये ऑल्ट न्यूज का पुराना तरीका है जहाँ फैक्टचेक करके एक नैरेटिव तैयार किया जाता है या फिर सच्चाई से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास होता है।
उदाहरण के लिए महामारी की शुरुआत में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें एक सब्जी विक्रेता थूक लगाकर सब्जी बेच रहा था। वीडियो किसी भी समय की रही हो, लेकिन सब्जी विक्रेता की हरकत घृणित थी। ऑल्ट न्यूज ने इस वीडियो तक का बचाव किया। इसके बाद ऐसी तमाम घटनाएँ दर्ज की गई जहाँ ऑल्ट न्यूज ने चुनिंदा वीडियोज के फैक्टचेक किए और इस बार भी उन्होंने यही काम किया।
ऑल्ट न्यूज के बाद एक अन्य वेबसाइट बूम लाइव भी ऐसी पुराने वीडियो का फैक्टचेक करती पाई गई। अपने लेख में बूम लाइव ने बताया कि पुराने और एडिटेड वीडियो को अभी का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। जाहिर है कि ये तरीका भी केवल और केवल पाठकों को असली हिंसा से भ्रमित करने के लिए किया गया और बताने की कोशिश हुई कि बंगाल की स्थिति पर झूठ बताने के लिए पुराने वीडियो शेयर हो रहे हैं।
ऑल्ट न्यूज और बूम लाइव जैसे प्रोपेगेंडा साइट्स के परोसे गए झूठ से दूर हकीकत यह है कि बंगाल में नतीजों के बाद से वहाँ हिंसा हो रही है। टीएमसी की जीत होते ही पार्टी के समर्थक जगह-जगह हिंसा कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों पर हमले बोल रहे हैं।
बता दें कि टीएमसी को विधानसभा चुनाव में 213 सीट पर जीत मिली है, जबकि 77 सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। इसके बाद से हिंसा की घटनाएँ इतनी बढ़ गई हैं कि सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए याचिका दायर हुई। कॉन्ग्रेस व वामपंथियों ने भी अपने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हिंसा के आरोप लगाए हैं।