Friday, November 22, 2024
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मुस्लिमों की हत्याओं के बाद लिबरल गिरोह को दिखने लगा बंगाल का ‘जंगलराज’, BJP कार्यकर्ताओं के नरसंहार पर कर रहे थे बचाव

बंगाल में इस तरह के भयावह हालात पैदा हो गए थे कि वहाँ के हिन्दुओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था, लेकिन तब लिबरल गिरोह ममता बनर्जी का बचाव कर रहा था।

पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजे आने के कुछ घंटे बाद राज्य के कई इलाकों में भड़की राजनीतिक हिंसा में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के अलावा कई हिंदू मारे गए थे। बंगाल में इस तरह के भयावह हालात पैदा हो गए थे कि वहाँ के हिन्दुओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था, लेकिन उस वक्त कोई भी लिबरल पत्रकार ममता सरकार के खिलाफ नहीं बोला, बल्कि इन लोगों ने तृणमूल कॉन्ग्रेस का बचाव करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था।

वहीं कुछ महीनों बाद ही गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले लिबरल पत्रकारों ने मुस्लिमों के मरने के बाद अपने सुर बदल लिए हैं। अब उन्हें पश्चिम बंगाल में ‘जंगलराज’ नजर आने लगा है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में सत्ताधारी पार्टी के नेता भादू शेख की बम हमले में मौत के बाद TMC समर्थकों ने जमकर हिंसा मचाई। उपद्रवियों ने टीएमसी नेता की मौत का बदला लेने के लिए इलाके के कई घरों को आग के हवाले कर दिया, जिसमें कुल 12 लोगों के जलकर मरने का दावा किया जा रहा है। वहीं पुलिस मृतकों की संख्या 8 बता रही है। देखें लिबरल गिरोह के कुछ ट्वीट्स:

पत्रकार अभिजीत मजूमदार और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का दावा है कि बंगाल में एक हफ्ते में 26 राजनैतिक हत्याएँ हुई हैं। अब नई घटना में 12 लोगों को जिंदा जला दिया गया है। अभिजीत यह भी दावा करते हैं कि बंगाल अब जिहादी आतंक और कम्युनिस्ट युग के अपराधियों का अड्डा बन गया है, जहाँ हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है।

फोटो साभार : ट्विटर

वहीं, तथाकथित बुद्धिजीवियों के पसंदीदा समाचार पत्र टेलीग्राफ की खबर/हैडिंग में इस बार कोई भी रचनात्मकता नहीं दिखी। यहाँ तक कि टेलीग्राफ ने तृणमूल का नाम तक लेना उचित नहीं समझा और, ‘Feud (कलह)’ पर ठीकरा फोड़ दिया। इसको लेकर सोशल मीडिया यूजर्स खासा नाराज नजर आ रहे हैं, उन्होंने टेलीग्राफ के पहले पेज को एडिट करके ट्विटर पर शेयर किया है।

दरअसल, बंगाल से छपने वाले समाचार पत्र ने ममता के शासनकाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, मजहबी दंगों और राज्य में हो रहे तमाम अपराधों हमेशा चुप्पी साधी है। ऐसे कई मौके हैं, जब इन्होंने अपनी बेहूदा हेडलाइन में मोदी सरकार और बीजेपी नेताओं को जानबूझकर अपना निशाना बनाया है। इनकी हेडलाइंस में केवल जातिवादी घृणा, हिन्दुओं से धार्मिक घृणा ही नजर आती है। बता दें कि बंगाल की घटना पर केंद्र ने उनसे 72 घंटे में जवाब माँगा है। NCPCR ने भी रिपोर्ट देने के लिए 3 दिन का समय दिया है

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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