टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (अक्टूबर 19, 2020) को कहा कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी TRP मामले में आरोपित नहीं हैं।
इस दौरान मुंबई पुलिस ने कोर्ट में परमबीर का सिंह का साथ देने से इनकार कर दिया। कोर्ट में मुंबई पुलिस पीछे हट गई। कोर्ट में उनके वकील ने भी माना कि रिपब्लिक आरोपित नहीं हैं। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य और मुंबई पुलिस की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे।
#BREAKING | Mumbai police refuses to back Param Bir Singh in court on TRP case, lawyer admits ‘Republic not an accused’.
— Republic (@republic) October 19, 2020
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मुंबई पुलिस के रिपब्लिक टीवी प्रमुख अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के इरादे के बारे में मीडिया हाउस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के सवालों का जवाब देते हुए अदालत ने कहा कि चूँकि अर्नब मामले में आरोपित नहीं हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता। इसलिए, मीडिया हाउस प्रमुख के लिए सुरक्षा के अंतरिम आदेश को पारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
रिपब्लिक टीवी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से कोर्ट ने कहा, “जहाँ तक अंतरिम संरक्षण का सवाल है, पीठ का मानना है कि यह आवश्यक नहीं है, क्योंकि एफआईआर में रिपब्लिक का कोई उल्लेख नहीं है और तात्कालिकता के मामले में, हम आपको यहाँ तत्काल स्थानांतरित करने की स्वतंत्रता प्रदान करेंगे।”
#TRPScam : Bombay HC to consider today the writ petition filed by ARG Outlier Media Ltd(company running #RepublicTV) and #ArnabGoswami to quash the Mumbai police FIR alleging manipulation of TRP ratings.
— Live Law (@LiveLawIndia) October 19, 2020
Petitioners moved Bombay HC after sC refused to entertain the plea. pic.twitter.com/Z1ePBxIdT5
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को टीआरपी हेरफेर मामले के आरोप में दर्ज एफआईआर में आरोपित बनाने से पहले रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को समन भेजने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह का समन मिलने पर जाँच में शामिल होंगे और सहयोग करेंगे।
पुलिस द्वारा मीडिया को इंटरव्यू देने पर चिंतित होते हुए न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम केवल वर्तमान मामले के बारे में नहीं कह रहे हैं। यह अन्य संवेदनशील मामलों में भी हो रहा है जहाँ जाँच लंबित है। अधिकारियों से भड़काऊ चीजें बोलने की अपेक्षा नहीं रखी जाती है।”
#TRPScam : Bombay HC to consider today the writ petition filed by ARG Outlier Media Ltd(company running #RepublicTV) and #ArnabGoswami to quash the Mumbai police FIR alleging manipulation of TRP ratings.
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Petitioners moved Bombay HC after sC refused to entertain the plea. pic.twitter.com/Z1ePBxIdT5
पीठ ने याचिका पर 5 नवंबर को दोपहर 3 बजे से अंतिम सुनवाई शुरू करने पर सहमति जताई है। कोर्ट ने मुंबई पुलिस को 4 नवंबर को सीलबंद कवर में इन्वेस्टिगेशन के दस्तावेज पेश करने का भी निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को आयोजित की गई प्रेस वार्ता में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी पर कई गम्भीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि चैनल ने टीआरपी से जुड़ी जानकारी में बदलाव करने के लिए आम लोगों को रुपए दिए थे और उनसे कहा गया था कि वह चैनल लगा कर अपना टीवी चालू रखें। उसी दिन रात तक यह बात भी सामने आ गई कि एफ़आईआर में कहीं भी रिपब्लिक टीवी का ज़िक्र नहीं है बल्कि उसमें इंडिया टुडे का नाम शामिल था।
इसके बाद टीआरपी घोटाला मामले में मुंबई पुलिस द्वारा चैनल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की माँग करते हुए रिपब्लिक टीवी ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया। रिपब्लिक टीवी द्वारा दायर याचिका में निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच सुनिश्चित करने के लिए मामले को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने के निर्देश देने की माँग की गई थी।