बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक और प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा दावा नहीं पेश किया गया, जिससे पीठ को असाधारण जुरिडिक्शन देना पड़े। हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि नियमित जमानत के अन्य विकल्प अभी भी है और उसके लिए प्रयास किया जा सकता है। इसके लिए अर्णब गोस्वामी को सेशन कोर्ट जाना पड़ेगा।
Bench clarifies that accused can approach the Sessions Court and the concerned court will decide the application in the time limit specified (4 days)#ArnabGoswami #BombayHighCourt
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2020
बता दें कि रिपब्लिक टीवी की सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर और अर्णब गोस्वामी की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में उनका कहना है कि अगर उनके पति को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसके लिए पूरी सरकार और पूरा राष्ट्रीय तंत्र ज़िम्मेदार होगा। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अर्णब गोस्वामी को तलोजा जेल भेजे जाने के बाद यह बयान जारी किया गया। अर्णब गोस्वामी ने खुद आरोप लगाया है कि जब उन्होंने अपने वकील से संपर्क करने की बात कही तब जेलर उनके साथ हिंसा पर उतर आए और उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया।
उधर अभिनेत्री कंगना रनौत ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी और उनके प्रताड़ना के आरोपों पर बोलते हुए कहा है कि ड्रग माफिया की पोल खोलने, ‘BullyDawood’ में बच्चों की तस्करी के व्यापार की पोल खोलने और सोनिया गाँधी को उनके ‘असली नाम’ से बुलाने के लिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों को ये भी नहीं पता कि वरिष्ठ पत्रकार को जेल में क्यों डाला गया है?
साथ ही उन्होंने कहा कि इतिहास अर्णब गोस्वामी को एक हीरो के रूप में याद रखेगा। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ उनकी या अर्णब की नहीं है, बल्कि पूरी सभ्यता और भारतवर्ष की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट खुद कह रहा है कि ये गलत है लेकिन बाहर कोई कुछ नहीं बोल रहा। उन्होंने उदाहरण दिया कि अमेरिका में ट्रम्प में लाख बुराइयाँ हों लेकिन वो आतंकवाद को ‘इस्लामी आतंकवाद’ कहते हैं और कोरोना को ‘चाइनीज वायरस’ कहते हैं।