वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिकॉर्ड सातवीं बार संसद में बजट पेश किया। इस बजट में सभी का ख्याल रखा गया। युवाओं, महिलाओं, किसानों, नौकरी पेशा सभी के लिए बजट सकारात्मक रहा। इस बीच, कॉन्ग्रेस इकोसिस्टम ने मोदी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की और सरकार पर कॉन्ग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के नकल का आरोप लगाया, खासकर युवाओं के लिए 1 करोड़ इंटर्नशिप की घोषणा पर। हालाँकि इन सबके बीच लोकतंत्र के कथित ‘चौथे’ खंबे, खासकर कॉन्ग्रेस इकोसिस्टम से जुड़े ‘पत्रकारों’ का विचलन भी सामने आ गया। ऐसे ही एक कथित पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पहले तो मोदी सरकार के बजट की तारीफ की, लेकिन कुछ ही देर में ‘आकाओं’ का संदेश मिलते ही मोदी सरकार पर कॉन्ग्रेसी आरोपों को दोहराने लगे।
हालाँकि राजदीप सरदेसाई की चालाकी तुरंत ही पकड़ ली गई। समीर नाम के एक्स यूजर ने इस कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम की तरफ लोगों का ध्यान खींचा। समीर ने लिखा, “आप क्रोनोलॉजी को समझें: राजदीप ने युवाओं के लिए रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की, लेकिन जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि यह कॉन्ग्रेस से लिया गया है, तुरंत ही राजदीप ने ट्वीट को एडिट करके कॉन्ग्रेस को श्रेय दे दिया। एकदम जयराम की लिखी लाइनों की तरह…!!!”
Aap chronology samjho :
— Sameer (@BesuraTaansane) July 23, 2024
Rajdeep praises Modi Govt for employment linked incentives for youth
Jairam Ramesh tweets saying this is taken from CONg
Rajdeep edits tweet to give credit to CONg & toes Jairam’s line
Sahi hai !!! @sardesairajdeep 👏 pic.twitter.com/wp5O6SZVZy
अब इस पूरे खेल को समझिए। सबसे पहले राजदीप सरदेसाई ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए लिखा, “युवाओं के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन और कौशल विकास योजनाओं को वित्त मंत्री के भाषण में प्राथमिकता दी गई। अच्छा! 👍10 साल लग गए लेकिन उम्मीद है कि मोदी सरकार युवाओं के लिए रोजगार की चुनौती को नकारने की मुद्रा से बाहर आ गई है!”
राजदीप सरदेसाई के ट्वीट के काफी देर बाद जयराम रमेश का ट्वीट आया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर कॉन्ग्रेस की नकल के आरोप लगाए।
जयराम रमेश ने 11.42 बजे लिखा, “वित्त मंत्री ने कॉन्ग्रेस के न्याय पत्र 2024 से सीख ली है। उनका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कॉन्ग्रेस के प्रस्तावित अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम पर आधारित है, जिसे हमने पहली नौकरी पक्की कहा था। लेकिन उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में इसे हेडलाइन बनाने के लिए डिज़ाइन किया है। कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र में सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्रामेटिक गारंटी थी, जबकि सरकार की योजना में मनमाने ढंग से लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) रख दिया गया है।”
शायद ‘आका’ का मैसेज पहुँचते ही राजदीप की आँखें खुल गईं। क्योंकि जयराम रमेश के ट्वीट के बाद राजदीप सरदेसाई ने तुरंत अपने ट्वीट को एडिट कर दिया। जयराम रमेश ने 11.42 ट्वीट किया और इसके एक मिनट के अंदर ही यानी 11.43 बजे राजदीप सरदेसाई ने अपना ट्वीट एडिट करते हुए मोदी सरकार की घोषणा का श्रेय कॉन्ग्रेस को दे दिया। एकदम उसी बोली में, जैसा जयराम रमेश ने लिखा है।
राजदीप सरदेसाई ने एडिटेड ट्वीट में लिखा, “युवाओं के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन और कौशल योजनाओं को वित्त मंत्री के भाषण में प्राथमिकता दी गई। अप्रेंटिसशिप के अधिकार पर कॉन्ग्रेस के न्याय पत्र की तरह 1 करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप योजना। इसमें 10 साल लग गए, लेकिन उम्मीद है कि मोदी सरकार नौकरी की चुनौती पर इनकार करने की मुद्रा से बाहर आ गई है।”
बता दें कि राजदीप सरदेसाई जैसे बहुत सारे कथित ‘पत्रकार’ खास ‘इकोसिस्टम’ का हिस्सा हैं। जो अपने आकाओं के एक इशारे पर मुद्दों में हेर-फेर करने की आदत से परेशान रहे हैं। खुद राजदीप सरदेसाई की पूर्व ‘पत्रकार’ पत्नी सागरिका घोष मौजूदा समय में इंडी गठबंधन की सबसे अहम पार्टी टीएमसी की राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में साफ दिखता है कि एक ओर पत्नी अपनी घोषित राजनीतिक पार्टी के लिए खुलकर काम करती हैं, तो पति राजदीप अघोषित आकाओं के लिए दिन-रात एक किए रखते हैं।