IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर ने शुक्रवार (अप्रैल 30, 2021) को इकोनॉमिक टाइम्स (ET) को उनका गलत बयान छापने पर जमकर लताड़ा। ET ने उनके हवाले से अपनी खबर में लिखा था कि केंद्र सरकार जानबूझकर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को इग्नोर करती रही।
इस आर्टिकल का शीर्षक, “Panel red-flagged onset of 2nd wave in March 1st week” है। इसे ईटी में शुक्रवार को प्रकाशित किया गया। इसमें नेशनल कोरोना वायरस सुपरमॉडल कमेटी प्रोफेसर एम विद्यासागर को कोट करते हुए कहा गया, “हमने मार्च के पहले सप्ताह में इस बात पर प्रकाश डाला था कि कोरोना की दूसरी लहर रास्ते में है और सरकार को तैयार रहना चाहिए। वह सरकार के लोगों के लिए चेतावनी थी।”
इसमें आगे लिखा गया कि प्रोफेसर को लगता है कि लोग इस दूसरी लहर को नहीं मान रहे थे। विद्यासागर को कोट करते हुए कहा गया कि 8-9 मार्च को उन्हें पता चला था कि बीटा ‘कॉन्टैक्ट’ पैरामीटर तेजी से बढ़ रहा है और इसके बाद यह बात सरकार को बताई गई। महामारी की दूसरी लहर मार्च में आ गई थी। लेकिन लोग इससे इंकार करते रहे।
ET ने दावा किया कि सरकार दूसरी वेव को मानने से इंकार कर रही थी इसलिए वह इस स्थिति के लिए उत्तरदायी है। अपने इस दावे को सही साबित करने के लिए उन्होंने प्रोफेसर को कोट किया। शायद समाचार पत्र इस बात से अंजान था कि उन्हें इसका कितना बड़ा नुकसान हो सकता है या फिर कोई इसका विरोध कर सकता है।
IIT प्रोफेसर ने ET के दावों को किया खारिज
अखबार में खबर आने के कुछ घंटे बाद प्रोफेसर एम विद्यासागर ने इस रिपोर्ट की पोल खोल दी। उन्होंने खबर की तस्वीर लगाते हुए कहा, “चूँकि मुझे इस लेख में कोट किया गया है। मैं ये साफ कर देना चाहता हूँ कि मैंने कभी नहीं कहा कि कोई भी इससे ‘मना कर रहा था।’ भले ही ये एक पैराफ्रेस हो लेकिन ये एक आरोप जैसा लग रहा है, जिसे मैंने कभी नहीं लगाया। बाकी मेरी टिप्पणियाँ (सटीक तौर पर कोट की गई) इस बात को स्पष्ट करती हैं।”
Since I am quoted in this article, I would like to clarify a few things. First, I never said anyone was “in denial.” It is perhaps a paraphrase, but sounds like an accusation, which was never made by me. The rest of my comments (quoted accurately) make that clear. 1/n https://t.co/vKUkb08rIf
— nullstellensatz (@stellensatz) April 30, 2021
खबर में विज्ञान एवं तकनीक विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा को भी कोट किया गया। उन्होंने दूसरी वेव के अलर्ट और उसमें आने वाले कोरोना केसों में उछाल पर अपनी बात रखी थी। उनका कहना था कि कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता था कि कि दूसरी वेव में 3-10 गुना मामलों में उछाल होगा।
Second, Prof. Sharma (Secretary DST) is perfectly right. We did NOT manage to project the correct values for the second peak, because the parameters of the pandemic were changing rapidly, even wildly, until about a week ago. 2/n
— nullstellensatz (@stellensatz) April 30, 2021
मगर, इकोनॉमिक टाइम्स ने इस बात को पूर्ण रूप से उल्टा कर दिया और प्रोफेसर विद्यासागर के बयान से विरोधाभासी बताया। हालाँकि, अपने ट्वीट में प्रोफेसर ने बताया कि प्रोफेसर शर्मा बिलकुल सही बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “हम दूसरी वेव में आने वाले केसों की संख्या का अंदाजा नहीं लगा सके, क्योंकि महामारी के आँकड़े लगातार बेतहाशा बदल रहे थे।”
उन्होंने कहा कि केवल कुछ ही समय पहले ऐसा हुआ कि कुछ मॉडल पैरामीटर्स स्थिर हुए और हम अंदाजे लगा पाए। इन्हें महिंद्रा अग्रवाल द्वारा शेयर भी किया गया। अब हम सोच सकते हैं कि इस महामारी का पीक करीब है। संभव है कि अगले हफ्ते 4 लाख प्लस या फिर 0.1 लाख माइनस।
While we were appointed by DST, we were contacted for inputs by higher authorities in GoI only about three or four times from July last year until now. Each time we gave whatever inputs we had. The last such occasion was April 2nd. 4/n
— nullstellensatz (@stellensatz) April 30, 2021
अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा, “डीएसटी द्वारा अपॉइंट किए जाने के बाद सरकार ने हमसे इनपुट लेने के लिए तीन चार बार कॉन्टैक्ट किया। हर बार हमने वही बताया जो इनपुट हमारे पास था। आखिरी बार यह 2 अप्रैल को हुआ था।”
उनके अनुसार, भारत सरकार मॉडलिंग कम्युनिटी के लिए अच्छा काम कर रही है अगर वह पब्लिक डोमेन में डेटा रखें। वह बताते हैं कि इसमें सकारात्मक परीक्षणों के लिए अस्पतालों का अनुपात, रोगियों के अनुक्रम डेटा, वायरस के प्रकार, आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताने की इच्छा रखने वाले इकोनॉमिक टाइम्स ने कोरोना के बढ़ते मामलों का ठीकरा कुंभ मेले पर फोड़ने का प्रयास किया। हालाँकि, एम विद्यासागर ने ये साफ कहा कि ये केस कैसे बढ़े इसका स्पष्ट लिंक ढूँढना मुश्किल है।
वह कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर उठी क्योंकि लोगों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल्स को दरकिनार किया। लगातार शादियाँ हुईं, समारोह हुए। वह ध्यान दिलाते हैं कि कोरोना केसों में आया उछाल चुनावी रैली से पहले और कुंभ के शुरू होने से पहले से था।