शेखर गुप्ता प्रोपेगेंडा पोर्टल द प्रिंट के मालिक और एडिटर्स गिल्ड के मुखिया हैं। उनका वह वीडियो शायद डिलीट कर दिया गया है, जिसमें उन्होंने यह कबूला था कि मोदी सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव की पत्रकारों ने अनदेखी की थी। इसका मूल वीडियो सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR India) के यूट्यूब पेज पर अपलोड किया गया था।
शेखर गुप्ता ने चुनावों के दौरान मोदी सरकार की योजनाओं की अनदेखी की बात ‘हाउ इंडिया वोटेड’ नामक चर्चा के दौरान कही थी। उन्होंने कहा था, “मैं ईमानदारी से इस बात को स्वीकार करता हूँ कि हम पत्रकारों ने जान-बूझकर कर मोदी सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया। इसका असर देखने के बाद भी हम इसे अस्वीकार करने की कोशिश करते हैं।” मई 2019 में इस वीडियो को खूब देखा गया था। लेकिन, CPR India के यूट्यूब पेज से अब शायद इस चर्चा का वीडियो को हटा दिया गया है।
अब यदि कोई सीपीआर इंडिया के यूट्यूब पेज पर जाकर उस वीडियो को देखना चाहे तो वीडियो का केवल दूसरा भाग ही दिखाता है। पहला भाग वहाँ नहीं दिखाई पड़ता। जिस हिस्से की हम बात कर रहे हैं वो पहले भाग में था। इसमें शेखर गुप्ता को पारंपरिक रूप से एक पत्रकार के रूप में देखा गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर यह स्वीकार किया था कि मीडिया के लोगों ने जान-बूझकर पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं के सकारात्मक प्रभावों को नजरअंदाज किया।
31 मई 2019 को, ऑपइंडिया द्वारा एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें शेखर गुप्ता की टिप्पणियों के विवरण को कवर किया गया था। उस लेख में कहा गया कि, “शेखर गुप्ता मानते हैं कि पत्रकारों ने मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सकारात्मक प्रभावों को अनदेखा किया।”
ऑप इंडिया द्वारा प्रकाशित उस लेख में यूट्यूब के उस वीडियो को भी एम्बेड किया गया था जो अब गायब हो गया है। जब हमने 2019 के लेख को दोबारा देखा, तो एम्बेडेड वीडियो दिखाता है कि यह अब उपलब्ध नहीं है।
30 मई 2019 को ट्विटर पर भी कुछ लोगों द्वारा ट्वीट कर इस यूट्यूब लिंक साझा किया था और अब वहाँ भी यूट्यूब लिंक का वीडियो अनुपलब्ध दिखा रहा है।
If this does not constitute a stunning admission, what does?
— 🇮🇳 मेघ கல்யாணசுந்தரம் (@meghkalyan) May 30, 2019
Just listen to what Shekhar Gupta had to say about Mudra loans three days ago at CPR India! @AartiTikoo @swati_gs @rahulroushan @VamseeJuluri @TheJaggi @shambhav15 @TVMohandasPai @GopalSri https://t.co/r5ucLKKAzF pic.twitter.com/uJhWB0GIIl
हालाँकि वीडियो अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऑपइंडिया इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता है कि सीपीआर इंडिया ने वीडियो को फिर से अपलोड किया है या नहीं, या फिर अनलिस्टेड या प्राइवेट कर दिया है। वर्तमान में, केवल दूसरा वीडियो सीपीआर इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
प्रिंट के यूट्यूब चैनल पर अब भी उपलब्ध है वीडियो
सीपीआर इंडिया द्वारा गायब किया वीडियो अभी भी द प्रिंट के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है और वहाँ मीडिया के लिए शिखर गुप्ता ने जो कहा था वो देखा जा सकता है।
लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस पार्टी की शर्मनाक हार पर बोलते हुए, गुप्ता ने कहा कि पार्टी ऑटोइम्यून बीमारी से पीड़ित है। उन्होंने कहा, “चुनाव प्रचार के इतने दिनों में, मैंने राहुल गाँधी या कॉन्ग्रेस पार्टी के किसी भी व्यक्ति को कभी नहीं सुना कि उनकी अपनी सरकार यूपीए 2 ने क्या किया। यह कॉन्ग्रेस पार्टी की ऑटोइम्यून बीमारी है।” गुप्ता ने कहा कि वे मोदी को दोष देना चाहते हैं, वे मीडिया को दोष देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “योजनाओं के नाम पर वोट बहुत लंबे समय तक दिए गए। इस देश में मतदाता कॉन्ग्रेस की योजनाओं पर भरोसा नहीं करता है। साथ ही कहा कि अतीत में जो कुछ भी हुआ, वह बहुत कम हुआ है।”
गुप्ता ने स्वीकार किया कि हालाँकि वह मोदी सरकार की योजनाओं के खिलाफ सबूतों की तलाश कर रहे थे, लेकिन उन्हें कोई सबूत नहीं मिला। उन्होंने कहा, “हम सरकार के विपरीत सबूत देखने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम यह मिल नहीं रहा था। हमें गैस सिलेंडर मिल रहे थे। हम किसी भी घर के अंदर झॉंकेंगे और गैस सिलेंडर पाएँगे।”
उन्होंने कहा, शुरू में मुझे लगा था कि मुद्रा लोन बकवास है, ये सब नकली होंगे। लेकिन मेरे पास आजमगढ़ के 50 किलोमीटर दूर का एक वीडियो है, जिसमें एक दलित ने कहा है कि मुझे 50,000 रुपये का ऋण मिला है। मैंने इससे अपनी चाय की दुकान खोली। मैं हर महीने 1,300 रुपए चुकाता हूँ। यदि मैं समय पर भुगतान नहीं करता, तो बैंक प्रबंधक मेरे पास किसी को भेजता है।
यह बात जानकर मैं वापस आया और मैंने बड़े डेटा की जाँच की, जिससे मुझे यह पता चला कि अब तक कुल 4.81 करोड़ लोगों को मुद्रा ऋण मिला है और 2.1 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इन्हीं सब बातों को देखते हुए गुप्ता ने कहा कि मैं ईमानदारी से इस बात को स्वीकार करता हूँ कि हम पत्रकारों ने इन बातों की तरफ ध्यान न देने को चुना।
गुप्ता ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी में मोदी के इस शासन का मुकाबला करने के लिए बुद्धि की कमी थी क्योंकि पार्टी को तथ्य पसंद नहीं थे। साथ ही गुप्ता ने कॉन्ग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, “यह कॉन्ग्रेस पार्टी में बुद्धि, प्रतिबद्धता और अहंकार की कमी है।”
बता दें, ऑपइंडिया ने CPR India से यह जानने की कोशिश की है कि आख़िरकार उनके यूट्यूब पेज से उस वीडियो को क्यों हटाया गया। CPR India द्वारा हमारे ईमेल का जवाब देने पर यह लेख अपडेट किया जाएगा।