ध्रुव राठी ख़ुद को विश्व के सभी मामलों का जानकार मानता है। भूत और भविष्य से लेकर वर्तमान तक पर उसकी पकड़ उसके ‘भक्तों’ की नज़र में इतनी मजबूत है कि उसका एक-एक वीडियो को प्रोपेगंडा फैलाने के लिए हथियार बनाया जाता है। इससे पहले हमने बताया था कि किस तरह राठी पहले कोरोना वायरस को मीडिया द्वारा फैलाया गया हौवा बता रहा था और दावे कर रहा था कि चीन से बाहर के लोगों को इससे जरा भी डरने की ज़रूरत नहीं है। अब यही ध्रुव राठी कोरोना के इलाज से लेकर इसके प्रसार तक पर भाषण देता है और ‘भक्तगण’ बड़े चाव से प्रवचन की तरह सुनते हैं।
इसी बीच उसका एक और प्रोपेगंडा सामने आया है। वो कई देशों के स्वतंत्रता संग्राम पर भी वीडियो बनाता रहा है। इस दौरान वो जम्मू कश्मीर का नाम तो लेता है लेकिन कभी भी बलूचिस्तान के बारे में कुछ नहीं कहता। जबकि सच्चाई ये है कि पाकिस्तान में बलूचिस्तान के लोग आज़ादी के लिए कई दशकों से संघर्ष कर रहे हैं और पाकिस्तानी फ़ौज लम्बे समय से उनका दमन करती आई है। ध्रुव राठी ने एक वीडियो बना कर जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू लगाने और वहाँ हिरासत में लिए जाने पर सवाल खड़ा किया था।
साथ ही ध्रुव राठी तिब्बत और हॉन्गकॉन्ग पर वीडियो बनाता है तो कश्मीर की भी चर्चा करता है। नीचे संलग्न की गई तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि वो किस तरह कश्मीर मुद्दे पर भारत को बदनाम करता है। अपनी वीडियो में ध्रुव राठी ने यहाँ तक दावा किया था कि जम्मू कश्मीर में लोगों को भारत के बाकी राज्यों की तरह अधिकार नहीं मिलते। जबकि ये बिलकुल असत्य है। वहाँ सरकार सारी सुविधाएँ पहुँचाने के लिए कार्यरत रहती है और सेना वहाँ इसीलिए है ताकि पाकिस्तानी आतंकियों से वहाँ के नागरिकों को बचाया जा सके।
Disgraceful @dhruv_rathee:
— desi mojito (@desimojito) March 30, 2020
Makes video on Azadi movements in various countries!
Takes name of Kashmir, but avoids mentioning Baluchistan movement!
Lies that Kashmiris have less rights in India!
Speaks about detention of Kashmiri leaders, but no mention of Terr0rlsm pic.twitter.com/6XatbwkFer
जब चीन में भारतीय छात्र फँसे हुए थे, तब उनमें कई कश्मीरी भी थे। वहाँ कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए भारत ने सभी कश्मीरी छात्रों को वहाँ से निकाला और उन्हें वापस लाया। एक कश्मीरी छात्र ने पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद भी दिया। निज़ाम नामक मेडिकल छात्र ने बताया कि वो और उसके साथी भारत में उनलोगों के लिए किए गए इंतजामों से पूर्णतया ख़ुश थे। बावजूद इसके राठी जैसे लोग प्रोपेगंडा फैलाने में व्यस्त रहते हैं।