वित्तीय अनियमितता को लेकर इंग्लैंड की मीडिया कंपनी BBC के खिलाफ छापेमारी के बाद अब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीबीसी इंडिया के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत कार्रवाई की है। बीबीसी पर विदेशी फंडिंग में अनियमितता का आरोप है।
बता दें कि वित्तीय अनियमितता को लेकर फरवरी में आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तरों की तीन दिनों तक तलाशी ली थी। इसके बाद यह मामला अंतर्राष्ट्री स्तर पर उठा था। हालाँकि, इसको लेकर इंग्लैंड और अमेरिका ने इस पर कमेंट करने से इनकार कर दिया था।
ED registers FEMA case against BBC India for alleged foreign exchange violation, say officials
— Press Trust of India (@PTI_News) April 13, 2023
अधिकारी सर्वे के दौरान बीबीसी के ऑफिस से इकट्ठा किए गए कई दस्तावेज और डेटा को भी अपने साथ लेकर गए थे। हालाँकि, उन्होंने जुटाए गए दस्तावेजों को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी थी।
विदेशी मीडिया हाउस में यह सर्वे अर्जित किए गए लाभ को विदेश भेजने और ट्रांसफर प्राइसिंग रूल्स के उल्लंघन के कारण आयकर विभाग ने यह एक्शन लिया था। इसके पहले अधिकारियों ने इससे संबंधित बीबीसी को कई बार नोटिस भेजा था, लेकिन वहाँ से कोई जवाब नहीं आया।
आयकर विभाग ने कहा था कि हस्तांतरण मूल्य निर्धारण नियमों (Transfer Pricing Rules) को जानबूझकर नजरअंदाज करने और विशाल लाभ को विदेश भेजने के मामले में सर्वे किया गया। अधिकारियों का यह भी कहना था कि यह छापेमारी या तलाशी नहीं है। आयकर नियमों के तहत इस तरह के सर्वे नियमित रूप से किए जाते हैं।
इन नियमों की अनदेखी के कारण आयकर विभाग ने बीबीसी को कई नोटिस भेजे थे, लेकिन बीबीसी ने जानबूझकर उनका जवाब नहीं दिया। बीबीसी कार्यालय में सर्वे का मुख्य कारण सूत्रों टैक्स का फायदा सहित अनधिकृत लाभों में हेरफेर है।
आयकर विभाग ने मंगलवार (14 फरवरी 2023) को बीबीसी के दफ्तर पर छापेमारी की थी। कहा जाता है कि उस दौरान अधिकारियों ने कर्मचारियों के मोबाइल और लैपटॉप रखवा लिया था। इसके साथ ही वहाँ के कर्मचारियों को सहयोग करने के लिए कहा था।
बीबीसी ने मंगलवार की शाम को कहा था, “आयकर अधिकारी नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में हैं। कई कर्मचारियों ने अब इमारत छोड़ दी है, लेकिन कुछ को वहाँ मौजूद रहने के लिए कहा गया है। वे पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं।”
इस सर्वे को लेकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गई थी। सरकार और भारत विरोधी तत्वों ने कहा था कि बीबीसी ने हाल में एक ही डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी, जिसमें गुजरात दंगों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर सवाल उठाया गया था। हालाँकि, जो लोग इस बात को समझ रहे थे, वे इससे सहमत नहीं थे।
बता दें कि बीबीसी के कंटेंट को लेकर उस पर दुनिया भर में पक्षपात के आरोप लगते रहते हैं। ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने बीबीसी की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। दरअसल, सोशल मीडिया कंपनी ने बीबीसी को ‘सरकार द्वारा वित्तपोषित मीडिया’ संगठन के रूप में गोल्ड टिक दिया गया है। उसके ब्लू टिक को हटा दिया गया था। इतना ही एक इंटरव्यू में उन्होंने बीबीसी पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया।