शाहीन बाग के सीएए/एनआरसी प्रोटेस्ट के बाद अब कृषि कानून के ख़िलाफ चल रहे किसान आंदोलन से भी मीडिया पर हमले की तस्वीर सामने आई है। इस बार हमला रिपब्लिक भारत की पत्रकार शाजिया निसार और जी न्यूज की एक महिला पत्रकार पर हुआ है।
प्रदर्शनस्थल से सामने आई वीडियोज में देख सकते हैं कि रिपब्लिक भारत की पत्रकार भीड़ से बचकर आगे भाग रही हैं और प्रदर्शनकारी पीछे से गोदी मीडिया मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। वहीं जी न्यूज की पत्रकार से भी गोदी मीडिया मुर्दाबाद कहकर वापस जाने को कहा जा रहा है।
रोजी नाम की वकील ने शाजिया पर और जी न्यूज की महिला रिपोर्टर पर हुए हमले की वीडियो को शेयर करते हुए घटना को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि जैसे शाहीन बाग में किया गया था वैसा ही किसान आंदोलन में हुआ। 2 महिला रिपोर्टर एक जी न्यूज और दूसरी रिपब्लिक भारत की शाजिया को आदमियों की भीड़ ने घेरा और जाने पर मजबूर किया क्योंकि वह अपना काम कर रही थीं।
SHAMEFUL Heckling of Reporters At #FarmersProtests like they did in Shaheen Bagh. 2 WOMEN Reporters from Zee News & @Shaziya_N from @republic badly heckled by ALL MALE CROWD of “Farmers” & FORCED to leave only coz they were doing their duty #farmersrprotest #EndTheDeadlock pic.twitter.com/YU7zde2Gmh
— Rosy (@rose_k01) December 15, 2020
रोजी के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए शाजिया निसार ने आपबीती बताई। रिपब्लिक भारत की शाजिया लिखती हैं –
“सिंघू बॉर्डर का मंजर ख़ौफ़ज़दा करने वाला था। ये वीडियो के शुरुआती अंश हैं। बाद में जो यहाँ हुआ उसे देखकर शायद किसान आंदोलन को लेकर आपका नज़रिया बदल जाए। मेरे कैमरापर्सन को क़ैदी की तरह पकड़कर साथ ले गए। हज़ारों की भीड़ मेरे पीछे दौड़ रही थी मेरा मोबाइल छीन लिया गया और बहुत कुछ हुआ।”
सिंघु बॉर्डर का मंजर ख़ौफ़ज़दा करने वाला था ये वीडियो के शुरुआती अंश हैं
— Shazia Nisar (R Bharat) (@Shaziya_N) December 16, 2020
बाद में जो यहाँ हुआ उसे देखकर शायद किसान आंदोलन को लेकर आपका नज़रिया बदल जाए
मेरे कैमरापर्सन को क़ैदी की तरह पकड़कर साथ ले गए
हज़ारों की भीड़ मेरे पीछे दौड़ रही थी मेरा मोबाइल छीन लिया गया और बोहोत कुछ हुआ https://t.co/Gwcu1CeIXQ
याद दिला दें कि कुछ महीने पहले ऐसी तस्वीरें शाहीन बाग से सामने आई थीं। उस समय इंडिया टीवी की महिला पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने प्रदर्शन की पोल खोलते हुए जब दिखाया था कि कैसे धीरे-धीरे प्रदर्शन खत्म हो रहा है, उस समय मीनाक्षी जोशी के साथ धक्का-मुक्की की गई थी और उनका कैमरे को भी तोड़ने की भी कोशिश हुई थी।
इसके अलावा शाहीन बाग में न्यूज नेशन के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया पर भी अल्लाह-हू-अकबर के नारों के साथ हमला हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने न केवल उनके साथ हाथापाई की ती बल्कि उनका भी कैमरा तोड़ा गया था। दोनों प्रदर्शनों में बैठे लोगों की शिकायत यही थी कि कुछ चैनल उन्हें नकारात्मक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह उन्हें रिपोर्टिंग नहीं करने देंगे।
सुन रहे हैं कि संविधान ख़तरे में है, सुन रहे हैं कि लड़ाई प्रजातंत्र को बचाने की है! जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज़ को देश को दिखाने पहुँचा तो वहाँ मॉब लिंचिंग से कम कुछ नहीं मिला! #CAAProtests #ShaheenBagh pic.twitter.com/EhJxfWviTp
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 24, 2020