फर्जी खबर फैलाने के मामले में अपनी पहचान बना चुके वामपंथी पोर्टल ‘द क्विंट’ ने इस बार सिख लड़की के अपहरण और उसके धर्मांतरण पर झूठ परोसा है। अपनी हालिया रिपोर्ट में उसने अपहृत और इस्लाम में धर्मांतरित सिख लड़की की उम्र को लेकर झूठ बोला और जब पकड़ा गया तो चुपके से एडिटिंग करके सच लिख दिया।
Amid the controversy over two Sikh women being forcefully converted to Islam and married to Muslim men in J&K, one of them remarried a man from the Sikh community on 27 June, just two days after being ‘handed over’ to her family by the police. https://t.co/ib7qJS5mU9
— The Quint (@TheQuint) June 29, 2021
मंगलवार (29 जून 2021) को ‘द क्विंट’ ने इस मामले पर एक रिपोर्ट छापी, जिसमें बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में इस्लाम में धर्मांतरित करने के बाद मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने वाली दो लड़कियों में से एक मनप्रीत कौर की मंगलवार को दोबारा एक सिख व्यक्ति से शादी कर दी गई है। यह शादी श्रीनगर निवासी मनप्रीत को उसके परिवार को सौंपने के सिर्फ दो दिन बाद हुई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मनप्रीत 18 साल की नहीं, बल्कि 26 साल की है और मुस्लिम व्यक्ति 60 साल का नहीं 29 साल का है।
पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस के बयान का हवाला देकर शाहिद की उम्र के बारे में फैलाई गई अफवाहों को खारिज किया और इसे निराधार बताया। इस झूठ का सिलसिला यहीं नहीं रुका। दो दिन बाद मनप्रीत की शादी जब सिख लड़के सुखबीर सिंह से करवाई गई तो द क्विंट ने ऐसे दिखाया जैसे लड़की की शादी उसकी इच्छा के विरुद्ध करवाई गई हो।
बाली ने किया ‘द क्विंट’ के झूठ का भंडाफोड़
सोशल मीडिया पर ‘द क्विंट’ द्वारा परोसे गए इस झूठ की सिख एक्टिविस्ट अमान बाली ने पोल खोली। बाली वही शख्स हैं जिन्होंने इन अपहरण मामलों पर आगे बढ़कर रिपोर्ट की। उन्होंने ट्विटर पर मामला उठाते हुए ‘द क्विंट’ पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया।
बाली ने कई ट्विट्स के माध्यम से बताया कि क्विंट ने मनप्रीत की उम्र के बारे में जानबूझकर गलत जानकारी दी और अपराध को कम दिखाने का प्रयास किया गया। उनके अनुसार, मनप्रीत को एक कश्मीरी मुसलमान ने अगवा करके धर्म परिवर्तन करवाकर उससे निकाह कर ली थी।
बाली ने क्विंट के दावों को खारिज करते उसे 18 और 19 का बताया और ये भी कहा कि इन तथ्यों की पुष्टि परिवार ने की है। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने भी यही कहा है। अपने लगातार ट्वीटों में अमान ने प्रूफ देकर बताया कि लड़की 26 साल की नहीं बल्कि 18 की है। अपने ट्वीट में बाली ने अपनी उस गलती को भी स्वीकार किया, जहाँ अपने बयान में वो ये कह रहे थे कि लड़की की उम्र 26 साल है।
Kashmir cases- Age confusion- So @TheQuint ‘s @Gaamuk wrote the age of Manmeet kaur as 26 in his article & then cleverly edits it to 18 when he discovered the truth at 3:30pm today. Fortunately many people had read the article & started a propaganda against Sikhs that girl was 26 pic.twitter.com/f5b0pSxhJl
— Amaan (@amaanbali) June 30, 2021
सिख एक्टिविस्ट ने कई डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, एंट्रेंस एग्जाम, एडमिशन टिकट आदि दिखाते हुए लड़की को 18 साल का साबित किया। उन्होंने बताया कि मामले में बरगलाने के लिए क्विंट ने ऐसी अफवाह उड़ाई, जबकि कागज बताते हैं कि लड़की सिर्फ 18 साल 3 माह की है।
बाली द्वारा पेश किए गए मनप्रीत कौर की उम्र के प्रमाण नीचे हैं। सबमें उसकी उम्र 18 साल की है।
अब इन डॉक्यूमेंट्स में जहाँ लड़की की उम्र देखकर स्पष्ट पता चलता है कि वो 18 साल की है, ऐसे में ‘द क्विंट’ ने अपने झूठ को चुपके से एडिट कर दिया और बिना कोई माफी माँगे या नोटिस दिए अपनी रिपोर्ट भी पब्लिश कर दी।
उक्त तस्वीर से साफ है कि क्विंट ने मनप्रीत कौर पर झूठ फैलाय ताकि ये बताया जा सके कि मनप्रीत बड़ी हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से एक मुस्लिम व्यक्ति से निकाह किया।
मुस्लिम व्यक्ति की उम्र पर अटकलें
बता दें कि एक ओर जहाँ मनप्रीत की उम्र को लेकर सवाल जबाव के बाद हकीकत सामने आई, वहीं मुस्लिम व्यक्ति की उम्र पर भी बातें हो रही हैं। अमान बाली ने लड़की के परिवार के हवाले से कहा था कि शाहिद की उम्र 60 साल है, जबकि ‘द क्विंट’ उसे सिर्फ 29 साल का बता रहा है। अब इन कयासों पर भी बाली ने विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि शाहिद की उम्र 29 साल की है। कई बयानों के कारण उनसे गलती हुई थी और उन्होंने गलत उम्र बता दी थी।
The 60yr old is still maintained by father of the girl as man where Manmeet was kept.
— Amaan (@amaanbali) June 30, 2021
The confusion is regrettable but the whitewash that Jehangir has done in the @TheQuint piece is also worth mentioning.
सिख ‘कार्यकर्ता’ ने यह भी कहा कि वह क्विंट के लेखक जहांगीर के खिलाफ अपहृत सिख लड़की की उम्र के बारे में गलत सूचना देने के लिए कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। अमान बाली ने बताया कि क्विंट ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी परिवार का बयान नहीं छापा, सिर्फ पुलिस स्टेटमेंट के हवाले से रिपोर्ट की है।
सिख समुदाय के खिलाफ भड़काया
अपनी रिपोर्ट में क्विंट ने कई बार एडिटिंग की है। इनमें एक दनमीत नाम की लड़की का बयान जोड़ा गया है, जिसने मर्जी से 2014 में एक कश्मीरी मुसलमान से शादी की और द क्विंट को ये बताया कि वो अपने बैचमेट से शादी करने के बाद खुश है।
क्विंट ने ये भी लिखा कि शादी के बाद उसे सिख समुदाय के लोगों ने धमकियाँ दीं और उसके पति के ख़िलाफ़ ब्रेनवॉश कर भड़काया। मनमीत कौर के पूरे मामले में इस बयान को छापकर क्विंट ने दिखाना चाहा कि कैसे सिख समुदाय के लोग मुस्लिम व्यक्ति से शादी होने पर बेटियों को डराते-धमकाते हैं।
अपनी रिपोर्ट में दनमीत का बयान जोड़कर क्विंट बताना चाहता था कि मनमीत ने दोबारा शादी सिख समुदाय के दबाव में की है। इसी तरह जहाँ कोर्ट में लड़की के माता-पिता को अदालत में जाने की इजाजत नहीं मिली और उन्हें बाहर बैठाया गया, उसे भी ‘द क्विंट’ ने बताना चाहा कि ये तो आम बात है। कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि महिला के माता-पिता उसके पास रहें तभी वह बयान दर्ज होगा।
परिवार के बयान को किया दरकिनार
क्विंट ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से सभी आरोपों को खारिज किया था कि लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया। उसके मुताबिक, इस बात के सबूत नहीं हैं कि लड़कियों पर दबाव बनाया गया और उन्होंने जो भी किया अपनी मर्जी से किया।
उन्होंने रिपोर्ट के लिए सिख नेता जगमोहन सिंह रैना से भी बात की, जिन्होंने अपहरण के ख़िलाफ शुरू प्रदर्शन को बेबुनियाद बताया और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली कोशिश कहा। रैना ने कहा, “हमने (कश्मीरी सिख और मुस्लिम) दशकों से अपने सुख और दुख साझा किए हैं। मैं कश्मीर में कुछ हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के पहुँचने की परेशान करने वाली खबरें सुन रहा हूँ। वे हमारे बीच सांप्रदायिक दरार पैदा करना चाहते हैं, लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे।”
सिख कार्यकर्ता ने बताई सच्चाई
बाली ने जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भ्रामक बयान जारी करने के बारे में अपने ट्वीट में बताया। उन्होंने कहा, “पुलिस का बयान पूर्ण सत्य नहीं है और हम सभी जानते हैं कि पुलिस का पक्ष क्या हैं जहाँ चीजें हाथ से निकल रही हैं।” उन्होंने क्विंट पर मामले में भाई कृष्णजीत सिंह के बयान की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया और वेबसाइट पर इस बात को तूल देने का आरोप लगाया कि जैसे किसी प्रकार का कोई जबरन धर्म परिवर्तन नहीं हुआ।
The article continuously gaslights the community into believing that there were no forced conversions at all when all the Sikh orgs maintain that there were forced conversions. The family still maintains that. What do we do about it? https://t.co/dcgT0xHiHG
— Amaan (@amaanbali) June 30, 2021
अमान बाली ने यह भी कहा कि कश्मीर के जीपीसी और जगमोहन सिंह रैना का उल्लेख हास्यास्पद है क्योंकि वे नेशनल कॉन्फ्रेंस का हिस्सा थे और उन्हीं लोगों में से थे जिन्होंने चित्तिसिंहपोरा और महजूर नगर हत्याकांड में बयान जारी कर जाँच की प्रगति में भी बाधा डाली। बाली ने ट्वीट में कहा कि एक कश्मीरी सिख ढूँढ के दिखाओ जिसे रैना पर यकीन हो।
These very same leeches issued statement in Chittisinghpora and Mehjoor Nagar cases of killings and hindered the progress of investigations as well. Find me a kashmiri Sikhs who trusts raina and I will delete this.
— Amaan (@amaanbali) June 30, 2021
इसके बाद अगले ट्वीट में बाली ने ये भी दावा किया कि क्विंट ने अपनी रिपोर्ट में ये तक नहीं बताया कि मामले की सुनवाई में मुस्लिम परिवार को कोर्ट में जाने की इजाजत दी गई, लेकिन लड़की के घरवालों को अंदर नहीं जाने दिया गया।
सिख लड़कियों के अपहरण का मामला
बता दें कि 26 जून को जम्मू कश्मीर में सिख लड़कियों के अपहरण का मामला सामने आया था। एक मामला बड़गाम से था और दूसरा महजूर नगर से था। एक केस में लड़की ने अपनी मुस्लिम सहेली के घर निकाह फंक्शन को अंटेंड किया और वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया। बाद में धर्म परिवर्तन करवाकर उसका निकाह करवा दिया गया।
घाटी में लड़कियों के अपहरण की बात जैसे ही सिख समुदाय में पहुँची मामले ने तूल पकड़ लिया। प्रदर्शन करके माँग की जाने लगी कि सिख लड़कियों को लव जिहाद से बचाया जाए। शिरोमणि अकाली दल नेता मंजिंदर सिंह सिरसा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ये मामला सोशल मीडिया पर उठाया कि उनके समुदाय की लड़कियाँ वापस की जाएँ।
पूरी घटना बताने वाले गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी-बडगाम के अध्यक्ष सरदार संतपाल सिंह के मुताबिक, दोनों में से एक लड़की मानसिक रूप से विक्षिप्त थी जिसे मुस्लिम युवक ने उसे प्यार और शादी का झाँसा देकर उसका धर्म परिवर्तन कराया। उन्होंने कहा, “सिख समुदाय की एक लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं है। युवक ने उसे प्यार का झाँसा दिया। यह कोई लव अफेयर नहीं बल्कि लव जिहाद का साफ मामला है। सरकार हमारे खिलाफ नकारात्मक काम कर रही है।”
इतना ही नहीं लड़की के परिजनों को कोर्ट में अनुमति नहीं दी गई। लड़की के परिवार और रिश्तेदार अदालत के बाहर बैठे थे क्योंकि उन्हें कोविड नियमों के कारण अदालती कार्यवाही में शामिल होने से रोक दिया गया था। हालाँकि, दूसरी ओर अदालत ने मुस्लिम परिवार के बयान दर्ज किए।