पत्रकार नीलेश शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर रायपुर पुलिस ने बहु सूत्रीय प्रेस रिलीज (Multi-Point Press Release) जारी किया है। आउटलुक के पत्रकार आशुतोष भारद्वाज ने रायपुर पुलिस द्वारा जारी रिलीज के स्क्रीनशॉट साझा किए। पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें शर्मा के फोन में ब्लैकमेलिंग, पोर्नोग्राफी और फेक न्यूज के सबूत सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली है।
Raipur police’s press release today on journalist Nilesh Sharma arrest:
— Ashutosh Bhardwaj (@ashubh) March 6, 2022
His ph has porn clips. He was in touch with prostitutes; was chatting in objectionable language with women and men.
His ph has confidential govt documents.
His deeds defamed the holy act of journalism. pic.twitter.com/dZ964RNfbE
शर्मा को 2 मार्च को भारतीय दंड संहिता की धारा 504, 505, 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन निचली अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद से शर्मा की वेबसाइट डाउन है।
Nilesh Sharma- arrested this week & bail denied by the lower court in Chattisgarh.
— Vishnu Vardhan Reddy (@SVishnuReddy) March 6, 2022
His website is down since his arrest.
This was the satirical article for which he’s in jail, so much for freedom of speech.
Hi @RahulGandhi, a gentle reminder – Chattisgarh is ruled by Congress. pic.twitter.com/k1nf5OhUYQ
‘शर्मा ने अवैध रूप से हासिल किए कॉल रिकॉर्ड’
पुलिस ने आरोप लगाया कि शर्मा ने एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से किसी के कॉल रिकॉर्ड को एक्सेस किया था। कानून के अनुसार, केवल जाँच एजेंसियाँ ही किसी के कॉल रिकॉर्ड को एक्सेस कर सकती हैं। इसके लिए भी अमुमति लेनी होती है और कारण का वैध होना भी आवश्यक है। हालाँकि इस मामले में अवैध रूप से कॉल रिकॉर्ड एक्सेस किए गए थे। कॉल रिकॉर्ड प्रदान करने वाला पुलिस अधिकारी भी जाँच के दायरे में है। पुलिस ने दावा किया कि शर्मा ने काम करवाने के बहाने कई लोगों से पैसे लिए और चैट भी हुई जहाँ उन्होंने काम नहीं होने पर पैसे वापस देने की बात कही। पुलिस ने कहा कि जाँच के दौरान उन लोगों से पूछताछ की जाएगी।
‘वह वेश्याओं के संपर्क में था और अश्लील सामग्री फॉरवर्ड करता था’
रायपुर पुलिस ने आगे आरोप लगाया कि शर्मा के फोन में अश्लील सामग्री थी, जिसे कई लोगों को फॉरवार्ड किया गया था। यह आईटी अधिनियम के तहत एक अपराध है। शर्मा ने जिसे अश्लील सामग्री भेजा, पुलिस उससे पूछताछ कर सकती है। पुलिस ने आरोप लगाया कि वह वेश्याओं के संपर्क में थे और कुछ महिलाओं से बात करते समय आपत्तिजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने दावा किया कि शर्मा और अन्य लोगों के बीच इसी तरह की चैट भी मिली थी।
‘फेक न्यूज के सबूत मिले’
पुलिस ने आरोप लगाया कि उन्हें शर्मा और अन्य लोगों के बीच एक चैट मिली, जिससे संकेत मिलता है कि वे उनके साथ मिलकर फेक न्यूज फैलाने के एजेंडे पर काम कर रहे थे। पुलिस ने कहा, “उन सभी से पूछताछ की जाएगी।”
‘पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेल किया’
पुलिस ने आगे आरोप लगाया कि शर्मा ने एक पत्रकार के रूप में अपने पद का इस्तेमाल कई लोगों को ब्लैकमेल करने और डराने-धमकाने के लिए किया। पुलिस जाँच के दौरान पीड़ितों से बाद में पूछताछ करेगी।
‘गोपनीय दस्तावेज मिले’
पुलिस ने आरोप लगाया कि शर्मा के मोबाइल फोन पर आधिकारिक गोपनीय दस्तावेज मिले हैं। पुलिस ने कहा कि ऐसे दस्तावेज केवल सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की मदद से ही प्राप्त किए जा सकते हैं। आगे की जाँच की जाएगी कि उन्होंने उन दस्तावेजों को कैसे एक्सेस किया।
गौरतलब है कि नीलेश शर्मा वेब पोर्टल indiawriters.co.in और प्रिंट पत्रिका ‘इंडिया राइटर्स’ के संपादक हैं। उन्हें उनके लोकप्रिय राजनीतिक व्यंग्य (Political Satire) के लिए गिरफ्तार किया था। वह ‘घुरवा के माटी’ के नाम से राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित एक लोकप्रिय सीरीज चलाते हैं। उन पर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस के नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया गया। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता खिलवान निषाद ने शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस की साइबर सेल ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए नीलेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।