अभिनेत्री कंगना रनौत ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी और उनके प्रताड़ना के आरोपों पर बोलते हुए कहा है कि ड्रग माफिया की पोल खोलने, ‘BullyDawood’ में बच्चों की तस्करी के व्यापार की पोल खोलने और सोनिया गाँधी को उनके ‘असली नाम’ से बुलाने के लिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों को ये भी नहीं पता कि वरिष्ठ पत्रकार को जेल में क्यों डाला गया है?
लोगों को समझाते हुए कंगना रनौत ने बताया कि 2018 में एक शख्स ने आत्महत्या की थी और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम लिखे थे, जिनमें अर्णब गोस्वामी का नाम भी था। कंगना रनौत ने बताया कि जहाँ उक्त शख्स ने सुसाइड नोट में दावा किया था कि अर्णब गोस्वामी ने उनके रुपए नहीं दिए, वहीं ‘रिपब्लिक’ की टीम का कहना है कि उन्होंने रुपए लौटा दिए थे। उन्होंने कहा कि ये तो भगवान निर्णय ले सकते हैं कि किसी के पैसे न देने पर कोई आत्महत्या कर सकता है या नहीं।
कंगना रनौत ने ट्विटर पर जारी किए गए वीडियो में आगे कहा कि अगर ऐसा हो सकता है तो ये ‘आत्महत्या के लिए उकसाने’ का मामला है या नहीं। उन्होंने कहा कि ये मामला ऐसा है या नहीं कि इसमें इतना बड़ा ट्रायल हो, ये भी सोचने वाली बात है। कंगना ने कहा कि ये सबको पता है कि अर्णब को क्यों जेल ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘पप्पू सेना’ द्वारा उन्हें यातनाएँ दी जा रही हैं क्योंकि उन्होंने सोनिया गाँधी का ‘असली नाम’ लिया।
कंगना रनौत ने महाराष्ट्र की सरकार को ‘फासिस्ट’ करार देते हुए कहा कि ‘पप्पू सेना’ ने ये बेवकूफी कर के अर्णब गोस्वामी को आज तक का सबसे लोकप्रिय पत्रकार बना दिया है और उन्हें शायद पता नहीं है कि वो उन्हें जितनी यातनाएँ देंगे, टॉर्चर करेंगे, उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जाएगी। कंगना रनौत ने कहा कि इतिहास ‘पप्पू सेना’ को इसी रूप में याद रखेगा कि उन्होंने संविधान के चौथे स्तम्भ के साथ ऐसी ज्यादती की थी।
Arnab ji is being tortured for exposing drug mafia and child trafficking business in Bullydawood and of course calling Sonia ji by her original name #ArnabGoswami pic.twitter.com/h5uYpgKmNo
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 8, 2020
साथ ही उन्होंने कहा कि इतिहास अर्णब गोस्वामी को एक हीरो के रूप में याद रखेगा। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ उनकी या अर्णब की नहीं है, बल्कि पूरी सभ्यता और भारतवर्ष की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट खुद कह रहा है कि ये गलत है लेकिन बाहर कोई कुछ नहीं बोल रहा। उन्होंने उदाहरण दिया कि अमेरिका में ट्रम्प में लाख बुराइयाँ हों लेकिन वो आतंकवाद को ‘इस्लामी आतंकवाद’ कहते हैं और कोरोना को ‘चाइनीज वायरस’ कहते हैं।
इधर अर्णब गोस्वामी ने खुलासा किया है कि पुलिस उनसे कह रही है कि वो उन्हें उनके वकीलों से संपर्क ही नहीं करने देगी। उन्होंने कहा, “मेरी ज़िंदगी खतरे में है। मैं भारत की जनता को, पूरे देश की जनता को बताना चाहता हूँ कि मेरी जान खतरे में है।”
अर्णब गोस्वामी इससे पहले अलीबाग क्वारंटाइन सेंटर में ज्यूडिसियल कस्टडी में थे। अब सभी की नजरें सोमवार को आने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर टिकी हुई हैं।