अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पहले होने जा रहे भूमि पूजन से एक ओर जहाँ देश की अधिकांश जनता में खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी ओर मीडिया गिरोह के लोगों व कट्टरपंथियों में शोक पसरा हुआ है। नतीजतन 5 अगस्त के शुभ अवसर पर ये सभी जहर उगलने में व्यस्त है।
ऑल इंडिया मुस्लिम बोर्ड तो अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके धमकियाने अंदाज में बोल ही चुका है कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी। हागिया सोफिया इसका एक बड़ा उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण निर्णय द्वारा जमीन पर पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है। दुखी होने की जरूरत नहीं है। कोई स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है।
#BabriMasjid was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can’t change it’s status. No need to be heartbroken. Situations don’t last forever.#ItsPolitics pic.twitter.com/nTOig7Mjx6
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 4, 2020
इसके अलावा सोशल मीडिया पर 10 हजार फॉलोवर्स के साथ अच्छी पकड़ रखने वाला हाशिम इसी प्रकार अमित शाह के ट्वीट पर राम मंदिर की तस्वीर देखकर रिप्लाई करता है, “तड़ीपार फिक्र मत कर। बाबरी मस्जिद की जगह सत्ता के बल पर चाहे राम का मंदिर बना लो। लेकिन इंशाअल्लाह हम फिर बाबरी मस्जिद वहीं बनाएँगे।”
— Amit Shah (@AmitShah) August 4, 2020
वहीं मीडिया गिरोह की सक्रिय सदस्य और इस्लामी पत्रकारिता करने वाली राणा अय्यूब इस भूमि पूजन के भव्य कार्यक्रम से आहत होकर #5अगस्त के लिए लिखती हैं कि ये वह भारत नहीं है, जिसे वो जानती है। वह हालिया ट्वीट में वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित अपने लेख को शेयर करते हुए लिखती है कि 5 अगस्त- भारत की विभिन्न संस्कृतियों के उन्मूलन का एक और दिन है, यह भारत के खून और मिट्टी का एक और दिन है।
Not the India I know #5thAugust
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) August 4, 2020
इसी तरह आरफा खान्नुम शेरवानी लिखती हैं, “ये क्या वही देश है, जिसके लिए मेरे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी। मैं अब अपने देश को नहीं पहचान पा रही।”
Is this the country my ancestors fought for ?
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) August 4, 2020
Just can’t recognise my country anymore. #5thAugust
ऑद्रे ट्रुश्के तो राम मंदिर निर्माण को नफरत का स्मारक बताती हैं। वह लिखती हैं, “आज 5 अगस्त को अयोध्या राम मंदिर की आधारशिला डलेगी। यह घृणा, कट्टरता, हिंसा का स्मारक है, जो केवल हिंदू राष्ट्र का उपयुक्त आधार है।”
Today, #5thAugust, the physical cornerstone of the #AyodhyaRamMandir will be laid. It is a monument to hate, bigotry, and extrajudicial violence, truly a fitting foundation for the #HinduRashtra. https://t.co/JxNh28K2Jn #BabriMasjid #MuslimLivesMatter
— Audrey Truschke (@AudreyTruschke) August 5, 2020
पूर्व सांसद व नई दुनिया के मैनेजिंग एडिटर लिखते हैं कि यह शर्मनाक है कि कुछ तथाकथित वामपंथी लिबरल दोस्त राम मंदिर निर्माण के मौके पर हिंदुत्व की सवारी कर रहे हैं। यह लोग इस राक्षस के हाथों पीड़ित होंगे, जिसे इन्होंने पिछले कुछ दशकों में अपने अवसरवाद से बनाया है।
Shameful the way some of our so called Secular Liberal friends trying to ride the Hindutva bandwagon on Construction of Ram Mandir. It’s they who will suffer most at the hands of this monster that they created by their opportunism in last few decades. Secular India is dead. RIP
— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) August 4, 2020
पत्रकार अभिषेक बक्शी आज के दिन अपनी प्रोफाइल पिक बदलकर उसे काली करते हुए कश्मीर से माफी माँगते हैं और भाजपा पर अपना गुस्सा दिखाते हैं। वह लिखते हैं, “सॉरी कश्मीर, धिक्कार है भाजपा सरकार पर।”
Sorry, Kashmir.
— Abhishek Baxi (@baxiabhishek) August 4, 2020
Damn you, BJP government.#5thAugust #NewProfilePic
गौरतलब है कि आज भूमिपूजन के दिन से ठीक एक साल पहले जब मोदी सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर ऐतिहासिक फैसला लिया था उस समय भी इसी तरह का रोष कट्टरपंथियों में देखने को मिला था। दूसरी तरफ, लिबरल गैंंग ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया दी थी। बरखा दत्त, सागरिका घोष, स्वाति चतुर्वेदी समेत कई गिरोह के लोगों ने तब भी सवाल उठाए थे और फैसले की आलोचना की थी।