दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस इलाके में गुरुमंडी में 17 साल की एक लड़की की मौत को गलत तरीके से पेश करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने शनिवार (अक्टूबर 17, 2020) को केरल के इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी के मुखपत्र ‘Madhyamam’ को प्रतिउत्तर जारी किया।
शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में, E-Madhyamam ने दावा किया था कि 17 वर्षीय दलित लड़की के साथ उसके मकान मालिक के घर में 4 अक्टूबर को कथित रूप से ‘बलात्कार’ किया गया और फिर मार डाला गया। वहाँ वह 26 सितंबर से काम कर रही थी। केरल की मीडिया ने इस घटना की तुलना हाथरस हत्या मामले से की, जहाँ 19 वर्षीय एक लड़की को चार युवाओं ने कथित तौर पर मार डाला। इसके साथ ही मीडिया हाउस ने दिल्ली की घटना को ‘हाथरस मॉडल का फिर से दोहराना’ करार दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर बिहार की रहने वाली लड़की के साथ काफी अत्याचार किया गया था और मकान मालिक ने लड़की को अपने रिश्तेदारों को भी इस बारे में सूचित नहीं करने दिया। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पीड़ित के परिवार ने कथित तौर पर कहा था कि मृत लड़की को ड्राइवर के कमरे में सोने के लिए मजबूर किया गया था। लड़की ने मानसिक और शारीरिक शोषण के बारे में अपने माता-पिता को सूचित करने की कोशिश की थी।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि मृतक लड़की को देखने के लिए परिवार के सदस्यों को अनुमति नहीं दी गई थी और घटनास्थल के पास इकट्ठे हुए लड़की के करीब 12 रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया गया।
Madhyamam के अनुसार, पुलिस ने अगली सुबह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और बाद में शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस द्वारा अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। साथ ही कहा गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार का उल्लेख नहीं किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने जारी किया प्रतिउत्तर
दिल्ली में 17 साल की दलित लड़की की मौत पर दिल्ली पुलिस ने E-Madhyamam की रिपोर्ट पर प्रतिउत्तर जारी किया और उन रिपोर्टों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि लड़की की मौत से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था।
Delhi Police’ Rejoinder to the news item published in https://t.co/NVneXCB8Q0 captioned “Hathras model rape, murder and cremation of Dalit girl in Delhi’s Gurmandi”https://t.co/zuxCfD6NCO@CPDelhi @LtGovDelhi @PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/A07a3mDPSW
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) October 17, 2020
दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर लिखा कि 4 अक्टूबर को उन्हें रिपोर्ट मिली कि गुरुमंडी इलाके के पास एक लड़की को अपने घर में फाँसी पर लटका हुआ पाया गया। इसके बाग मॉडल टाउन पुलिस, पीसीआर और फायर सर्विसेज मौके पर पहुँची और पाया कि उसका कमरा अंदर से बंद था।
पुलिस ने कहा कि फायर सर्विस के कर्मचारियों ने कमरे का दरवाजा खोला और पाया कि एक लड़की छत से लटक रही थी। मृतक की पहचान दिल्ली के राजपुरा गुट मंडी के निवासी के रूप में की गई और डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा उसकी उम्र 16-17 साल बताई जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया, “क्राइम टीम द्वारा अपराध स्थल का निरीक्षण किया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे और जाँच की कार्यवाही u / s 174 Cr.P.C. के तहत शुरू की गई।”
मामले की संवेदनशीलता के कारण, 8 अक्टूबर को सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों के एक बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया गया, जिन्होंने कहा कि मौत का कारण आत्महत्या है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस घटना में कोई भी घालमेल नहीं पाया गया है।
हाथरस का मामला
14 सितंबर को, एक 19 वर्षीय महिला का गला घोंटा गया था, और बाद में उसने 29 सितंबर को चोटों के कारण अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हाथरस मामला पॉलिटिकल ड्रामा और मीडिया प्रोपेगेंडा का आधार बन गया है। कॉन्ग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गाँधी, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन और कई अन्य लोग परिवार से मिलने के लिए हाथरस गए। पीड़िता ने दावा किया था कि आरोपितों द्वारा उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, हालाँकि, अभी तक मेडिकल रिपोर्ट में न तो इसकी पुष्टि हुई है और न ही इनकार किया गया है।