मुंबई पुलिस ने बुधवार (नवंबर 4, 2020) शाम को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी और उनकी पत्नी, बेटे और दो अन्य के खिलाफ एक ताजा एफआईआर दर्ज की। उन्होंने गिरफ्तार करने गए पुलिस अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 353, 504, 506 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
इस एफआईआर में कहा गया है कि जब पुलिस की टीम अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने उनके घर पहुँची तो उस दौरान उन्होंने महिला पुलिस अधिकारी सुजाता तानवडे से मारपीट की। जबकि सामने आए वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि अर्णब के साथ मुंबई पुलिस द्वारा धक्का-मुक्की और मारपीट की गई।
अर्णब गोस्वामी के समर्थन में भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पहुँचे और महाराष्ट्र में अर्णब की चौंकाने वाली गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया।
मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा, “अर्नब, फाइट! भारत के दिग्गज आपके साथ हैं, मेरे लड़के! आप एक शेर के बेटे हैं। डरिए मत। क्या आपको लगता है कि हम इस घटना को आसानी से जाने देंगे? उन्होंने उकसाया है! उन्होंने लोगों को उकसाया है। उन्होंने एक सेना अधिकारी के बेटे को उकसाया है।”
अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को दिल्ली और मुंबई में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी की तुलना आपातकाल से की। वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ता काले बिल्ले या काले कपड़े पहनेंगे, जब तक कि टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को पुलिस द्वारा रिहा नहीं किया जाता है।
महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने रिपब्लिक टीवी के संपादक की आत्महत्या मामले में गिरफ्तारी को ‘आपातकाल की तरह’ करार दिया। उन्होंने कहा कि अर्णब की रिहाई तक भाजपा कार्यकर्ता काले बैज या काले कपड़े पहनेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि मामला गोस्वामी के खिलाफ था, एक राजनीतिक स्कोर को सुलझाने के लिए फिर से खोल दिया।
अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में भोपाल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भाजपा कार्यकर्ताओं ने टार्च रैली निकाली। बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “सत्य की बात जो भी करेगा हम उसके साथ हैं। अर्णब के साथ गलत हो रहा है। सच के आवाज से उद्धव सरकार डर गई है। ये लोकतंत्र है, लोग कहते हैं BJP लोकतंत्र की हत्या करती है लेकिन BJP हमेशा लोकतंत्र की रक्षा करती है।”
वहीं ‘इंडियन डिजिटल मीडिया असोसिएशन (IDMA)’ ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी और मुंबई पुलिस की ‘मनमानी’ पर हैरानी जताई। IDMA ने कहा कि वीडियो में दिख रहे विजुअल्स से ये स्पष्ट है कि पुलिस अर्णब गोस्वामी की पत्नी पर लगातार दबाव बना रही थी और उन्हें जबरन एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कह रही थी, और वो कौन से दस्तावेज थे, ये स्पष्ट नहीं है। IDMA ने इसे ‘महाराष्ट्र सरकार की मनमानी की हैरान कर देने वाली अवस्था’ बताया और कहा कि एक पत्रकार को चुप कराने के लिए स्टेट मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अर्णब ने वीडियो संदेश जारी कर इस बात की पुष्टि की है कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। अर्णब ने अपने वीडियो में कहा कि उनके साथ प्रदीप पाटिल समेत 8 पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की है और मारपीट की है। उन्हें धक्का दिया और गले से पकड़ा। उन्होंने कहा, पुलिस द्वारा जबरन उन्हें घर से उठाकर लाया गया है। यहाँ तक कि उनके पैरों में जूते भी नहीं थे। अर्णब ने हाथ में जख्म भी दिखाया और कहा कि उन्होंने डॉक्टरों को अपनी चोट दिखाई, जो कि उनके अनुसार मुंबई पुलिस द्वारा उनके साथ की गई मारपीट में उन्हें लगी है।
अर्णब गोस्वामी ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने उनके, उनकी पत्नी, बेटे और सास-ससुर के साथ हाथापाई की। रिपब्लिक टीवी ने इस पूरे मामले पर बयान जारी कर अपना पक्ष भी रखा है। पुलिस का कहना है कि अर्णब गोस्वामी को 53 साल के एक इंटीरियर डिज़ाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है।