लोकसभा चुनाव का पहला चरण प्रगति पर है। इसी बीच भाजपा पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के हर संभव प्रयास करने वाले आखिरी वक़्त तक भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।
टाइम्स नाउ समूह से जुड़े एक जर्नलिस्ट द्वारा एक ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई है, जिसमें ‘नमो फूड’ पैकेट्स से भरी एक कार को पुलिस पोलिंग बूथ में स्टाफ को बाँटने के लिए ले जा रही थी।
‘जर्नलिस्ट’ ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, “NaMo फ़ूड पैकेट्स नोएडा में अपना काम कर रहा है।”
जर्नलिस्ट प्रशांत कुमार ने चालाकी से नमो और NaMo के अंतर को हटाकर यह साबित करने की कोशिश की है कि ये फूड पैकेट्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सम्बंधित हैं, जिन्हें अक्सर ‘NaMo’ नाम से सम्बोधित किया जाता है।
Ok! So, NaMo food packets at play in Noida now! pic.twitter.com/HnI7oUKblT
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) April 11, 2019
प्रशांत ने तुरंत सफाई देते हुए लिखा है कि किसी दोस्त ने उन्हें यह फोटो फॉर्वर्ड किया है, उन्होंने खुद क्लिक नहीं की है। जर्नलिस्ट के दावे की विश्वसनीयता इसी बात से समझी जा सकती है।
Have you clicked these photos?
— suhasini raj (@suhasiniraj) April 11, 2019
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो भी शेयर किया जा रहा है, जिसमें नमो फूड को कार में ले जाया जा रहा है और इसमें पुलिस वाले भी साथ में बैठे हुए हैं।
After Namo Chai
— Atul (@secular_arrow) April 11, 2019
NAMO Cap
NAMO Merchandise
Namo TV
It is time for Namo food packete
That too in polling team’s car pic.twitter.com/f6peG72xER
इस वीडियो के बाद कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश पुलिस को निशाना बनाना शुरू कर दिया और लिखा कि ये फूड पैकेट्स क्यों बाँटे जा रहे हैं?
But why is Noida Police distributing these packets? Cc @Uppolice , any answers? https://t.co/G2ZjTqGzcM
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) April 11, 2019
ये वही प्रियंका चतुर्वेदी हैं, जिन्होंने रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी की रैली में भारी जनसैलाब दिखाने के लिए फोटोशॉप्ड तस्वीरों का सहारा लिया था और चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर सरदार भगत सिंह को नमन किया था।
How much money does the BJP have? ?@SpokespersonECI @ECISVEEP #MyVoteForCongress https://t.co/lWSp3Ao4w4
— Salman Anees Soz (@SalmanSoz) April 11, 2019
हर वक़्त धरना देने का बहाना तलाशने वाली आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी इस चटपटी ‘वायरल तस्वीर’ को शेयर करते हुए चर्चा के मैदान में उतरने का मौक़ा तलाश ही लिया। अमित मिश्रा ने ‘नमो फूड’ को ‘NaMo फूड’ बताकर सीधा DM और पुलिस के साथ ही चुनाव आयोग पर ही आरोप लगाते हुए लिखा, “चुनाव आयोग देश में चुनाव करवा रहा है या मजाक?”
BJP खुलेआम पोलिंग बूथ के बाहर अपना चुनाव प्रचार कर रही हैं NaMo के पैकेट बांटे जा रहे हैं और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यह बोल रहा है कि किसी प्रकार की कोई इंक्वायरी या कोई एक्शन लेने की जरूरत नहीं है तो इसका क्या मतलब समझा जाए.?
— Amit Mishra (@Amitjanhit) April 11, 2019
चुनाव आयोग देश में चुनाव करवा रहा है या मजाक.?? https://t.co/qkgoLgmXEO
एक दूसरे ‘जर्नलिस्ट’ ने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए लिखा, “पुलिस ने ये बाँटे? वाह रे वाह UP।”
And cops distributing them? Wah re wah, UP. https://t.co/6EwZib9ppk
— Durga (@the_bongrel) April 11, 2019
AFP जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से जुड़े ‘फैक्ट चेकर्स’ ने भी बिना फैक्ट चेक किए ही इस तस्वीर को शेयर करते हुए सीधा उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाते हुए लिखा, “उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी नोएडा में NaMo फूड पैकेट्स बाँट रहे हैं, जहाँ इस समय मतदान हो रहा है।”
आम आदमी पार्टी का हितैषी ‘जनता का रिपोर्टर’ ब्लॉग ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इसमें एक काल्पनिक प्रकरण जोड़कर ये भी लिख दिया कि ‘जर्नलिस्ट’ को देखकर पुलिस वहाँ से भाग गई।
जबकि वीडियो में ये स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पुलिस की गाड़ी वहाँ से ट्रैफिक खुलने के बाद आगे बढ़ रही ना कि वो भागने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि इन ‘जर्नलिस्ट’ ने दावा किया है।
क्या है सच्चाई
इन सबसे परे सच्चाई यह है कि नमो फूड का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई लेनादेना नहीं है। वास्तव में, नोएडा में इस नाम का एक रेस्टोरेंट है। जैसा कि फूड सर्च वेबसाइट जोमेटो में भी देखा जा सकता है, नमो फूड के नोएडा में सिर्फ 1 नहीं बल्कि 4 आउटलेट्स हैं।
SSP गौतम बुद्ध नगर ने ट्विटर पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया है कि फूड पैकेट्स चुनाव ड्यूटी के दौरान लोकल स्तर पर पुलिस अधिकारियों के लिए रखे गए हैं।
Appeal to all that do not trust rumours. Pls go by facts @noidapolice @dgpup @PTI_News @adgzonemeerut @igrangemeerut @ceoup @ceouptweets @Uppolice pic.twitter.com/Pi3besBOsY
— SSP NOIDA (@sspnoida) April 11, 2019
SSP ने बताया कि इस प्रकार की भ्रामक बातें राजनीतिक उद्देश्यों के कारण फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ये पैकेट्स ना ही किसी राजनीतिक दल और ना ही किसी विशेष रेस्टोरेंट से मँगवाए गए हैं।
➡️आज दिनांक 11-04-2019 को नमो फूड वाली खबर के संबंध में @sspnoida द्वारा दी गयी बाइट #NoidaPolice @Uppolice @igrangemeerut @adgzonemeerut @ceoup @dgpup pic.twitter.com/LMf9yNrwaQ
— NOIDA POLICE (@noidapolice) April 11, 2019
SSP ने बताया कि ये चुनाव ड्यूटी के दौरान तैनात पुलिस अधिकारियों के लिए मँगवाए जा रहे थे और रेस्टोरेंट का नाम नमो फूड्स होना सिर्फ एक संयोग है।
इसी के साथ पुलिस विभाग को बदनाम करने के लिए ट्विटर पर पूरी ताकत से उमड़ी ‘जर्नलिस्ट’ की भीड़ को लताड़ते हुए SSP ने करारा जवाब देते हुए कहा कि अपनी जुबान पर लगाम लगाओ और जागरूक बनो। बस यह जान लें कि जिस पत्रकार को यह जवाब दिया गया है, वो पहले भी अमित शाह पर झूठे आरोप लगा कर बदनाम हो चुकीं हैं।
Dear @sspnoida. When did you start food delivery service on behalf of a political party? @IPS_Association https://t.co/Sa1Mef6fUu
— Rohini Singh (@rohini_sgh) April 11, 2019
हालाँकि, जब तक पुलिस स्पष्टीकरण देती, यह अफवाह ऐसे कॉन्ग्रेसी-वामी ‘जर्नलिस्टों’ द्वारा बड़े स्तर पर फैलाई जा चुकी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार इलेक्शन अफसर ने नॉएडा DM से नमो फूड्स मामले पर जवाब माँगा है।