यह जगजाहिर है कि ख़बरों के नाम पर धुर वामपंथी चैनल NDTV दर्शकों के सामने प्रोपेगेंडा पेश करता है। आए दिन खुद की झूठी खबरों के पकड़े जाने के बावजूद वह इस कारस्तानी से बाज नहीं आ रहा है। गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान उसने आँकड़ों का ग्राफ गलत तरीके से पेश किया ताकि यह भ्रम पैदा हो कि सबसे ज्यादा दागी सांसद बीजेपी के हैं।
यह कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सभी राजनीतिक दलों को अब अपनी साइट और सोशल मीडिया एकाउंट पर आपराधिक नेताओं की प्रोफाइल अपडेट करनी होगी। इसे लेकर NDTV ने कुछ गेस्टों के साथ चर्चा की। कार्यक्रम के एंकर विष्णु सोम हैं। चर्चा में ADR इंडिया के संस्थापक प्रोफेसर जगदीप छोकर, पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व सांसद कलिकेश नारायण सिंह देव और बीजेपी के विवेक रेड्डी शामिल थे। इसी दौरान एक ऐसा ग्राफिक दिखाया गया जिससे प्रतीत होता है कि अन्य दलों की तुलना में आपराधिक आरोपों वाले सबसे ज्यादा सांसद बीजेपी के हैं।
एडीआर के आँकड़ों के आधार पर जो ग्राफिक एनडीटीवी ने दिखाया उसमें पॉंच पार्टियों की तुलना की गई थी। इसमें बीजेपी, कॉन्ग्रेस, जदयू, डीएमके और तृणमूल कॉन्ग्रेस शामिल हैं। इन दलों में सबसे कम आपराधिक आरोपों वाले सासंद करीब 39 फीसदी बीजेपी के हैं, जबकि सबसे ज्यादा क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले सांसद 81 फीसदी जदयू के हैं। कॉन्ग्रेस के सांसदों दागदार सांसदों का प्रतिशत 57 और DMK तथा टीएमसी का क्रमश: 43 एवं 41 फीसदी है। इन आँकड़ों के आधार पर तैयार ग्राफ में बीजेपी का हिस्सा सबसे छोटा और जदयू का सबसे बड़ा होना चाहिए। लेकिन, सबसे बड़ा ग्राफ बीजेपी का दिखाया गया।
यह बताता है कि बीजेपी को लेकर एनडीटीवी किस कदर पूर्वाग्रह से ग्रसित है और कॉन्ग्रेस को पाक-साफ दिखाने के लिए वह कैसे चीजों को गलत तरीके से पेश करता है। गौरतलब है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए उनसे उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा था। कहा था कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट देने का कारण भी बताएँ। साथ ही कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में तमाम जानकारी अपने आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर भी देनी होगी।
Supreme Court also directs political parties to publish credentials, achievements and criminal antecedents of candidates on newspaper, social media platforms and on their website while giving a reason for selection of candidate with criminal antecedents. https://t.co/HE0Om38zGn
— ANI (@ANI) February 13, 2020
एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि अलग तरह की राजनीति का दावा कर अस्तित्व में आई आप ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में जिन लोगों को उतारा था उनमें से 60 फीसदी दागी हैं। 51 फीसदी पर तो गंभीर आपराधिक आरोप हैं। रिपोर्ट के अनुसार आप के 70 उम्मीदवारों में से 42 के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। 36 आप उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।