दिनभर फर्जी खबरें फैला कर पैसों की माँग करना अब पुराना शगल हो गया है। अब इसमें थोड़ा सा बदलाव आया है। प्रोपेगेंडा प्लेटफॉर्म Newslaundry के को फाउंडर अभिनंदन सेखरी ने अब लोगों से पुराने फोन माँगे है। सेखरी ने यह जानकारी एक्स (पहले ट्विटर) पर दी है।
‘झबरा’ की संज्ञा धारण करने वाले अभिनंदन सेखरी ने एक्स पर लिखा, “अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपके पास पुराने फोन हैं जो अभी भी काम करते हैं लेकिन आप उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और उन्हें IIT फ्लाईओवर और वसंत विहार फ्लाईओवर के आस-पास रहने वाले बेघर लोगों को देना चाहते हैं (उन्हें फोन की बड़ी ज़रूरत है) तो कृपया मुझे मेल करें। मैं उन्हें एकत्र करवा लूँगा। धन्यवाद।”
इस ट्वीट में सेखरी ने बताया कि वह वसंत विहार और फ्लाईओवर और IIT फ्लाईओवर के पास रहने वाले बेघर यानि झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को देना चाहता है। लेकिन असल में सेखरी की यह कोशिश किसी को जेल पहुँचा सकती है। सेखरी ने जिस वसंत विहार इलाके में फोन बाँटने की बात की है, यहाँ रहने वाली बड़ी बेघर आबादी रोहिंग्या घुसपैठियों की है। सेखरी ने लोगों को फोन बाँटने की बात तो कर दी लेकिन यह नहीं बताया कि इससे फोन देने वाले को क्या नुकसान हो सकता है।
पुराना फोन देने से क्या नुकसान?
पुराना फोन किसी अनजान व्यक्ति को देने के कई नुकसान है। सेखरी ने बताया है कि वह फोन यहाँ बेघर व्यक्तियों को देने जा रहा है। ऐसे में फोन देने वाले को नहीं पता होगा कि उसका फोन किसके हाथ में जा रहा है। वह व्यक्ति क्या काम करता है, उसका पेशा क्या है, उसका पक्का पता क्या है और उसके फोन का आगे किस काम के लिए उपयोग होने वाला है।
ऐसे में यदि कोई व्यक्ति सेखरी को फोन देता है और वह आगे किसी बेघर व्यक्ति को देता है जो कि इस फोन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों समेत किसी अवैध काम में करता है तो ऐसी स्थिति में पुलिस फोन के पहले मालिक के पास पहुँच सकती है।
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि अपराध के मामले में पुलिस को यदि कोई मोबाइल नम्बर मिलता है, तो इसी से उस फोन की जानकारी भी मिलती है, जिसमें यह SIM डाला गया है। इससे पुलिस समेत एजेंसियों को फोन के IMEI नम्बर का पता लगता है। यह IMEI नम्बर किसी फोन का पहचान पत्र होता है।
जैसे किसी कार या बाइक का चेसिस और इंजन नम्बर होता है, जिससे उसकी पहचान की जा सके ऐसे ही फोन में IMEI नम्बर होता है। IMEI नम्बर से फोन के उपयोग की जानकारी भी निकाली जा सकती है। ऐसे में जाँच एजेंसियाँ किसी ‘बेघर’ के अपराध के लिए फोन दान देने वाले के घर पहुँच सकती हैं। यदि वसंत विहार में रहने वाला कोई रोहिंग्या घुसपैठिया ऐसा फोन पाता है और उससे कोई अपराध करता है, तो इस मामले में फोन दान देने वाले को फँसना पड़ सकता है।
इसके अलावा सेखरी जहाँ एक ओर लोगों से फोन लेने की बात कर रहा है, वहीं उसने यह नहीं बताया कि वह फोन लेने के बदले कोई रसीद भी उपलब्ध करवाएगा क्या। सामान्यतः, जो वेबसाइट पुराने मोबाइल खरीदती हैं, वह फोन बेचने वाले को इस बात की रसीद भी देती हैं कि उसने फोन बेचा है।
इसके अलावा वह बिना पहचान पत्र देखे फोन नहीं खरीदती-बेचतीं। यदि कोई ऐसा साक्ष्य नहीं होता तो फोन देने वाला किसी अपराध की स्थिति में कैसे साबित करेगा कि फोन का मालिकाना हक़ उसके पास नहीं था। क्या ऐसी परिस्थिति में अभिनंदन सेखरी उस कथित ‘बेघर’ के कृत्यों की जिम्मेदारी लेगा।
पहचान तक हो सकती है चोरी
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि सामान्यतः आपको अपना फोन किसी को नहीं बेचना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कि भले ही कोई व्यक्ति अपना फोन पूरी तरह से फॉर्मेट करके बेचता है तब भी इस बात की संभावना रहती है कि वह डाटा वापस पाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में जिस व्यक्ति को पुराना फोन मिला है, वह उसके निजी फोटो, पहचान सम्बन्धी कागज, परिवार की जानकारी, उससे जुड़े फोन नम्बर तक निकाल सकता है।
एक साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट ने ऐसा ही प्रयोग करके 30 डिवाइस खरीदे और उनमें से लगभग आधे में से पुराना डाटा निकालने में सफल रहे। ऐसे में इस बात की क्या गारंटी है कि सेखरी जिन लोगों को फोन दिया जाएगा, वह पुराने मालिक की जानकारियाँ नहीं चुराएगा।
क्या फोन माँगना सेखरी का निजी हित
वहीं अभिनंदन सेखरी के फोन माँगने में उसका निजी हित भी शामिल हो सकता है। दरअसल, बहुत सारे फोन एक जगह इकट्ठा करके उनका उपयोग कोई ट्रेंड सोशल मीडिया पर चलाने, किसी वीडियो को वायरल करने या किसी सूचना को प्रसारित करने में होता है। ऐसे में हो सकता है कि दिन भर सब्स्क्रिप्शन के बहाने पैसे की माँग करना वाला अभिनंदन सेखरी अपने ही व्यूज बढ़ाना चाहता हो या फिर कोई ट्रेंड चलाना चाहता हो।
अभिनंदन सेखरी जैसे लोगों को नित नित नए ‘फ्रॉड’ करने का आईडिया कहाँ से आता है, इसे आप उसके पोस्ट पर आए कमेंट्स को पढ़ कर भी समझ सकते हैं। कई ‘भोले-भाले’ यूजर्स उसे अपनी ओर से फोन देने की पहल भी कर रहे हैं, बिना यह सोचे समझे कि उनके लिए एक ‘बेकार फोन’ उनके जीवन में मुसीबतों का बवंडर ला सकता है।