2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की कार्य संस्कृति में व्यापक बदलाव आया। इनमें से विदेश यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री के विमान में पत्रकारों को ले जाने की परिपाटी बंद करना भी है। पूर्व नौकरशाह नृपेंद्र मिश्रा ने बताया है कि कैसे पीएम मोदी ने इस चलन को बंद किया।
मिश्रा श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। वे पहले कार्यकाल में पीएम मोदी के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के पॉडकास्ट में बताया है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जब नरेंद्र मोदी पहले विदेश दौरे पर जा रहे थे तो उन्हें भी पहले से चली आ रही परिपाटी के अनुसार साथ जाने वाले पत्रकारों के नाम दिए गए थे। लेकिन उन्होंने इस परिपाटी को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी के साथ विदेश यात्रा पर उनके विमान में किसी भी निजी मीडिया संस्थान के पत्रकार नहीं जाते हैं। उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान बड़ी संख्या में पत्रकारों का प्रधानमंत्री के साथ उनके विमान में विदेश दौरों पर जाना संस्कृति बन गई थी।
Ex-Principal Secy to PM Modi Reveals Why He Doesn't Take Any Media Persons with Him on Foreign Trips#ANIPodcastwithSmitaPrakash #Media #Modi #ForeignTrips
— ANI (@ANI) November 30, 2023
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नृपेंद्र मिश्रा ने बताया है कि जब पहली विदेश यात्रा के लिए प्रधानमंत्री मोदी विदेश जाने वाले थे तो उन्हें साथ जाने वाले पत्रकारों की सूची गई थी। शुरुआत में उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बाद में जब नृपेंद्र मिश्रा ने इस संबंध में पूछा तो प्रधानमंत्री का सवाल था कि अगर हम प्रेस को साथ अपने विमान में ना लेकर जाएँ तो क्या होगा?
मिश्रा ने उन्हें जवाब दिया कि इससे मीडिया के साथ रिश्ते बिगड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ भी हो प्रेस को साथ नहीं ले जाया जाएगा। उनका कहना था कि मीडिया के बड़े नाम प्रधानमंत्री के साथ अपने पत्रकार भेज कर अपना पैसा बचाते हैं। उन्हें अपने आर्थिक स्थिति की कोई चिंता नहीं होती। उन्हें अपने खर्चे पर विदेश में अपने पत्रकार भेजने चाहिए।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दिल्ली के बड़े पत्रकारों को प्रधानमंत्री के आधिकारिक विमान में साथ में ले जाया जाता था। इन पत्रकारों को प्रधानमंत्री की पूरी यात्रा के दौरान रहने की सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई जाती थी। इसके लिए विदेश मंत्रालय होटल का चयन करता था।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री के विमान में 34 सीट पत्रकारों के लिए थी। इनमें से 2 सीट एसपीजी लेती थी, जबकि 32 सीटें पत्रकारों को दी जाती थी। इन पत्रकारों को मुफ्त भोजन और काम करने के बाद थकने पर शराब भी मुफ्त में पिलाई जाती थी।
प्रधानमंत्री के साक्षात्कार और उनसे जुड़ी खबरों पर भी इन निजी मीडिया चैनल का कब्जा हो गया था, जबकि सरकारी चैनल दूरदर्शन समस्याओं से घिरा हुआ था। प्रधानमंत्री के साथ जाने से सरकार के बड़े अधिकारियों, मंत्रियों और प्रधानमंत्री तक इन पत्रकारों की सीधी पहुँच होती थी।