इस समय भारत दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है – एक कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण से और दूसरा मीडिया समूहों द्वारा फैलाई जा रही फेक न्यूज और नैरेटिव से। हाल ही में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री (FICCI) ने 06 मई को बयान जारी करके यह स्पष्टीकरण दिया कि मीडिया का एक बड़ा वर्ग उसके द्वारा नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) को 19 अप्रैल 2021 को लिखे गए पत्र को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है।
FICCI’s letter of April 19 to @ndmaindia has been distorted in some sections of media & we consider it necessary to set the record straight: FICCI President Mr Uday Shankar.#FICCISpeaks pic.twitter.com/wX4pNZW4F0
— FICCI (@ficci_india) May 6, 2021
इस पत्र का जो हिस्सा विवादास्पद बताया जा रहा है, उसमें कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड से निर्मित 40,000 वेन्टिलेटर सरकारी संस्थानों में बिना उपयोग के पड़े हुए हैं। इसका कारण है विशेषज्ञ पेशेवरों और ऑक्सीजन आपूर्ति की अनुपलब्धता।
इस पर FICCI ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब यह पत्र लिखा गया था, तब से आज तक परिस्थितियाँ काफी बदल गई हैं। वर्तमान में राज्यों की सरकारें इन वेन्टीलेटर्स का उपयोग कर रही हैं।
FICCI ने बताया कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि सरकार इस मामले पर ध्यान नहीं दे रही है अपितु उनका उद्देश्य था कि उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की ओर ध्यान आकर्षित किया जाए। FICCI द्वारा यह भी कहा गया है कि पिछले तीन हफ्तों में सरकारों ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बहुत काम किया है।
FICCI के द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि उनके द्वारा सरकार की आलोचना किए जाने की खबर भ्रामक है और उनका उद्देश्य मात्र यह है कि राज्य अथवा केंद्र की सरकार के साथ मिलकर Covid-19 संक्रमण से लड़ने में देश की सहायता की जाए। FICCI ने यह भी कहा है कि सभी को मिल कर लोगों की जान बचाने और उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग करना चाहिए।
FICCI के पत्र पर टाइम्स ऑफ इंडिया की भ्रामक रिपोर्ट
FICCI द्वारा NDMA को लिखे गए पत्र पर रिपोर्ट करते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया ने जमीनी स्तर पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि आपसी सामंजस्य और लापरवाही के कारण पीएम केयर्स फंड की सहायता से निर्मित 40,000 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के पड़े हुए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में रूपाली मुखर्जी द्वारा लिखी गई रिपोर्ट के आधार पर ही वामपंथी न्यूज संस्थान द वायर के संस्थापक और संपादक एम के वेणु ने भी इस भ्रामक प्रचार-प्रसार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और टाइम्स ऑफ इंडिया की बात दोहराई।
इसके अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया और द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को लेकर फेक न्यूज फैलाई। इन दोनों मीडिया समूहों में यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौशालाओं में गायों के लिए ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। इसके अलावा इन रिपोर्ट्स में गायों के लिए हेल्प डेस्क भी बनाने की बात कही गई।
Fake News by some big News Portals vs Reality pic.twitter.com/f7nj4o2o0d
— Political Kida (@PoliticalKida) May 6, 2021
हालाँकि बाद में यह सामने आया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर की व्यवस्था करने का आदेश गौशालाओं के स्टाफ के लिए था न कि गायों के लिए। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय को भ्रामक तरीके से प्रचारित किया गया।