दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक के फाउंडर-एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ 8000 पन्नों की चार्जशीट दायर की है, जिसमें प्रतिबंधित इस्लामिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साथ उनके संबंधों का खुलासा किया गया है। चार्जशीट के मुताबिक, प्रबीर पुरकायस्थ का लश्कर आतंकियों के साथ भी जुड़ाव रहा है और वो लश्कर के आतंकियों को फंडिंग भी करते थे।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, न्यूज़क्लिक संस्थापक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के बहाने दुष्प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहा था। स्पेशल सेल ने कहा कि फंड लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को दिया गया था, जो यूए(पी)ए- 1967 की पहली अनुसूची के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है और कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
#BreakingNews: #NewsClick founder Prabir Purkayastha disbursed cash to #CAA rioters, #DelhiPolice chargesheet reveals@anany_b decodes the chargesheet | @JamwalNews18 pic.twitter.com/2tqahIRUky
— News18 (@CNNnews18) April 30, 2024
चार्जशीट के मुताबिक, प्रबीर पुरकायस्थ सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों के दौरान खूब सक्रिय था और अपने कर्मचारियों के माध्यम से दंगाइयों तक पैसे पहुँचा रहा था। वो न्यूजक्लिक के माध्यम से एनआरसी और सीएए के विरोध में माहौल भी बना रहा था। पुलिस ने बताया है कि प्रबीर ने जिन लोगों को पैसे देकर दंगे फैलाने में सहायता की, उनमें से शरजीम इमाम जैसे लोग दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों और आतंकी संगठनों से साँठगाँठ के आरोपों में जेल में बंद हैं। उन पर यूएपीए जैसे मामलों में केस चल रहे हैं। इन दंगाइयों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान शाहीन बाग और चांद बाग में उत्पात मचाया था और तथाकथित किसान भी शामिल हैं जिन्होंने देश की राजधानी में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
कोरोना के दौरान वैक्सीन को लेकर फैलाई अफवाह
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार्जशीट में बताया है कि प्रबीर पुरकायस्थ और उसकी कंपनी न्यूजक्लिक ने कोविड-19 के दौरान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के सदस्य नेविल रॉय सिंघम के साथ मिलकर भारत सरकार को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने भारत सरकार की विफलता को हाईलाइट करने किया और भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए को-वैक्सीन की आलोचना वाले लेख प्रकाशित किए, ताकि भारत के आम जनमानस में सरकार के खिलाफ असंतोष और गुस्सा भड़के।
नक्सलियों को दी फंडिंग
चार्जशीट के मुताबिक, प्रबीर पुरकायस्थ ने ‘अर्बन नक्सली’ गौतम नवलखा के साथ मिलकर नक्सलियों को हिंसा बढ़ाने के लिए फंडिंग दी, ताकि छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आँध्र प्रदेश जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली हिंसा बढ़े।
#Breaking#TimesNow has accessed the details of the chargesheet against #PrabirPurkayastha editor of 'Newsclick'.
— TIMES NOW (@TimesNow) May 1, 2024
As per the chargesheet, Prabir Purkayastha was involved in mass mobilization and terror funding…: @Priyanktripathi joins @anchoramitaw with details.
Watch as… pic.twitter.com/qaLA35WPVg
पुलिस ने कहा कि ईमेल के रूप में सबूत हैं कि साजिश 2016 में शुरू हुई और अपने उद्देश्य के अनुसार, पीपीके न्यूज़क्लिक को पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में बदल दिया गया ताकि भारत में आतंकवादी कृत्य और गैरकानूनी गतिविधियाँ के लिए धन उगाही की जा सके। न्यूज़क्लिक को 91 करोड़ रुपये मिले, जिसका इस्तेमाल बाद में आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया। पीपी न्यूज़क्लिक इंडिया एलएलपी को एक निजी कंपनी में बदल दिया गया ताकि निवेश और सेवा समझौते की आड़ में धन दिया जा सके।
पुरकायस्थ के न्यूज़क्लिक पर कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के मानचित्र के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। इसने कथित तौर पर चीनी मानचित्र को बदल दिया ताकि अक्साई चिन को चीन के हिस्से के रूप में शामिल किया जा सके और एक समाचार बुलेटिन में भारत को कश्मीर के बिना दिखाया गया।
चार्जशीट में बताया गया है कि इस मामले में कुल 8 गवाह हैं, जिसमें से 5 न्यूजक्लिक के साथ जुड़े हुए हैं। इसमें से एक अमित चक्रवर्ती भी हैं, जो गिरफ्तारी के बाद गवाह बन गए और कोर्ट ने उन्हें माफी दे दी, इसलिए उनके खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं दी जा रही।
प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ 3 अहम गवाह
प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ कई अहम गवाह भी हैं। इस केस से जुड़े गवाहों की पहचान गुप्त रखी गई है। उन्हें गामा-1, गामा-2 और गामा-3 नाम दिया गया है। इसमें ‘गामा-1’ ने बताया है, कि “सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान, पुरकायस्थ कर्मचारियों को भाग लेने के लिए भेजते थे और मुस्लिम समुदाय को हिंसक कृत्य और दंगे करने के लिए उकसाते थे। वह दंगाइयों के बीच बाँटने के लिए न्यूजक्लिक के कर्मचारियों को पैसे देता था। प्रबीर पुरकास्थ, चक्रवर्ती और इस गैंग के अधिकतर सदस्य वामपंथी और माओवादी विचार धारा वाले हैं, जिस्हें चीन की कम्युनिष्ट पार्टी से फंड मिलता था।”
एक अन्य गवाह ‘गामा2’ ने कहा कि न्यूज़क्लिक के संस्थापक ने इस्लामी चरमपंथी शरजील इमाम को पैसे देने के लिए एक व्यक्ति को शाहीन बाग भेजा था, जो वर्तमान में हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों में अपनी भूमिका के लिए सलाखों के पीछे है। उन्होंने कहा, “इस पैसे से उसे (इमाम को) हिंसा और दंगा भड़काने के लिए हथियार और अन्य उपकरण खरीदने चाहिए।” ‘गामा2’ ने यह भी गवाही दी कि हिंसा भड़काने के लिए बाद में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नक्सलियों को पैसा भेजा गया था। ‘गामा3’ ने बताया, “फंड (न्यूज़क्लिक द्वारा प्राप्त) का इस्तेमाल सीएए/एनआरसी विरोध, किसानों के आंदोलन, अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ कश्मीरी अलगाववादियों और माओवादी समूहों के समर्थन में किया गया था।”
बता दें कि न्यूज़क्लिक के संस्थापक को 3 अक्टूबर, 2023 को कंपनी के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के रास्ते चीन से अवैध धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसमें से अजय चक्रवर्ती बाद में सरकारी बवाह बन गया।
मूल रूप से ये समाचार अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया गया है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।