Sunday, November 24, 2024
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‘परमबीर सिंह झूठ बोल रहे हैं, मानहानि का सामना करने को तैयार रहें’: अर्नब ने ‘फेक TRP स्कैम’ पर मुंबई पुलिस को दिया जवाब

“मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी पर झूठे आरोप लगाए हैं क्योंकि हमने उनसे सुशांत सिंह राजपूत मामले की जाँच से जुड़े कई सवाल किए थे। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर पर आपराधिक मानहानि का दावा करेगी। BARC ने ऐसी एक भी रिपोर्ट जारी नहीं की है जिसमें रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल हो। सुशांत सिंह राजपूत मामले में परमबीर सिंह द्वारा की जाँच पर खुद शक के बादल मंडरा रहे हैं।”

बृहस्पतिवार को हुई प्रेस वार्ता में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि कि पुलिस फर्जी टीआरपी मामले में जाँच कर रही है। उन्होंने बताया कि जाँच में रिपब्लिक टीवी समेत 3 ऐसे चैनल्स के नाम सामने आए हैं जो BARC द्वारा तय किए गए मूल पैमानों के साथ गड़बड़ी करते हैं। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने इस मुद्दे पर बयान जारी किया है। उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को झूठा बताते हुए उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है।

अपने बयान में अर्नब गोस्वामी ने कहा, “मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी पर झूठे आरोप लगाए हैं क्योंकि हमने उनसे सुशांत सिंह राजपूत मामले की जाँच से जुड़े कई सवाल किए थे। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर पर आपराधिक मानहानि का दावा करेगी। BARC ने ऐसी एक भी रिपोर्ट जारी नहीं की है जिसमें रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल हो। सुशांत सिंह राजपूत मामले में परमबीर सिंह द्वारा की जाँच पर खुद शक के बादल मंडरा रहे हैं।” 

इसके बाद अर्नब ने कहा, “यह सिर्फ और सिर्फ निराशा में उठाया गया एक कदम है क्योंकि रिपब्लिक टीवी ने पालघर मुद्दे, सुशांत सिंह के मुद्दे या इस तरह के किसी भी अन्य मुद्दे पर रिपोर्ट तैयार की। इस तरह निशाना बनाने से हमारा संकल्प और मज़बूत होता है और सच की ज़मीन ठोस होती है। आज परमबीर सिंह की असलियत सामने आ गई है क्योंकि BARC की रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का नाम कहीं नहीं है। उन्हें आधिकारिक तौर पर माफ़ीनामा लिखना चाहिए और अदालत में हमारा सामना करने की तैयारी कर लेनी चाहिए।”   

रिपब्लिक टीवी की तरफ से जारी किए गए बयान में यह भी कहा गया कि परमबीर सिंह को कई बातों डर सता रहा है, वह बौखलाए हुए हैं। इसमें सबसे बड़ा डर इस बात का है, “सुशांत सिंह मामले में अहम खुलासे होने बाकी हैं। उनकी तरफ से किए गए सभी दावे झूठे हैं। हमारी दर्शकों से अपील और निवेदन है कि हमें मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार से लड़ने की ज़रूरत है। वह इस भ्रम में हैं कि ऐसी कोशिशों के ज़रिए हमें चुप करा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है, हम अंत तक उनका सामना करेंगे।”  

इसके बाद रिपब्लिक टीवी ने अपने बयान में कहा कि हम दर्शकों से जिस तरह का सहयोग मिला है हम उसके लिए आभारी हैं। व्यूअरशिप बताती है कि लोगों को हम पर कितना भरोसा है, महाराष्ट्र की सरकार हमें तथ्य सामने रखने से नहीं रोक सकती है। हम नेशन फर्स्ट की नीति पर चलते हैं, हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। BARC की किसी भी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं है, इसका मतलब साफ़ है कि यह कार्रवाई निजी दुश्मनी और निराशा के चलते की गई है।

वहीं मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा, “मुंबई में टीआरपी पर निगरानी के लिए कुल 2000 बैरोमीटर लगाए गए हैं। BARC ने इन बैरोमीटर्स की जाँच के लिए गोपनीय कॉन्ट्रैक्ट (ठेके) दिए थे। आरोपितों ने बताया कि वह लोगों को अपनी गैर मौजूदगी में घर का टीवी ऑन रखने के लिए कहते थे। टीआरपी की जाँच करने का सबसे बड़ा आधार यही है कि कौन सा चैनल एक घर में कितनी देर तक देखा जाता है। आरोपित घर वालों को टीवी पर बताए हुए चैनल लगाए रखने के लिए रिश्वत तक देते थे।” 

इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था और अदालत के सामने पेश किया गया था। फ़िलहाल वह मुंबई पुलिस की हिरासत में हैं। एक आरोपित के पास से 20 लाख रुपए बरामद किए गए हैं और 8.5 लाख रुपए उसके बैंक लॉकर से बरामद किए गए हैं। इसके बाद कमीश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि मराठी चैनल फ़क्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। यह गिरफ्तारी धारा 409 और 420 के तहत की गई है। उनके मुताबिक़ टीआरपी से छेड़छाड़ करने के मामले में BARC ने रिपब्लिक टीवी को भी संदिग्ध बताया है। 

पुलिस को इन आँकड़ो की जानकारी रेटिंग एजेंसी BARC से मिली है। अंत में मुंबई के कमिश्नर ने कहा कि अगर ऐसा मुंबई में हो रहा है तो इसमें कोई शक नहीं कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी जारी हो। अपराध शाखा की सीआईयू (CIU) के एसीपी शशांक इस जाँच की अगुवाई कर रहे हैं और डीसीपी – जेसीपी जाँच की निगरानी कर रहे हैं। जल्द ही इस मामले से जुड़ी जाँच की अंतिम रिपोर्ट सामने होगी।    

इस मामले की शिकायत हंसा रिसर्च ने अपने कुछ पूर्व कर्मचारियों के विरुद्ध दायर की थी। जिन पर टीआरपी सिस्टम से जुड़े डाटा के साथ खिलवाड़ करने का संदेह है, इसके अलावा कुछ वर्तमान कर्मचारी भी इस प्रकरण में शामिल हो सकते हैं। आज ही रिपब्लिक टीवी को इस मामले में समन भेजा जाएगा इसके बाद चैनल के मुखिया समेत अन्य कर्मचारी पूछताछ के लिए बुलाए जा सकते हैं। पुलिस ने इस मामले की जाँच रिपोर्ट सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी सौंप दी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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