बाजार नियामक The Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने न्यू दिल्ली टेलीविज़न लिमिटेड (NDTV) पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना शेयर बाजार को समय पर जानकारी न देने के कारण लगाया गया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पाया कि एनडीटीवी ने नियम के तहत सूचनाएँ सार्वजनिक करने के मामले में चूक की, जिसके बाद यह आदेश दिया गया। एनडीटीवी के ख़िलाफ़ शेयरों की बड़ी ख़रीद और अधिग्रहण के नियम का अनुपालन न करने का मामला पाया गया है। अपने आदेश में सेबी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया:
“जनवरी 2018 में इंडियाबुल्स फाइनेंसियल सर्विसेज ने एनडीटीवी के 40 लाख शेयरों का अधिग्रहण किया था। यह कम्पनी की कुल शेयर पूँजी का 6.4% है। एनडीटीवी के प्रमोटर्स ने जुलाई 2018 में 20.28% शेयर पूँजी का अधिग्रहण किया। नियमानुसार, इस प्रक्रिया के बाद कम्पनी को सम्बंधित प्रावधानों के अंतर्गत इससे जुड़ी ज़रूरी जानकारियाँ देनी थीं, जो उसने नहीं की। एनडीटीवी को इस से जुड़ी जानकारियाँ बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से भी साझा करनी थीं। जबकि, कम्पनी ने इस बातों को छुपाया और जानकारी देने में देरी की।”
एनडीटीवी ने अपने शेयरों में हुए बदलाव व इंडियाबुल्स के साथ हुए समझौते के बाद समय पर सब कुछ खुलासा नहीं किया, इसीलिए उस पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। इससे पहले एक मामले में NDTV के दोनों प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर कम्पनी में किसी भी प्रकार का पद लेने से 2 साल का प्रतिबन्ध लगा दिया था। नियामक ने दोनों के होल्डिंग्स और म्यूच्यूअल फंड को भी सीज कर दिया था। सेबी ने अपनी जाँच में पाया था कि इन्होंने आईसीआईसीआई बैंक से 375 करोड़ रुपए का क़र्ज़ ले रखा था, जिसे बाद में वीसीपीएल से 350 करोड़ का क़र्ज़ लेकर चुकाया।
Markets regulator SEBI has imposed a penalty of Rs 12 lakh on New Delhi Television Ltd (@ndtv )https://t.co/04LqM1iGiI
— Outlook Magazine (@Outlookindia) June 18, 2019
सेबी ने कहा कि बाकी शेयरधारकों से इन बातों को छुपाया गया क्योंकि लोन लेने के दौरान तय हुई शर्तों के तहत वीपीसीएल एनडीटीवी में 30% तक शेयर हासिल करने की क्षमता रखता था। बाद में मंगलवार (जून 18, 2019) को ‘The Securities Appellate Tribunal (SAT)’ ने सेबी द्वारा रॉय दम्पति के कोई पद न लेने वाले निर्णय पर रोक लगा दी। सैट ने कहा कि ऐसा करना कम्पनी के शेयरधारकों के हित में नहीं होगा। एजेंसी ने सेबी से रॉय दम्पति को प्रत्युत्तर देने के लिए तीन सप्ताह का समय देने को कहा।
Listed Company cannot remain headless: SAT stays SEBI order against Radhika Roy, Prannoy Roy
— Bar & Bench (@barandbench) June 19, 2019
[READ ORDER]@PrannoyRoyNDTV@ndtv https://t.co/XZHMFxwG3A
रॉय दम्पति व एनडीटीवी की एक अन्य शेयरधारक कम्पनी आरआरपीआर होल्डिंग्स द्वारा इस तरह से क़र्ज़ लेने व समझौते करने से बाकी के निवेशकों को कम्पनी की माली हालत के बारे में अंदाज़ा नहीं लगा, जिस कारण सेबी ने एक्शन लिया। फिलहाल इस मामले में रॉय दम्पति के प्रत्युत्तर के बाद एजेंसियाँ आगे का निर्णय लेंगी। प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने बयान जारी कर सेबी के आदेश को क़ानूनी रूप से ग़लत एवं नियमों के ख़िलाफ़ बताया था। उनका आरोप था कि जिन बातों को आधार बना कर ये आदेश दिए गए हैं, उसके बारे में उन्हें भेजे गए ‘कारण बताओ नोटिस’ में कोई चर्चा ही नहीं थी।