Monday, November 18, 2024
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नाम में खान इसलिए शाहरुख का बेटा निशाना: रिया चक्रवर्ती के लिए ‘महिला कार्ड’ खेलने वाली मीडिया का अब ‘मुस्लिम’ प्रलाप

लिबरल गिरोह शाहरुख़ खान से घृणा करता रहा है कि वो क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं करते हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर उनके पूरे परिवार को गाली दी गई थी, क्योंकि वो इस पर्व को मनाते हैं।

मीडिया में एक नैरेटिव चलाया जा रहा है कि शाहरुख़ खान के नाम में ‘खान’ है, अर्थात वो मुस्लिम हैं इसीलिए उनके बेटे को ड्रग्स मामले में ‘फँसाया’ गया है। ‘मिड डे’ में एजाज अशरफ ने एक लेख लिख कर कहा है कि भाजपा के हिंदुत्व विचारधारा की वजह से सब हो रहा है। कॉन्ग्रेस नेता उदित राज और PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने भी कहा कि शाहरुख़ मुस्लिम हैं, इसीलिए NCB ने ये कार्रवाई की है। सोशल मीडिया में ऐसा ट्रेंड भी चला। अरब का ‘गल्फ न्यूज़’ भी शाहरुख़ खान का प्यार बना हुआ है।

‘मैं खान हूँ तो फँसाया जाऊँगा’ शीर्षक वाले इस लेख में लिखा है कि शाहरुख़ खान ने भाजपा नेताओं के साथ सेल्फी नहीं डाली और जन्मदिन की शुभकामनाएँ नहीं दी, इसीलिए उनके बेटे के खिलाफ कार्रवाई हुई है। ये तो आमिर खान ने भी नहीं किया है। सलमान खान भी भाजपा नेताओं के साथ सेल्फी नहीं डालते। रिया चक्रवर्ती कौन सी मुस्लिम थीं? तब तो कोई और कार्ड खेला गया था। लिखा है कि अमिताभ बच्चन को छूने की कोशिश कौन करेगा? अरे भाई, वो तो कॉन्ग्रेस के नेता रहे हैं और उनकी पत्नी सपा सांसद हैं।

क्या ड्रग्स मामले में आर्यन खान को अकेले गिरफ्तार किया गया है? कुल 8 लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी, जिनमें एक मुनमुन धामेचा भी हैं। उनके लिए तो किसी ने ये दावा नहीं किया कि उन्हें हिन्दू होने की वजह से परेशान किया जा रहा है। जब भी कोई अपराधी या आरोपित मुस्लिम निकलता है, लिबरल गिरोह का पूरा ध्यान उसके अपराधों से हट कर उसकी मजहबी पहचान पर केंद्रित हो जाता है और इसे ही मुद्दा बनाया जाता है।

इसके बाद ‘मुस्लिम कार्ड’ निकाल कर उसे पीड़ित बनाने की कोशिश चल पड़ती है। हालाँकि, अगर किसी हिन्दू को झूठे मामलों में भी फँसाया जाए तो लिबरल गिरोह उसे पहले ही अपराधी साबित कर देता है, भले ही न्यायपालिका ने उसे बरी ही क्यों न कर दिया हो। ये भी ध्यान रखिए कि मीडिया का एक बड़ा वर्ग और लिबरल-सेक्युलर गिरोह ऐसे मामलों में खुद को ही जाँच एजेंसी और सुप्रीम कोर्ट समझने लगता है।

कोई हिन्दू हो तो कहा जाता है कि ये मोदी सरकार की विचारधारा का समर्थक है और अपराधी है, जबकि कोई मुस्लिम हो तो उसे ‘हिन्दुओं के अत्याचार’ का पीड़ित बता दिया जाता है। इसी तरह हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ा कर रुपए कमाने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के मामले में भी किया गया था। उसके साथ गिरफ्तार हुए शो के आयोजन हिन्दू ही थे, फिर भी कार्ड मुस्लिम पहचान का ही खेला गया।

यही गिरोह विशेष तो नरेंद्र मोदी के पीछे तब से पड़ा है, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 2002 में गुजरात में दंगे हुए। जनता की अदालत से लेकर न्यायपालिका तक, हर जगह उन्हें कोई दोषी साबित नहीं कर पाया। लेकिन, गिरोह विशेष की नजर में वो दोषी हैं। आखिर इसी हिन्दू बहुमत वाले देश ने शाहरुख़ खान को सुपरस्टार बनाया न? हिन्दुओं ने कभी बॉलीवुड सेलेब्स और क्रिकेटरों को मजहब की नजर से नहीं देखा लेकिन सारे के सारे खुद बिल से बाहर आ रहे हैं।

असली बात तो ये है कि यही लिबरल गिरोह शाहरुख़ खान से घृणा करता रहा है कि वो क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं करते हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर उनके पूरे परिवार को गाली दी गई थी, क्योंकि वो इस पर्व को मनाते हैं। 2015 में उनके असहिष्णुता वाले बयान को लेकर हंगामा मचाया गया था और तब से उन्होंने कई मुद्दों पर चुप्पी ही बनाई रखी है। यही बात लिबरल गिरोह को खाए जाती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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