NDTV पत्रकार श्रीनिवासन जैन (Sreenivasan Jain) ने 3 अगस्त को अपने एक ट्वीट को लेकर माफीनामा जारी किया। इस ट्वीट में उन्होंने भारत बायोटेक ‘कोवैक्सीन’ को लेकर टिप्पणी की थी। अपनी माफी में उन्होंने कहा कि कई नेटिजन्स को उनका एक ट्वीट भ्रामक लगा क्योंकि उसमें वह ये स्पष्ट नहीं कर पाए थे कि कोवैक्सीन जिसके ‘शुरुआती बैच घटिया थे’ उन्हें बाहर (इस्तेमाल के लिए) नहीं भेजा गया। उनके अनुसार, उन्हें लगता है कि बात सही ढंग से रखनी चाहिए थी।
CLARIFICATION/APOLOGY: As many have rightly pointed out, an initial Tweet I sent out based on Dr NK Arora’s interview did not make it explicitly clear that the initial batches of Covaxin found substandard did not make their way into the vaccination programme. 1/n
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) August 3, 2021
ट्वीट में उन्होंने कहा, “जैसा कि कई लोगों ने ध्यान दिलवाया कि मेरा एक ट्वीट जो कि डॉ एनके अरोड़ा के इंटरव्यू पर आधारित था, उसमें यह साफ नहीं हुआ था कि कोवैक्सीन के शुरुआती बैच घटिया थे और उनका इस्तेमाल वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नहीं किया गया।”
I did clarify that in subsequent Tweets but the initial Tweet could have been worded much better. I am deleting the original Tweet. For any confusion caused as a result, apologies. 2/n
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) August 3, 2021
अपने अन्य ट्वीट में उन्होंने माना कि उन्होंने अपनी बात को सही तरह से प्रस्तुत नहीं किया और वह बेहतर कर सकते थे। उन्होंने कहा, “मैंने अपने बाद के ट्वीट में स्पष्ट किया था लेकिन शुरुआती ट्वीट को और बेहतर ढंग से लिखा जा सकता था। मैं ओरिजनल ट्वीट हटा रहा हूँ। मैं किसी भी कन्फ्यूजन के लिए सबसे क्षमा चाहता हूँ।”
अपने एक ट्वीट में यह बताकर कि उन्होंने अपनी बात डॉ एनके अरोड़ा के इंटरव्यू पर आधारित कही थी, श्रीनिवासन ने दूसरे ट्वीट में कहा कि ट्वीट उनके निजी विचार थे। अपने संस्थान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “ये मेरे पर्सनल ट्वीट थे। एनडीवी महीनों से वैक्सीनेशन कैंप को बढ़ावा दे रहा है, जिसका जाहिर तौर पर मैं भी समर्थन करता हूँ”
नेटीजन्स ने जाहिर किया गुस्सा
श्रीनिवासन द्वारा गलती मान लेने के बावजूद ट्विटर यूजर्स को उनका ढंग पसंद नहीं आया। कई यूजर्स ने उन्हें इसलिए लताड़ लगाई क्योंकि वह पहले ही लोगों में पैनिक वाली स्थिति बना चुके थे और गलत जानकारी फैलाने का काम कर चुके थे। यूजर्स ने उन्हें गैर जिम्मेदार कहा। कई लोगों ने कहा कि संभव है श्रीनिवासन का पहला ट्वीट टूलकिट का हिस्सा हो, जिसे भारत को बदनाम करने के लिए तैयार किया गया था।
So irresponsible. The "clarifying" tweet came one hour later yesterday. So many have taken Covaxin (including me). https://t.co/CzEWpiNZb4
— Tarun Shukla (@shukla_tarun) August 3, 2021
That was deliberate. Nothing unexpected from @ndtv toolkit media. Only your ecosystem takes you seriously. Carry on with your hitjob journalism. It doesn't make ANY DIFFERENCE.@SreenivasanJain https://t.co/axPsymL7QX
— Govind Raj (@govindraj70) August 3, 2021
यहाँ यह भी गौर देने वाली बात है कि श्रीनिवासन का ट्वीट ट्विटर प्लेटफॉर्म पर काफी देर रहा, लेकिन सोशल मीडिया साइट ने इस पर भ्रामक का टैग नहीं लगाया और न ही कोई कार्रवाई की जबकि ट्वीट को गलत साबित करने वाले पर्याप्त सबूत मौजूद थे।
बता दें कि श्रीनिवासन ने अपना भ्रामक ट्वीट सोमवार को शेयर किया था और वहाँ भारत बायोटेक कोवैक्सीन को घटिया क्वालिटी का कहा था जबकि डॉ अरोड़ा ने यह बात साफ कही थी कि जो बैच बेकार था उसे बाहर भेजा ही नहीं गया। जैन ने न जाने क्या सोचकर अपने शुरुआती ट्वीट में इस बात का उल्लेख नहीं किया। बाद में ये ट्वीट वायरल हुआ और इस पर सैंकड़ों लाइक और ट्वीट भी आए, जिन पर लोगों ने कई सवाल खड़े किए। लेकिन उस ट्वीट पर लोगों का ध्यान कम गया जहाँ खराब वैक्सीन को बाहर न भेजने की बात कही गई थी। नतीजन पहला ट्वीट वायरल हुआ और लोगों ने उसी पर प्रतिक्रिया दी और सारा बवाल उसी पर हुआ।