पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान 100 से भी अधिक ग़लत राजनीतिक विश्लेषण कर के अपना एक्यूरेसी रेट शून्य से भी नीचे रखने वाली प्रोपेगैंडा-परस्त वेबसाइट ‘द वायर’ ने अब फेक न्यूज़ के सहारे अपनी बात साबित करने की कोशिश की है। वेबसाइट ने गुरुग्राम वाली उस घटना को उठा कर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ अत्याचार के रूप में साबित करने की कोशिश की है, जिसमें शिकायत दर्ज कराने वाले मुस्लिम युवक के दावे झूठे पाए गए थे। बता दें कि गुरुग्राम में मोहम्मद बरकत आलम ने आरोप लगाया था कि ‘जय श्री राम’ न बोलने पर उसके साथ मारपीट की गई और उसकी इस्लामी टोपी को उछाल कर फेंक दिया गया था। बाद में पुलिस की जाँच और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद ये दावे झूठे पाए गए थे। यह एक सामान्य मारपीट की घटना थी।
“Simply Being Muslim” पर क्लिक करते ही गुरुग्राम वाली न्यूज़ खुल जाती है (नीचे देखें)
‘द वायर’ के लेख में फेक दावों वाली न्यूज़ का जिक्र कर ‘डर का माहौल’ साबित करने की कोशिश की गई
‘द वायर’ ने एक लेख छापा है, जिसके शीर्षक है- “दक्षिणपंथ ऊपर: लिबरल भारत के लिए रास्ते हुए बंद”। इस लेख में कई सारे आधारहीन कारण गिनाए गए हैं ताकि भारत में असहिष्णुता और डर के माहौल साबित किए जा सकें और उसके लिए गुरुग्राम वाली घटना का भी सहारा लिया गया है। इसमें लिखा गया है कि इस सप्ताह कई हिंसक घटनाएँ हुई, जैसे गुरुग्राम में में पीड़ित के मुस्लिम होने की वजह से घटी घटना। इस लेख में राईट विंग का बताते हुए कुछ ऐसे लेखों के हिस्सों को जगह दी गई, जिसमें लिबरलों के बारे कुछ बातें कही गई थीं।