कोरोना के फैलते प्रकोप ने सबके भीतर एक डर भर दिया है। बस सरकार इसी डर को उनके अंदर से खत्म करके उन्हें इससे लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकार अपनी तरफ से सुरक्षा बनाए रखने की हर कोशिश कर रही है। मगर मीडिया जगत के कुछ अफवाहकार (पत्रकारों की एक ब्रीड) नई-नई अफवाहों को रचकर उन्हें कमजोर बना रहे। अभी थोड़े समय पहले ये काम दि प्रिंट ने किया और प्रसार भारती के हस्तक्षेप से उनकी फजीहत हुई। अब ये काम टाइम्स ऑफ इंडिया के कंवरदीप नामक पत्रकार सॉरी अफवाहकार ने किया। मगर सोशल मीडिया पर ही यूजर्स ने ही उन्हें सच्चाई का आइना दिखा दिया।
Who r u trying to kill, Corona or humans? Migrant labourers and their families were forced to take bath in chemical solution upon their entry in Bareilly. @Uppolice@bareillytraffic @Benarasiyaa @shaileshNBT pic.twitter.com/JVGSvGqONm
— Kanwardeep singh (@KanwardeepsTOI) March 30, 2020
कंवरदीप ने बरेली में हो रहे सैनेटाइजेशन के कार्य की एक विडियो शेयर की। और उस पर यूपी पुलिस, बरेली ट्रैफिक को टैग करके लिखा कि आप किसे मारने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना को या फिर इंसानों को? कंवरदीप दावा करते हैं कि प्रवासियों को जबरन बरेली में प्रवेश देने से पहले रसायनिक पदार्थ में नहलाया जा रहा है।
अब आप ये विडियो देखेंगे और कैप्शन पढ़ेंगे तो आपका भी दिल पसीजेगा और यूपी पुलिस के प्रति गुस्सा उमड़ेगा। मगर, इससे पहले कि कंवरदीप की आधी-अधूरी जानकारी का आप शिकार हों, आपको बता दें कि जैसा वो दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं, हकीकत उससे थोड़ी उलट है। वास्तविकता में जो विडियो में दिख रहा है, उसका उद्देश्य लोगों को सैनेटाइज करना था। मगर, जब मामले ने तूल पकड़ा तो बरेली डीएम ने इस पर जाँच के आदेश दिए।
हालांकि मास सैनिटाइजेशन का यह तरीका दुनिया के कई देशों में अपनाया जा रहा है। इसे करते वक्त और सावधानी बरती जानी चाहिए थी और सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था जिससे लोगों को परेशानी महसूस नहीं होती।
— District Magistrate (@dmbareilly) March 30, 2020
इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। https://t.co/y8TmuCNyu5
— District Magistrate (@dmbareilly) March 30, 2020
और रही बात कवंरदीप के एंगल की, तो बता दें कि यह जाँच का आदेश जान पर खतरा मामले से संबंधित नहीं है क्योंकि इस तरह के केमिकल का कई जगहों पर प्रयोग किया जाता है। इनसे कोई हानि नहीं होती है। कई औद्योगिक विभाग भी इसे प्रयोग में लाते हैं। इसलिए जाँच का आदेश भीड़ को खुले में बैठाने को लेकर या फिर अति सक्रियता के चलते उनके साथ इस तरह के व्यवहार करने से संबंधित है न कि लोगों को डिसइंफेक्ट करने को लेकर और उनकी जान के खतरे में डालने को लेकर।
गौरतलब है कि आज कोरोना से लड़ने के लिए बड़ी तादाद में लोगों को डिसइंफेक्ट करने की प्रक्रिया का अनुसरण करना एक आवश्यकता है ताकि आगे इसे फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा एक खास जानकारी- जिस रसायन के प्रयोग को कंवरदीप जहर समान बता रहे हैं, उसका प्रयोग पानी को डिसइंफेक्ट करने के लिए किया जाता है। मगर, जिन्हें प्रोपगेंडे को ही रफ्तार देनी है, उन्हें इन बातों से क्या सरोकार?
अमित मालवीय ने केरल का वीडियो शेयर किया और पूछा की इसे लेकर हाय-तौबा क्यों नहीं? सिर्फ इसलिए कि वहाँ अपने मतलब की सरकार है?
This is Kerala, where agencies are mass ‘spraying’ people crossing borders. But all the outrage is reserved for UP, because a saffron clad monk of the BJP is the Chief Minister and is doing a good job!#IndiaFightsCorona while ‘The Lobby’ fights India…pic.twitter.com/FWCUxWbl5z
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 30, 2020
अब, मिर्चा गालिब नाम के ट्विटर यूजर इन्हीं तथ्यों पर कंवरदीप के अजेंडे को ध्वस्त करते हैं और विडियो से दर्शाते हैं कि कैसे डाइल्यूटेड कैल्शियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन की मदद से केबिन को और लोगों सैनेटाइज करने की प्रक्रिया की जा रही है।
This is NOT DANGEROUS. MANY INDUSTRIAL UNITS USE THIS. SEE THE FOLLOWING TWEET FOR MORE INFO. https://t.co/3UuBamDZj2
— मिर्चा ग़ालिब (@mirchagalib) March 30, 2020
यूजर, कंवरदीप की आधी जानकारी को गंभीर मामला मानते हैं और कहते हैं कि अब वाकई देश को पढ़े-लिखे पत्रकारों की आवश्यकता है। आजकल कम बुद्धि के लोग भी पत्रकार बन जाते हैं और फिर ऐसी तबाही मचाने का इंतजार करते हैं। यह एक ऐसा जिम्मेदार पेशा है, जिसे मूर्ख चला रहे हैं।
वहीं, स्पैमिंदर भारती (ट्विटर यूजर) भी कंवलदीप जैसे पत्रकारों के मंदबुद्धि होने की बात को उजागर करते हैं और कहते हैं कि सिर्फ़ थोड़ी सी सुर्खियों के लिए ये लोग पैनिक क्रिएट करते हैं। मगर ये जानने की जरूरत है कि कैमिकल सॉल्यूशन एक कीटाणुनाशक है। जिसे पूरे विश्व भर को संक्रमण रहित बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वे अपनी बात को प्रमाणित करते हुए कई उदहारण भी देते हैं और इंडोनेशिया, चीन, तथा फिलीपिन जैसे देशों की खबरों को शेयर करते हैं।।
Low IQ media again resorting to sensationalism to create panic. That “chemical solution” is a disinfectant spray. This measure has been used widely across the world to prevent/reduce imported cases. Hope @Uppolice takes action against this ‘journalist’. https://t.co/cFAXMfsdPB pic.twitter.com/7HKUnO4Tas
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) March 30, 2020