टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) ने सोमवार (20 फरवरी, 2023) भारतीय मूल के ब्रिटिश पत्रकार हसन सुरूर को ‘अमन की आशा’ का मंच दिया, जिसमें उन्होंने भारत से आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान की मदद करने का आग्रह किया। हसन सुरूर पर पीडोफिलिया का आरोप लगाया गया है। 2015 में उसे एक नाबालिग का कथित तौर पर यौन शोषण करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था, लेकिन ब्रिटेन की एक अदालत ने बाद में उसे बरी कर दिया था।
हसन सुरूर के ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित लेख का शीर्षक है, “क्यों पाकिस्तानियों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए भारत की आवश्यकता है।” दरअसल, इस लेख के माध्यम से नरेंद्र मोदी सरकार से अपने से गरीब पड़ोसी देश को बचाने का आग्रह किया गया है। सुरूर ने अपने लेख की शुरुआत भारत पर आरोप लगाते हुए की। उन्होंने लिखा, “पाकिस्तान में गहराते आर्थिक संकट के प्रति भारत उदासीन है।”
इसके बाद सुरूर ने भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की ‘टाइम्स लिट फेस्टिवल (Times Lit Festival)’ में बोलते हुए सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल बातचीत कर पाकिस्तान को राहत दे सकते हैं। दुलत ने कथित तौर पर कहा था, “मोदीजी पाकिस्तान को उबार सकते हैं। हो सकता है कि साल खत्म होने से पहले पाकिस्तान के साथ बातचीत हो?”
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रमुख एएस दुलत वर्षों से कॉन्ग्रेस पार्टी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। हाल ही में उन्हें पार्टी के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभियान में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के साथ देखा गया था। रॉ के पूर्व प्रमुख आतंकवादियों के प्रति अपने नरम रुख के लिए जाने जाते हैं। दुलत ने साल 2019 में पाकिस्तान में जवाबी कार्रवाई में किए गए बालाकोट हमले के बाद, पीएम मोदी कई गंभीर आरोप लगाए थे।
सुरूर स्पष्ट रूप से चाहते हैं कि उनके पाठक इस तथ्य पर ध्यान न दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब भी भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं, जब उनका देश दिवालिया होने की कगार पर है। मालूम हो कि इस समय पाकिस्तान अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शरीफ ने कहा था, “पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति है और भारत हमें बुरी नजर से नहीं देख सकता। हमारे पास इसे बाहर निकालने और पैरों तले कुचलने की ताकत है।” इस दौरान पाकिस्तान के पीएम ने कश्मीर का मुद्दा फिर से उठाया था।
‘मोदी सरकार मतभेदों को भूलाकर पाकिस्तान की मदद करे’
सुरूर चाहता है कि मोदी सरकार राजनीतिक मतभेदों को भूलाकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश की मदद करने के लिए आगे आएँ। जबकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अब भी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाली मोदी सरकार के खिलाफ अपनी ‘परमाणु शक्ति’ इस्तेमाल करना जारी रखे हुए है। सुरूर ने जोर देकर कहा कि भारत को एक बड़ा दिल दिखाने और संकटग्रस्त पाकिस्तान की मदद करने की जरूरत है, क्योंकि उसका सुझाव भारत की सॉफ्ट पावर और मानवीय मिशनों को फोकस में रखता है।
We want normal relations with Pakistan, is a statement that we have always said. But it has to be in a conducive atmosphere & free from terrorism: MEA Spokesperson Arindam Bagchi on Pakistan issue J&K issue at CICA Summit in Astana, Kazakhstan pic.twitter.com/BPDL7ahYjK
— ANI (@ANI) October 14, 2022
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ में प्रकाशित ‘इंडियाज सॉफ्ट पावर इज़ ब्लूमिंग अंडर मोदी’ शीर्षक वाले एक ऑप-एड में भाजपा नेता बैजयंत जय पांडा ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने में उसकी मदद करने वाली मोदी सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि भूकंप से प्रभावित तुर्की की मदद के लिए भारत का ‘ऑपरेशन दोस्त’ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का सिद्धांत भारत के विश्वास को प्रकट करता है। इसे उन्होंने दुनिया को एक परिवार के रूप में देखने वाला एक भारतीय दर्शन बताया।
भाजपा नेता के इस ऑप-एड का हवाला देते हुए, हसन सुरूर ने यह कहने की कोशिश की कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार विश्वासघात किए जाने के बावजूद, भारत को उसकी मदद करनी चाहिए, क्योंकि वहाँ के आम लोगों को उनकी मदद की जरूरत है। सुरूर चाहता है कि भारत राजनीतिक, रक्षा और इतिहास में हुई घटनाओं को दरकिनार कर दशकों से भारत के खिलाफ आतंकवादियों को पोषित करने वाले देश का मददगार बने।
इसके अलावा, सुरूर ने यह सुझाव देकर इमोशनल कार्ड खेलने की कोशिश की कि पाकिस्तान के लोग केवल पुराने पड़ोसी ही नहीं हैं, बल्कि पहले एक ही बार परिवार थे। बाद में हसन सुरूर ने दावा किया कि पाकिस्तान में गहराते आर्थिक संकट के कारण भारत को भी गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। अंत में, सुरूर पाकिस्तान के प्रति अपने प्रेम को छिपा नहीं पाया। वह एक उर्दू कहावत जोड़ता है, “हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे।”
हसन सुरूर के खिलाफ पीडोफिलिया का आरोप
नवंबर 2015 में हसन सुरूर को ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस ने 14 साल की एक लड़की का कथित तौर पर यौन शोषण करने के आरोप में पकड़ा था। खबरों के मुताबिक, पत्रकार को तब पकड़ा गया, जब उसने नाबालिग लड़की से व्यक्तिगत रूप से मिलने का प्रयास किया। एक टीवी चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान, उस पर आरोप लगाया था कि उसने लड़की को अश्लील मैसेज भेजे थे। हसन सुरूर ने नाबालिग के साथ अश्लील बातें करने और लड़की के साथ यौन संबंध बनाने लिए कंडोम खरीदने की बात कबूल की थी।
हालाँकि, एक साल बाद हसन सुरूर को सबूतों के अभाव में ब्लैकफ्रायर्स क्राउन कोर्ट (Blackfriars Crown Court) ने बरी कर दिया था। जून 2016 में एक लिखित सबमिशन में, क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा था, “इस मामले में अब दोष सिद्ध होने की कोई संभावना नहीं है।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बीते दिनों कहा था कि उनका मुल्क दिवालिया हो चुका है। वह एक दिवालिया देश के रहने वाले हैं। पाकिस्तान के सियालकोट में 18 फरवरी, 2023 को एक प्राइवेट कॉलेज के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था, “आपने सुना होगा कि पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट या दिवालिया होने वाला है। एक मेल्टडाउन होगा, लेकिन यह पहले ही दिवालिया हो चुका है। हम सब दिवालिया देश में रह रहे हैं।”