मीडिया संस्थान ‘TV9 भारतवर्ष’ के पत्रकार तनवीर अली ने हिन्दुओं के त्योहार रक्षाबंधन को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। तनवीर अली ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बहन की गाली देने वाले आज त्योहार मना रहे हैं।” उन्होंने रक्षाबंधन के दिन ये टिप्पणी की, जिस दिन बहन अपनी भाई को राखी बाँधती है। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को सम्मान देने वाले त्योहार पर इस तरह की टिप्पणी से लोग आक्रोशित हो गए।
‘हिन्दू आईटी सेल’ ने तनवीर अली के आपत्तिजनक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ‘TV9 भारतवर्ष’ को टैग करते हुए बताया कि आपका एक कर्मचारी रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार को बदनाम कर रहा है, जिसे दुनिया भर में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। ‘हिन्दू आईटी सेल’ ने मीडिया संस्थान से पूछा कि क्या वो इस तरह की बातों को बढ़ावा देते हैं या उक्त पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?
Important Update:
— Hindu IT Cell (@HinduITCell) August 23, 2021
We are in constant touch with the management of @TV9Bharatvarsh regarding their hinduphob!c employee [ Tanveer Ali] who posted an offensive post on Facebook and Twitter about Rakhshabandhan.
Let’s see what action they are going to take! https://t.co/azUuFR5CK8
साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर तनवीर अली के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो सोशल मीडिया पर चैनल का बहिष्कार किया जाएगा। इसके बाद एक महत्वपूर्ण अपडेट शेयर करते हुए ‘हिन्दू आईटी सेल’ ने जानकारी दी कि वो ‘हिन्दूफोबिक’ कर्मचारी द्वारा आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में ‘TV9 भारतवर्ष’ के प्रबंधन से संपर्क में है। साथ ही लिखा, “देखते हैं, वो इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।”
सिर्फ तनवीर अली ही नहीं, कई फेमिनिस्टों व लिबरल गैंग के लोगों ने रक्षाबंधन को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया। @Sahas_1015 नाम के ट्विटर यूजर ने इसे असमानता और भेदभाव का त्योहार बताने के लिए एक सीरीज चलाया, जिसमें कई लोगों ने इसे पितृ सत्तात्मक तो कई ने इसे बँधन में बाँधना बताया। बिहार की सोनाली का कहना है कि क्यों राखी भाई की कलाई पर ही बाँधी जाती है? क्यों भाई ही बहन की रक्षा करेगा? वो अपनी रक्षा खुद क्यों नहीं कर सकती? इसलिए उसने इस बार खुद को राखी बाँधने का फैसला किया।
नताशा नाम की यूजर ने लिखा, “आज बहनें अपनी सुरक्षा की आशा के साथ भाइयों को धागा बाँधने का जश्न मना रही हैं #रक्षा, वही भाई जो अपनी बहनों और महिलाओं को सामान्य रूप से गाली देते हैं, और अपने ‘मर्दाना कर्तव्यों’ को करने के लिए उनकी पीठ थपथपाते हैं।” सुमन सिद्धू ने लिखा, “यह इस विचार को बढ़ावा दे रही हैं कि भाइयों को पितृसत्ता के कारण अपनी बहनों की रक्षा करनी चाहिए। महिलाओं को सुरक्षा के लिए एक पुरुष की आवश्यकता है। स्पष्ट तौर पर यह एक बेतुका त्योहार है।”