Saturday, September 30, 2023
Homeसोशल ट्रेंड'बहन की गाली देने वाले आज त्योहार मना रहे' - रक्षाबंधन पर गैंग (इस्लामी/फर्जी...

‘बहन की गाली देने वाले आज त्योहार मना रहे’ – रक्षाबंधन पर गैंग (इस्लामी/फर्जी नारीवादी/वामपंथी) एक्टिव

पत्रकार तनवीर अली ने लिखा - "बहन की गाली देने वाले आज त्योहार मना रहे हैं।" शहरयार का कहना है - "यह एक बेतुका त्योहार है। महिला को सुरक्षा के लिए एक लड़के की आवश्यकता क्यों होती है?"

देश में हर्षोल्लास के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदी पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को सावन मास की पूर्णिमा तिथि है। सावन पूर्णिमा की तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। इस तिथि को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं।

लेकिन क्या सब रक्षाबंधन में भाई-बहन-प्यार ही ढूँढते हैं या पगलेट तर्कों के साथ सोशल मीडिया पर जहर भी फैलाते हैं? आइए देखते हैं।

इस मौके पर एक बार फिर से नारीवादी (फर्जी वाला) और इस्लामी गैंग भी एक्टिव हो गया है। @Sahas_1015 नाम के ट्विटर यूजर ने इसे असमानता और भेदभाव का त्योहार बताने के लिए एक सीरीज चलाया, जिसमें कई लोगों ने इसे पितृ सत्तात्मक तो कई ने इसे बँधन में बाँधना बताया। बिहार की सोनाली का कहना है कि क्यों राखी भाई की कलाई पर ही बाँधी जाती है? क्यों भाई ही बहन की रक्षा करेगा? वो अपनी रक्षा खुद क्यों नहीं कर सकती? इसलिए उसने इस बार खुद को राखी बाँधने का फैसला किया।

इसी तरह कई अन्य ने भी इस त्योहार को लेकर अपनी ‘राय’ रखी और समानता की बात की।

नताशा नाम की यूजर ने लिखा, “आज बहनें अपनी सुरक्षा की आशा के साथ भाइयों को धागा बाँधने का जश्न मना रही हैं #रक्षा, वही भाई जो अपनी बहनों और महिलाओं को सामान्य रूप से गाली देते हैं, और अपने ‘मर्दाना कर्तव्यों’ को करने के लिए उनकी पीठ थपथपाते हैं।”

सुमन सिद्धू ने लिखा, “रक्षाबंधन के पीछे का विचार और अर्थ “सुरक्षा” है, जिसमें बहनें भाइयों को राखी बाँधती हैं। यह इस विचार को बढ़ावा दे रही हैं कि भाइयों को पितृसत्ता के कारण अपनी बहनों की रक्षा करनी चाहिए। महिलाओं को सुरक्षा के लिए एक पुरुष की आवश्यकता है। स्पष्ट तौर पर यह एक बेतुका त्योहार है।”

उसने आगे लिखा, “आप सब अपने आप को मूर्ख मत बनाओ। यह एक बेतुका त्योहार है। साथ ही कोई भी भाई-बहन के मिलन के विचार का विरोध नहीं कर रहा है, यह आश्चर्यजनक है, हमें यह करना चाहिए, लेकिन कृपया अपने आप को मूर्ख न बनाएँ, कम से कम इस तथ्य को स्वीकार करें कि आप एक ऐसा दिन मना रहे हैं जो कहता है कि एक महिला को सुरक्षा के लिए एक लड़के की आवश्यकता होती है।”

एक अन्य यूजर ने पितृसत्ता का समर्थन करने वालों के अलावा सभी को राखी की शुभकामनाएँ दी। हालाँकि इनके ट्वीट पर भी कई लोगों ने प्रतिक्रियाएँ दीं। एक ने पूछा, “फेमिनिस्ट, कम्युनिस्ट और इस्लामी अलग-अलग होते हैं क्या?” वहीं एक अन्य ने कहा कि अभी तो और भी ब्लू टिक वाली नारीवादियों का आना बाकी है। एक यूजर ने कहा कि क्यों इनको अटेंशन देना, इनको यही चाहिए, भौंकने दो इनको आराम से।

फेसबुक पर भी ट्विटर वाला कीड़ा दिखा। TV9 भारतवर्ष के एक पत्रकार हैं तनवीर अली। ये लिखते हैं – ‘बहन की गाली देने वाले आज त्योहार मना रहे हैं।’ तनवीर जैसे बकलोल पत्रकार को कौन समझाए कि बकरीद पर पशु-रक्षा की बात करने पर कैसे सुलग जाती है इनके मुल्ले-मौलानाओं की!

पिछले कुछ वर्षों से धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू त्योहारों को अपमानित करने की एक मुहिम सी चल पड़ी है, मानो इससे ज़्यादा आवश्यक कोई काम नहीं है। हिंदू त्योहार हमेशा से इस्लामी कट्टरपंथियों और वामपंथियों के निशाने पर रहे हैं, जो सिद्ध करता है कि हिंदू आस्था के प्रति इनकी घृणा किस हद तक बढ़ी हुई है।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

देश में PM मोदी का जलवा बरकरार, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय: 2024 में तीसरी बार BJP सरकार की वापसी के...

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता लगातार बनी हुई है, इंडियाबुल्स-इप्सॉस के सर्वे में सामने आया है कि वह महिलाओं में अधिक लोकप्रिय हैं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम: महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण को मिला कानूनी रूप, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक के नाम से महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
276,920FollowersFollow
419,000SubscribersSubscribe