गुरूवार को सुदर्शन टीवी के एडिटर इन चीफ़ सुरेश चव्हाणके ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखा। जिसमें उन्होंने कहा बिंदाल बोल कार्यक्रम के तहत प्रसारित किए जाने वाले यूपीएससी (UPSC) जिहाद इसलिए रखा गया क्योंकि इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक़ ज़कात फ़ाउंडेशन की फंडिंग तमाम आतंकवादी संगठनों के द्वारा की जाती है।
Sudarshan News Editor-in Suresh Chavhanke tells Supreme Court that his show used the words “UPSC Jehad” because it has come to his knowledge through various sources “that Zakat Foundation has received funds from various terror-linked organisations.”. @IndianExpress
— Ananthakrishnan G (@axidentaljourno) September 17, 2020
राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा होनी चाहिए कि ज़कात फ़ाउंडेशन की फंडिंग आतंकवादियों संगठनों द्वारा की जा रही है। उन्होंने इस बात पर भी अपना पक्ष रखा कि 4 कार्यक्रमों की शृंखला में कहीं ऐसा नहीं कहा गया है कि किसी समुदाय के व्यक्ति को यूपीएससी का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।
Sudarshan News Editor-in Suresh Chavhanke tells Supreme Court that his show used the words “UPSC Jehad” because it has come to his knowledge through various sources “that Zakat Foundation has received funds from various terror-linked organisations.”. @IndianExpress
— Ananthakrishnan G (@axidentaljourno) September 17, 2020
सुदर्शन टीवी ने यह भी कहा ज़कात फ़ाउंडेशन को मदीना ट्रस्ट यूके से फंडिंग मिलती है। डॉक्टर ज़ाहिद अली परवेज़ इस ट्रस्ट के एक ट्रस्टी है। परवेज़ इसके अलावा इस्लामिक फ़ाउंडेशन का भी ट्रस्टी है।
1/n (Thread) What exactly did @SudarshanNewsTV submit before SC to prove that there exists a “UPSC Jehad”?
— Bar & Bench (@barandbench) September 17, 2020
So, @zakatindia is the organization that trains Muslim candiates for UPSC exams
Sudarshan TV claims ZFI recieved donation from Madina Trust UK pic.twitter.com/DDTJyfsNIg
ज़कात फ़ाउंडेशन ने विदेश मंत्रालय को दी गई जानकारी में बताया कि उसे वित्तीय वर्ष 2018-2019 में यूनाइटेड किंगडम की मदीना ट्रस्ट से 13,64,694.00 रूपए मिले थे। मदीना ट्रस्ट हमेशा से भारत विरोधी गतिविधियों के लिए मशहूर रहा है। ऐसी तमाम साक्ष्य और घटनाएँ हैं जिनमें साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि यह ट्रस्ट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है।
सुदर्शन न्यूज़ का यह कार्यक्रम सुर्ख़ियों में तब आया जब उसने एक कार्यक्रम का प्रोमो जारी किया जिसका प्रसारण 28 अगस्त को किया जाना था। सुरेश चव्हाणके ने बताया कि उनके चैनल द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी के अनुसार हाल फ़िलहाल में प्रशासनिक पदों पर और पुलिस विभाग में मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा मुस्लिम उम्मीदवारों को जितने अंक मिले हैं वह भी बाकी उम्मीदवारों की तुलना में कहीं ज़्यादा हैं। इसके बाद तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में मामला दर्ज कराया। जिससे इस कार्यक्रम का प्रसारण रुक जाए।
इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आदेश के पालन पर सहमति जताई थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने भी कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने आज ही वकील फ़िरोज़ इकबाल द्वारा कार्यक्रम का प्रसारण किए जाने के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई थी।