एक हैं भारतीय पत्रकारिता के माइकल एंजेलो प्रोपेगेंडा पत्रकार। उनका नाम है सरदेसाई, राजदीप सरदेसाई। पता नहीं कैसे लेकिन वो अक्सर ही कॉन्ग्रेस और मोदी विरोधी धड़े का पक्ष लेने के बाद भी निष्पक्ष बने रहते हैं। राजदीप लगातार अपनी निष्पक्षता का परिचय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपनी अंतर्निहित घृणा और पूर्वग्रह को व्यक्त करते हुए देते रहते हैं।
मंगलवार की रात अपने शो पर, राजदीप सरदेसाई ने अभिनेता विवेक ओबेरॉय को नरेंद्र मोदी से प्रेरित फिल्म पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था। इसमें ओबेरॉय ने प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका निभाई है। राजदीप सरदेसाई ने हमेशा की तरह पीएम मोदी से जुड़ी किसी भी बात को खारिज करने की जल्दबाजी में, सीधे तौर पर इसे एक ‘प्रोपेगेंडा फिल्म’ कह दिया, जबकि अभी तक राजदीप ने फिल्म देखी भी नहीं है बस फिल्म मोदी पर है तो हो गया प्रोपेगेंडा।
आप लोगों को याद दिला दें कि सरदेसाई ने एक बार खुद स्वीकार किया था कि उनके जैसे पत्रकार गिद्धों की तरह हैं। कल के शो पर उन्होंने यह बात साबित भी कर दी। उन्होंने फिल्म निर्माताओं के खिलाफ विपक्षी दलों के कंधों के सहारे अपना गुस्सा निकालने का प्रयास किया। राजदीप सरदेसाई ने 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फिल्म की रिलीज के समय पर विवेक ओबेरॉय से सवाल किया, क्योंकि राजदीप ने दावा किया है कि फिल्म को चुनावों को प्रभावित करने के लिए रिलीज किया जा रहा है।
राजदीप को एक ओपिनियन मेकर के रूप में बताते हुए, विवेक ओबेरॉय ने उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का न केवल कायदे से जवाब दिया, बल्कि उनकी राजनीतिक ‘पक्षकारिता’ और राय के बारे में उन्हें आईना भी दिखाया। फिल्म की रिलीज पर विवाद का जवाब देते हुए, विवेक ओबेरॉय ने राजदीप से पूछा कि क्या उनके शो पर दर्शकों को प्रभावित करने के लिए भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जैसे उन्होंने फिल्म पर आरोप लगाए।
Watch actor @vivekoberoi, who plays PM @narendramodi in his biopic, #exclusively in conversation with @sardesairajdeep.
— India Today (@IndiaToday) April 2, 2019
Modi inspires me, says the actor
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राजदीप सरदेसाई के तर्क पर सवाल उठाते हुए, विवेक ओबेरॉय ने पूछा कि क्या वह अपनी राय के माध्यम से चुनावों को प्रभावित नहीं कर रहे हैं और यदि उनकी फिल्म को एक ‘प्रोपेगेंडा फिल्म’ आप कह सकते हैं तो उसी तर्क को लागू करते हुए, क्या राजदीप के शो को अपनी राय से दर्शकों को प्रभावित करने के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है?
राजदीप ने विवेक ओबेरॉय से पूछा कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं, उनकी फिल्म को विपक्षी नेताओं द्वारा पूर्वग्रह से ग्रसित और पीएम मोदी को महान प्रोजेक्ट करने की कोशिश की जा रही है। विवेक ने जवाब दिया कि न तो चुनाव आयोग और न ही भारत के संविधान को फिल्म बनाने और रिलीज़ करने में कोई समस्या है।
जब राजदीप अपने मक़सद में सफल होते नहीं दिखे और उनकी हताशा बढ़ने लगी, तब उन्होंने विवेक से पूछा कि क्या वह दिल पर हाथ रखकर कह सकते हैं कि फिल्म की फंडिंग राजनीतिक पार्टी द्वारा नहीं की गई? विवेक ने जवाब दिया कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल द्वारा वित्त पोषित नहीं किया जा रहा है। विवेक ने जवाब दिया कि एक फिल्म की फंडिंग को सत्यापित करने के लिए एक प्रणाली है और उनकी फिल्म को किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा वित्त पोषित नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी को एक नायक के रूप में दिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि देश के लोग पहले से ही स्वीकार करते हैं कि पीएम मोदी वास्तव में एक ‘हीरो’ हैं।
I don’t need to make @narendramodi look like a hero. He is a hero, says @vivekoberoi
— India Today (@IndiaToday) April 2, 2019
Watch #Countdown with @sardesairajdeep |#LokSabhaElections2019
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पीएम मोदी पर एक बायोपिक बनाने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए विवेक ने कहा, “पीएम मोदी की कहानी और दृष्टिकोण भारत में एक अरब लोगों को प्रेरित करती है, जो गर्व से भक्त कहलाने को भी तैयार हैं। मैंने महसूस किया कि एक गरीब व्यक्ति की विनम्र शुरुआत से लेकर एक अरब लोगों के प्रेरक नेता बनने तक की कहानी को दिखाया जाना चाहिए।”
वामपंथी झुकाव वाले लुटियंस मीडिया के प्रमुख चेहरों में से एक राजदीप सरदेसाई ने खुले तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपमान की हदें लाँघते हुए टिप्पणी की है जबकि उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। अभी कुछ दिन पहले ही, राजदीप सरदेसाई ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयानों को सांप्रदायिक एंगल देने के लिए बेशर्मी से ट्विस्ट भी किया था।