Tuesday, November 5, 2024
Homeरिपोर्टमीडियापादरी ने 'नो कन्वर्जन' के खिलाफ की शिकायत, FIR में रचित कौशिक का जिक्र...

पादरी ने ‘नो कन्वर्जन’ के खिलाफ की शिकायत, FIR में रचित कौशिक का जिक्र तक नहीं; फिर क्यों उठाकर ले गई पंजाब पुलिस

पीड़ित परिवार को जो FIR दी गई है, उसमें रचित कौशिक का कहीं नाम तक नहीं है। इसमें सिर्फ और सिर्फ 'नो कन्वर्जन' ट्विटर हैंडल का ही नाम है। इस वीडियो में अरविन्द केजरीवाल वाले वीडियो का भी जिक्र नहीं है।

सब लोकतंत्र’ न्यूज पोर्टल के फाउंडर रचित कौशिक को बुधवार (6 फरवरी, 2024) को पंजाब के चार पुलिसकर्मियों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से उठा लिया। कौशिक एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर आए थे। घटना शाम के करीब 7 बजे की बताई जा रही है। कौशिक अपनी भांजी को पार्लर से लेकर विवाह स्थल पर जा रहे थे, जिस दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया।

ऑपइंडिया से रचित कौशिक की माँ ने बताया है कि उनका बेटा अपनी भांजी को लेकर शादी वाली जगह पर जा रहा था। अचानक से एक स्कॉर्पियो उनकी गाड़ी के सामने आ गई। इस गाड़ी से एक सिख व्यक्ति सामान्य कपड़ों में बाहर निकला।

कौशिक ने समझा कि उनकी कार स्कॉर्पियो को टच कर गई है, इसलिए उन्होंने इस व्यक्ति से बात करने के लिए गाड़ी का शीशा नीचे किया। लेकिन सिख व्यक्ति ने बिना किसी चेतावनी के उनकी गाड़ी का दरवाजा खोला और कौशिक को बाहर खींच लिया। इससे पहले कि कौशिक के साथ वाले लोग कुछ समझ पाते वह उन्हें खींचकर अपनी गाड़ी में ले गया।

कुछ ही मिनटों में कौशिक के रिश्तेदार और चश्मदीद यहाँ जमा हो गए। कौशिक की माँ ने बताया कि उनलोगों ने स्थानीय पुलिस से सम्पर्क किया। थोड़ी देर बाद पता चला कि इसके बारे में पंजाब पुलिस ने स्थानीय थाने को जानकारी दी थी। इसके बाद पंजाब पुलिस ने कौशिक को हिरासत में ले लिया। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कौशिक के परिवार को इस सम्बन्ध में कोई वारंट नहीं मिला।

FIR में सब लोकतंत्र या रचित कौशिक का नाम तक नहीं

इस मामले में दर्ज एफआईआर की काॅपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। ध्यान देने वाली बात है कि इस एफआईआर में कहीं भी रचित कौशिक या ‘सब लोकतंत्र’ चैनल का नाम नहीं है। यह एफआईआर लुधियाना के सलेम टाबरी थाना क्षेत्र के अलीशा सुल्तान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है।

FIR की प्रति (स्रोत: रचित कौशिक का परिवार)
FIR की प्रति (स्रोत: रचित कौशिक का परिवार)

शिकायतकर्ता ने खुद को पादरी बताते हुए कहा कि 17 जनवरी 2024 को उन्होंने ईसाई समुदाय के खिलाफ एक पोस्ट ‘नो कन्वर्जन (@noconversion)’ नाम के एक्स/ट्विटर हैंडल पर देखी। सुल्तान ने इस अकाउंट के खिलाफ ईसाई महिलाओं और ननों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसे पोस्ट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकते हैं, जिससे देश में अशान्ति हो सकती है।

FIR में बताया गया है कि उन पोस्टों की प्रतियाँ शिकायत के साथ संलग्न थी, लेकिन उन पोस्ट के लिंक एफआईआर में नहीं थे। इस FIR को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए, 153ए, 153, 504 और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत दर्ज किया गया है। लेकिन एफआईआर में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि ‘नो कन्वर्जन’ नामक हैंडल के किस पोस्ट से शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं।

ऑपइंडिया से बात करते हुए कौशिक की माँ ने बताया है कि हो सकता है कौशिक को इसलिए गिरफ्तार किया गया हो क्योंकि उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बेटे पुलकित के खिलाफ वीडियो बनाए थे। ऐसी ही एक वीडियो ‘नो कन्वर्जन’ नाम के हैंडल से 16 जनवरी 2024 को साझा की गई थी। इसमें रचित कौशिक केजरीवाल के बेटे पुलकित के विषय में बात कर रहे थे। उन्होंने इस वीडियो में पुलकित केजरीवाल पर जिम का सामान किराए पर देकर सरकारी खजाने से पैसा लेने का आरोप लगाया था।

इसके अलावा ऐसा कोई अन्य वीडियो नहीं है जो कि इस अकाउंट पर कौशिक को दिखाता हो। कौशिक की माँ के अनुसार गिरफ्तारी के समय पंजाब पुलिस को यह कहते सुना गया, “तुमको लम्बे समय से ढूँढ रहे थे, आखिर में पकड़ लिया।” ध्यान देने वाली बात है कि ‘नो कन्वर्जन’ हैंडल से कौशिक की जो क्लिप साझा की गई है उसमें कहीं भी ईसाइयों या धर्मांतरण के विषय में बात नहीं है। ऑपइंडिया को ऐसी कोई वीडियो नहीं मिली है जिसे ‘नो कन्वर्जन’ ने पोस्ट किया हो और उसमें कौशिक इस विषय में बात कर रहे हों।

नो कन्वर्जन नाम के अकाउंट द्वारा शेयर की गई रचित कौशिक की वीडियो (चित्र स्रोत: X)
नो कन्वर्जन नाम के अकाउंट द्वारा शेयर की गई रचित कौशिक की वीडियो (चित्र स्रोत: X)

लिहाजा यह स्पष्ट नहीं है कि कौशिक को पुलिस ने इसी वीडियो के आधार पर उठाया है। यह भी साफ़ नहीं कि कौशिक को ‘नो कन्वर्जन’ द्वारा की गई किस पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया है।

सबसे हैरानी वाली बात ये है कि पीड़ित परिवार को जो FIR दी गई है, उसमें रचित कौशिक का कहीं नाम तक नहीं है। इसमें सिर्फ और सिर्फ ‘नो कन्वर्जन’ ट्विटर हैंडल का ही नाम है। इस वीडियो में अरविन्द केजरीवाल वाले वीडियो का भी जिक्र नहीं है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि कौशिक को इसी बात के लिए उठा लिया गया है क्योंकि उनकी वीडियो को ‘नो कन्वर्जन’ ने साझा किया था। ऑपइंडिया ने पंजाब पुलिस से भी इस विषय में बात करने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हर निजी संपत्ति ‘सामुदायिक संसाधन’ नहीं, सरकार भी नहीं ले सकती: प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींची नई लक्ष्मण रेखा, जानिए अनुच्छेद 39(B)...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(B) के तहत सभी निजी संपत्तियों को 'सामुदायिक संसाधन' नहीं माना जा सकता।

सीरियल ब्लास्ट की साजिश, कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी जीप को टिफिन बम से उड़ाया… अब्बास, करीम और दाऊद को केरल की अदालत ने ठहराया...

केरल के कोल्लम में 2016 में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में तीन लोग दोषी ठहराए गए हैं। इनके नाम हैं अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -