छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद 14 जवान गायब हो गए हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। सुकमा में हुई इस मुठभेड़ में कई जवानों के घायल होने की भी सूचना है। चिंतागुफा के पास वाले जंगल में 150 लोगों की टीम को सर्च अभियान में लगाया गया है ताकि गायब जवानों का कोई सुराग मिल सके। ये मुठभेड़ शनिवार (मार्च 21, 2020) को हुई थी। सुकमा के एसपी शलभ सिन्हा का कहना है कि अभी तक सर्च पार्टी को सफलता हाथ नहीं लगी है। 14 घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर के रायपुर ले जाया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
एक अच्छी ख़बर ये है कि सभी घायल जवानों की हालत स्थित है और जान की कोई हानि नहीं हुई है। बता दें कि शनिवार को ‘डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG)’ और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। ये मुठभेड़ दोपहर ढाई बजे कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास हुई। एसपी ने बताया कि वो लोग उस समय ‘एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज’ को अंजाम दे रहे थे। इसके बाद डीआरजी, कोबरा और एसटीएफ के जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन के जरिए बुरकापाल और तिमेलिएदा क्षेत्र में नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही तलाशी अभियान चलाया।
नक्सलियों ने डीआरजी की टीम पर फायरिंग भी की। 600 सुरक्षा बलों की टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग की, जिसका ताबड़तोड़ जवाब दिया गया। सूचना मिली थी कि तेलंगाना के कई बड़े नक्सली यहाँ के नक्सली नेताओं के साथ बैठक करने आए हुए थे। अधिकारियों का मानना है कि इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली हताहत हुए हैं और उन्हें ख़ासा नुकसान पहुँचा है। एनकाउंटर की ख़बर मिलते ही सीआरपीएफ ने घटनास्थल पर मोर्चा संभाल लिया है। अप्रैल 2017 में यहाँ से कुछ ही दूरी पर नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। एसटीएफ का मानना है कि नक्सली अब नई रणनीति पर काम कर रहे हैं।
14 security personnel are missing and many sustained bullet injuries after a fierce exchange of fire with the outlawed Maoists took place at Elmagunda in the edgy district of Sukma, south #Chhattisgarh.https://t.co/PR0Ch7sSNp
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) March 22, 2020
सीपीआई माओइस्ट के नए मुखिया बासवराजू ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है और वो नक्सलियों के प्रभाव को बढ़ाने में लगा हुआ है, जो सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। नक्सलियों ने अपने हथियारों को भी दुरुस्त कर लिया है और वो ग्रेनेड लॉन्चर का प्रयोग करने में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि गायब 17 जवानों में से 3 का पता चल गया है, जबकि बाकी के 14 का अभी तक कोई पता नहीं चला है।