अग्निपथ योजना के तहत भारतीय नौसेना में 3000 अग्निवीरों का पहला बैच तैयार हो गया है, जिनमें 341 महिलाएँ हैं। यह पहली बार है जब महिलाओं को नाविक के तौर पर शामिल किया गया है। इन महिलाओं की ट्रेनिंग पुरुषों की ही भाँति होगी।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना में उपलब्ध पदों के लिए आवेदन करने वाले 10 लाख व्यक्तियों में से 82,000 महिलाएँ थीं। उन्होंने कहा कि अगले साल से महिला अधिकारियों के लिए सभी ब्रांच खोल दिए जाएँगे।
We’ve inducted 341 women Agniveers now. It’s the first time women are being inducted into the ranks.We’re not inducting women separately.They’re being inducted in the same manner as their male counterparts. It’s a uniform method of selection.They undergo similar tests: Navy chief pic.twitter.com/cWBawosVsf
— ANI (@ANI) December 3, 2022
नेवी चीफ ने कहा कि सेनाओं को जेंडर-न्यूट्रल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना में पहले फाइटर पायलटों और महिला एयर ऑपरेशन ऑफिसर्स सहित 7-8 ब्रांच में महिलाओं को एंट्री दी जाती थी, लेकिन अब महिला नाविकों को भी भर्ती किया जा रहा है। इन्हें अपने पुरुष समकक्षों के समान तैनात और ट्रेनिंग दी जाएगी।
पुणे के खडकवासला में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए एडमिरल हरि कुमार ने कहा, “वे जहाजों, एयरबेस, विमान पर तैनात किए जाएँगे। उन्हें हर चीज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिस तरह से एक सामान्य नाविक को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण में कोई अंतर नहीं होगा। केवल व्यक्ति की क्षमता को देखा जाएगा।”
अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए नेवी चीफ ने कहा कि यह एक शानदार योजना है, जिसे ‘व्यापक विचार-विमर्श और व्यापक अध्ययन के बाद पेश किया गया है कि अन्य सैन्य बलों ने अपने मानव संसाधन को किस तरह व्यवस्थित किया है। उन्होंने कहा कि यह विचार 2020 के मध्य के आसपास आया था और इसे अमल में लाने में लगभग दो साल लग गए।
सेना की औसत आयु को कम करने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “कारगिल समीक्षा समिति की रिपोर्ट में एक सिफारिश है कि सशस्त्र बलों में उम्र सीमा को नीचे लाने की जरूरत है। उस समय औसत उम्र 32 वर्ष थी और सिफारिश में कहा गया कि इसे कम करके लगभग 25-26 वर्ष तक लाया जाना चाहिए।”