दिल्ली पुलिस ने बताया है कि सीएए और एनआरसी विरोधी आन्दोलनों को मिडिल ईस्ट (अरब देशों) से फंडिंग मिली। इसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग़ स्थित दिल्ली के अन्य इलाक़ों में हुए विरोध प्रदर्शन शामिल हैं। सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने ऐसा कहा। रविवार को जामिया एलुमनाई के अध्यक्ष शिफा उर रहमान को गिरफ़्तार किया गया था।
अब उसे कोर्ट ने 10 दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि आरोपित शिफा उर रहमान को अरब देशों में बसे जामिया मिल्लिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन के मेंबर्स से फंडिंग मिली। रहमान सभी प्रदर्शन स्थलों के बीच समन्वय बनाने का भी काम कर रहा था। फंडिंग देने वाले अरब के कई देशों में फैले हुए हैं। रहमान का नाम कॉन्ग्रेस नेता इशरत जहाँ से पूछताछ में सामने आया था।
इशरत जहाँ के साथ खालिद सैफई, मीरान हैदर, सफोरा जरगर, गुलिसीफा और ताहिर हुसैन को भी अब तक गिरफ़्तार किया जा चुका है। इन सब के अलावा प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के 3 सदस्य भी पुलिस के शिकंजे में हैं। दिल्ली में विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में हुए प्रदर्शनों की रूपरेखा शिफा उर रहमान ने ही तय की थी। उसने हर जगह जाकर भड़काऊ भाषण दिए और फ़रवरी में दंगे फैलाने में उसका अहम रोल रहा।
Anti-CAA Jamia protests funded from Middle East, Delhi Police tells court
— Amrita Bhinder (@amritabhinder) April 28, 2020
“revealed accused Shifa Ur Rehman received funds from members of alumni association of Jamia Millia Islamia based in Middle East countries and was co-coordinating at protest sites” https://t.co/agFklpyjBr
रहमान ने अमीर और बद्री आलम नामक दो व्यक्तियों और जामिया कोआर्डिनेशन कमिटी के अन्य लोगों के साथ मिल कर दिल्ली के कई प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया था। अभी उससे पूछताछ पूरी नहीं हुई है। इसीलिए, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कई अन्य संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, जिनके डिटेल्स रहमान से और अच्छे से पूछताछ कर के निकाले जा सकते हैं। बताया गया कि इन प्रदर्शनों और दंगों में भारी-भरकम रक़म खर्च की गई थी।
रहमान के सामने अब टेक्निकल डेटा को रख कर कस्टडियल इंटेरोगेशन किया जाएगा। फ़रवरी में हुए हिन्दू-वरोधी दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी। ये सब कुछ सीएए विरोधी प्रदर्शनों से शुरू हुआ था। इसके बाद ताहिर हुसैन जैसों ने दिल्ली में कत्लेआम मचाया। दंगों के पीछे की साज़िश की जाँच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा किया जा रहा है।