भीमा-कोरेगाँव मामले के आरोपित वारवरा राव को कर्नाटक पुलिस ने करीब डेढ़ दशक पुराने एक माओवादी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया। फरवरी 10, 2005 को कर्नाटक के तुमकुर के थिरुमानी थाना क्षेत्र में हुए इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 6 कर्नाटक रिजर्व पुलिस फोर्स के जवान, एक रसोइया और एक आम नागरिक था। पुलिस के मुताबिक वारवरा राव इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता था।
प्रोडक्शन वारंट लेकर पुणे पहुँची कर्नाटक पुलिस ने यरवदा जेल से राव को हिरासत में लिया। भीमा-कोरेगाँव मामले के आरोपित राव न्यायिक हिरासत में यरवदा जेल में बंद थे। इस मामले की उसकी गिरफ्तारी नवंबर 17, 2018 को हैदराबाद हाई कोर्ट का नजरबंदी का आदेश समाप्त होने के बाद हुई थी। राव बीते साल तब सुर्खियों में आया था, जब पुलिस ने देशभर में कई जगहों पर माओवादियों से संपर्क रखने के आरोप में छापेमारी और गिरफ्तारी की थी। भीमा-कोरेगाँव मामले में माओवादियों से संपर्क रखने के आरोप में पुणे पुलिस राव सहित 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है।
Varavara Rao, an accused in Bhima Koregaon case has been taken into custody by Karnataka Police in connection with a case registered in 2005 at Tirumani. He was in judicial custody at Yerwada jail in connection with Bhima Koregaon case. (File pic) pic.twitter.com/wH6Fq9rvrD
— ANI (@ANI) July 3, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2005 में हुए माओवादी हमले में इससे पहले राव की कभी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस मामले के आरोपितों को 2016 में स्थानीय अदालत ने बरी भी कर दिया था और पुलिस ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की। इसके बाद कर्नाटक पुलिस ने एक स्थानीय अदालत से राव की गिरफ्तारी का वारंट हासिल किया और पुणे की अदालत से एनओसी मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। अब राव को कर्नाटक पुलिस स्थानीय अदालत में पेश करेगी।