छत्तीसगढ़ के बस्तर डिवीजन के बीजापुर जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 22 जवानों के बलिदान ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 21 जवान लापता बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सली हताहत हुए हैं। शनिवार को हुए इस हमले का मास्टरमाइंड माडवी हिडमा बताया जा रहा है।
कौन है माडवी हिडमा?
माडवी हिडमा की उम्र लगभग 40 वर्ष है। वह सुकमा जिले के पुवर्ती गाँव का रहने वाला है। 90 के दशक में वह नक्सली बना था। नक्सल कमांडर माडवी हिडमा कई नामों से जाना जाता है। मसलन, संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस समेत कई नक्सल प्रभावित राज्यों की पुलिस इस मोस्टवांटेड नक्सली की तलाश में है।
हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGa) बटालियन नंबर 1 का प्रमुख है और ऐसे घातक हमले करने के लिए जाना जाता है। वह महिलाओं सहित लगभग 180 से 250 माओवादियों के दस्ते का नेतृत्व करता है। माओवादी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का सदस्य है। वह सीपीआई (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का युवा सदस्य है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उसे माओवादियों के मिलिट्री कमीशन का चीफ भी नियुक्त किया गया है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हिडमा हमेशा छिपकर रहता है। यही कारण है कि हाल की उसकी कोई भी तस्वीर उपलब्ध नहीं है। पुलिस ने उसके सिर पर 40 लाख का इनाम घोषित किया हुआ है। बीजेपी विधायक भीम माडवी की हत्या के मामले में एनआईए ने उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से जून के बीच में नक्सली टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (TCOC) चलाते हैं। इस दौरान वह अपने खतरनाक हमलों के जरिए सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं। दरअसल, इन दौरान पेड़ों से पत्ते गिर चुके होते हैं। ऐसे में सुरक्षाबलों की गतिविधियॉं नक्सलियों को दूर बैठे भी नजर आ जाती हैं।
बता दें कि पहले भी कई बार नक्सलियों ने इन महीनों में टीसीओसी ऑपरेशन किए हैं। मार्च 2020 में नक्सलियों ने सुकमा में 17 लोगों की जान ली थी। अप्रैल 2019 में बीजेपी विधायक भीमा माडवी, उनके ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मियों को नक्सलियों ने मौत के घाट उतारा था। वहीं, अप्रैल 2010 में तडमेटला में 76 जवानों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
किन हथियारों का इस्तेमाल
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों पर घातक हमला करने के लिए माओवादियों ने लाइट मशीन गन (LMGs), अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL) और देसी रॉकेट का इस्तेमाल किया था।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन में शामिल जवानों ने बीजापुर-सुकमा सीमा पर मुठभेड़ में जो कुछ भी सामने आया था उसका ब्यौरा दिया है। बताया गया है कि करीब 400 नक्सलियों के समूह ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया था।
CRPF के महानिदेशक (DG) कुलदीप सिंह, जो छत्तीसगढ़ में हैं, उन्होंने 22 जवानों के बलिदान की पुष्टि की है। अधिकारियों ने News18 से बात करते हुए कहा कि इस हमले में लाइट मशीन गन (LMGs) का अधिक उपयोग किया गया था, जिसके कारण यह हमला ज्यादा भयावह था।
सिंह ने कहा कि फोर्स कमांडर ने मुझे बताया कि नक्सलियों ने एक एलएमजी को कहीं छिपा दिया था। उस स्थिति से उन्होंने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गोलीबारी की। यूबीजीएल, देसी रॉकेट इनका प्रयोग पहले से किया जाता रहा है, लेकिन इस बार इन्हें अधिक उपयोग किया गया। इससे निपटने के लिए हमारे जवानों ने बहुत संघर्ष किया। तीन ट्रैक्टरों में नक्सली अपने मृतक और घायल साथियों को ले गए।
There’s no point in saying that there was some kind of intelligence or operational failure. Had it been some intelligence failure, forces would haven’t gone for operation. If there was some operational failure, so many Naxals would haven’t been killed:DG CRPF Kuldiep Singh to ANI pic.twitter.com/3Bopg8Tec7
— ANI (@ANI) April 4, 2021
10 दिन में नक्सलियों का दूसरा बड़ा हमला
बीते 10 दिन में नक्सलियों ने जवानों पर यह दूसरा बड़ा हमला किया है। इससे पहले 23 मार्च को नारायणपुर में नक्सलियों ने पुलिस जवानों की बस को आईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस हमले में भी 5 जवान बलिदान हो गए थे, जबकि 14 अन्य जख्मी हुए थे। बस में 24 जवान सवार थे।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपना चुनावी कार्यक्रम छोड़कर दिल्ली लौट आए हैं। वह इस हमले को लेकर आईबी और सीआरपीएफ के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। अमित शाह ने रविवार को कहा कि वीरगति पाने वाले जांबाज जवानों को हमारी श्रद्धांजलि है। हम उनके परिजनों और देश को विश्वास दिलाते हैं कि बहादुर जवानों ने देश के लिए जो खून बहाया है वह व्यर्थ नहीं जाएगा।
#WATCH | Delhi: Home Minister Amit Shah taking top-level meeting with senior officers on Bijapur encounter at his residence.
— ANI (@ANI) April 4, 2021
Home Secretary Ajay Bhalla, Director IB Arvinda Kumar and senior CRPF officers are attending the meeting. pic.twitter.com/3opzROJC7g
इस हमले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। हमले के बावजूद असम में चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आलोचना हो रही है। साथ ही आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात की दक्षता और उन पर मेहरबानी को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं। इंटेजिलेंस फेल्योर के भी आरोप लग रहे हैं। यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सूचना तंत्र विफल रहा जिसके कारण नक्सलियों के मूवमेंट की सही जानकारी नहीं मिल पाई अथवा नक्सलियों द्वारा सुनियोजित तरीके से जानकारी देकर जवानों को फँसाया गया है।